केंद्र सरकार ने सोमवार को स्पष्ट कर दिया कि संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में चंडीगढ़ को संविधान के आर्टिकल 240 के दायरे में लाने के लिए 131वां संविधान संशोधन विधेयक, 2025 लाए जाने की खबरें पूरी तरह निराधार हैं
131st Constitution Amendment Bill 2025: केंद्र सरकार ने सोमवार को स्पष्ट कर दिया कि संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में चंडीगढ़ को संविधान के आर्टिकल 240 के दायरे में लाने के लिए 131वां संविधान संशोधन विधेयक, 2025 लाए जाने की खबरें पूरी तरह निराधार हैं। सोशल मीडिया पर फैली इन अफवाहों में दावा किया जा रहा था कि इस संशोधन के बाद राष्ट्रपति चंडीगढ़ के लिए सीधे नियम-कानून बना सकेंगे और चंडीगढ़ को एक स्वतंत्र प्रशासक मिल जाएगा।
गृह मंत्रालय ने इस कथित बिल को लेकर सभी तरह के दावों को पूरी तरह खारिज करते हुए साफ किया है कि चंडीगढ़ के प्रशासनिक ढांचे में किसी बदलाव की अभी कोई योजना नहीं है।
131st Constitution Amendment Bill 2025: गृह मंत्रालय ने क्या कहा?
जारी स्पष्टीकरण में गृह मंत्रालय ने लिखा “यह प्रस्ताव सिर्फ चंडीगढ़ केंद्र शासित प्रदेश के लिए विधायी प्रक्रिया को सरल बनाने हेतु विचाराधीन है। इस पर कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है। यह किसी भी प्रकार से चंडीगढ़ के शासन-प्रशासन में बदलाव करने या पंजाब-हरियाणा के साथ मौजूदा संबंधों को प्रभावित करने का इरादा नहीं रखता। शीतकालीन सत्र में इस संबंध में कोई विधेयक लाने की योजना नहीं है।”
इस बयान के साथ ही केंद्र सरकार ने साफ कर दिया कि चंडीगढ़ को लेकर राजनीतिक हलचल की वजह बना कथित संशोधन बिल फिलहाल केवल गलत सूचनाओं का परिणाम है।
131st Constitution Amendment Bill 2025: आर्टिकल 240 क्या है? क्यों हुआ विवाद?
संविधान का आर्टिकल 240 उन केंद्र शासित प्रदेशों पर लागू होता है, जिनकी अपनी विधानसभा नहीं होती। इन UTs में लक्षद्वीप, दमन और दीव, दादरा और नगर हवेली, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह इसके तहत राष्ट्रपति को प्रशासन से जुड़े नियम बनाने का अधिकार दिया गया है।
सोशल मीडिया पर अफवाह फैली कि अब चंडीगढ़ को भी इस सूची में शामिल किया जाएगा। इसका मतलब यह होता कि चंडीगढ़ पर सीधे राष्ट्रपति का प्रशासनिक नियंत्रण बढ़ जाएगा। हालांकि गृह मंत्रालय ने इस संभावना को सीधे तौर पर नकार दिया।
131st Constitution Amendment Bill 2025: पंजाब में क्यों बढ़ा विरोध?
सिर्फ अफवाहों के आधार पर ही पंजाब की राजनीति गरमा गई। तीनों प्रमुख पार्टियां आम आदमी पार्टी (AAP), कांग्रेस, अकाली दल, केंद्र सरकार के खिलाफ एकजुट दिखीं।
131st Constitution Amendment Bill 2025: CM भगवंत मान का बयान
पंजाब CM भगवंत मान ने एक्स पर लिखा “131वां संविधान संशोधन बिल पंजाब के हितों के खिलाफ है। चंडीगढ़ हमारी भूमि है, हमारा हक है। हम पंजाब के खिलाफ किसी साजिश को कामयाब नहीं होने देंगे।” अरविंद केजरीवाल ने कहा “यह पंजाब की पहचान पर हमला” AAP संयोजक अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार चंडीगढ़ पर पंजाब का हक खत्म करना चाहती है। उनका कहना था “यह केवल प्रशासनिक फैसला नहीं, बल्कि पंजाब की आत्मा को चोट पहुंचाने जैसा कदम है।”
131st Constitution Amendment Bill 2025: अकाली दल की कोर कमेटी की आपात बैठक
अकाली दल प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने इस प्रस्ताव को “फेडरल स्ट्रक्चर पर हमला” बताया। उन्होंने चंडीगढ़ स्थित पार्टी कार्यालय में आपात बैठक बुलाकर रणनीति बनाने की घोषणा की। कांग्रेस की प्रतिक्रिया पंजाब कांग्रेस प्रमुख राजा वड़िंग ने भी केंद्र सरकार से तुरंत स्पष्टीकरण की मांग की। उन्होंने कहा “चंडीगढ़ को पंजाब से अलग करने की कोई भी कोशिश गंभीर परिणाम लाएगी।”
131st Constitution Amendment Bill 2025: चंडीगढ़ पर पंजाब का दावा
चंडीगढ़ वर्ष 1966 में पंजाब के विभाजन के बाद अलग केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया था, लेकिन पंजाब लगातार यह दावा करता रहा है कि चंडीगढ़ को उसे वापस दिया जाना चाहिए। वर्तमान में पंजाब के राज्यपाल ही चंडीगढ़ के प्रशासक की भूमिका निभाते हैं।
कथित बिल की चर्चाओं के बाद यह मुद्दा एक बार फिर जोर पकड़ गया, लेकिन गृह मंत्रालय की सफाई के बाद फिलहाल स्थिति स्पष्ट हो गई है।
131st Constitution Amendment Bill 2025: विंटर सेशन पर टिकी थीं नज़रें, अब विवाद शांत
सोशल मीडिया पर फैलती अफवाहों के चलते पूरे पंजाब में विरोध बढ़ गया था। लेकिन गृह मंत्रालय ने साफ कर दिया है कि चंडीगढ़ के प्रशासनिक ढांचे में कोई बदलाव नहीं होने जा रहा। 131वां संविधान संशोधन विधेयक विंटर सेशन में नहीं आएगा। किसी भी बड़े निर्णय से पहले सभी हितधारकों से बातचीत की जाएगी। इसके साथ ही इस मुद्दे पर फैली गलत जानकारी और सियासी बयानबाजी पर फिलहाल विराम लग गया है।
