जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले के बुढल गांव में रहस्यमय बीमारी के चलते 17 लोगों की मौत हो चुकी है। इस गंभीर स्थिति से निपटने के लिए चंडीगढ़ से केंद्रीय फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (CFSL) की टीम ने प्रभावित गांव का दौरा किया है।
विशेषज्ञों की जांच और उम्मीद
टीम का नेतृत्व कर रहे डॉ. अमरजीत सिंह भाटिया ने कहा कि इस बीमारी के कारण और उपचार का जल्द ही पता लगा लिया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि शुरुआती जांच में मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र को नुकसान बीमारी का मुख्य कारण माना जा रहा है। जीएमसी राजौरी में भर्ती मरीजों में से नौ में से पांच ठीक हो चुके हैं।
डॉ. भाटिया ने कहा, “हम स्थानीय लोगों को इस बीमारी से बचाव के उपाय सिखा रहे हैं, जैसे कि भोजन या अन्य वस्तुओं का साझा न करना। जागरूकता बढ़ाना हमारी प्राथमिकता है।”
क्वारंटाइन और चिकित्सा सुविधा
राजौरी प्रशासन ने बुढल गांव में 150-बेड का निगरानी केंद्र बनाया है ताकि पीड़ित परिवारों को सुरक्षित रखा जा सके। इसमें 50-बेड का ऑब्जरवेशन सेंटर जीएमसी राजौरी में और 100-बेड का सेंटर गवर्नमेंट नर्सिंग कॉलेज में स्थापित किया गया है। इन केंद्रों में 24 घंटे चिकित्सा सुविधा के साथ सीसीटीवी की निगरानी और पुलिस सुरक्षा उपलब्ध है।
प्रशासन का आश्वासन
प्रशासन ने भरोसा दिलाया है कि अब इस बीमारी से और किसी की जान नहीं जाएगी। चिकित्सा दल और विशेषज्ञ लगातार स्थिति की निगरानी कर रहे हैं। फिलहाल, बीमारी के कारण का पता लगाने और इसके प्रसार को रोकने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं।
यह कदम न केवल प्रभावित क्षेत्र के लिए राहत हैं, बल्कि स्थानीय लोगों के बीच जागरूकता बढ़ाने का भी प्रयास है ताकि इस तरह की स्थिति भविष्य में ना हो।
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