भारत ने रक्षा क्षेत्र में एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की है। ‘मेड इन इंडिया’ ब्रह्मोस मिसाइल अब इंडोनेशिया को बेची जाएगी। इस डील की कुल कीमत ₹3800 करोड़ (करीब 450 मिलियन डॉलर) है। यह सौदा भारत की बढ़ती रक्षा ताकत और आत्मनिर्भरता का प्रतीक है। इससे पहले भारत ने फिलीपींस को भी ब्रह्मोस मिसाइलें निर्यात की थीं।
इंडोनेशिया के साथ नई शुरुआत
गणतंत्र दिवस के अवसर पर भारत आए इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांटो और उनके प्रतिनिधिमंडल ने ब्रह्मोस एयरोस्पेस का दौरा किया। यहां उन्हें ब्रह्मोस मिसाइल की तकनीक और इसकी क्षमताओं की जानकारी दी गई। प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व इंडोनेशियाई नौसेना प्रमुख एडमिरल मुहम्मद अली ने किया।
यह सौदा इंडोनेशिया को ब्रह्मोस मिसाइल खरीदने वाला दूसरा देश बनाएगा। इससे पहले, जनवरी 2022 में फिलीपींस के साथ 375 मिलियन डॉलर का समझौता हुआ था।
ब्रह्मोस मिसाइल की विशेषताएं
ब्रह्मोस मिसाइल दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों में से एक है। इसकी गति मैक 2.8 (ध्वनि की गति से तीन गुना तेज) है। इसे जमीन, समुद्र और हवा से लॉन्च किया जा सकता है। फिलीपींस को दिए गए संस्करण की मारक क्षमता 290 किमी है, जबकि भारत ने 500 किमी तक की मारक क्षमता वाले संस्करण भी तैयार किए हैं।
भारत-इंडोनेशिया संबंधों में मजबूती
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंडोनेशिया को भारत का एक अहम साझेदार बताया है। दोनों देशों ने रक्षा उत्पादन, व्यापार और समुद्री सुरक्षा के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने का निर्णय लिया है। इस गणतंत्र दिवस पर इंडोनेशियाई सेना का दल भी भारत की परेड में शामिल हुआ। यह दोनों देशों के बीच गहरे सांस्कृतिक और सामरिक संबंधों का प्रतीक है।
रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत
यह सौदा भारत की बढ़ती तकनीकी ताकत और आत्मनिर्भरता को दर्शाता है। ‘मेड इन इंडिया’ ब्रह्मोस मिसाइलों का निर्यात न केवल भारत की रक्षा क्षमताओं को दिखाता है, बल्कि यह भी साबित करता है कि भारतीय रक्षा उद्योग अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
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