Pune Chikungunya: पुणे में चिकनगुन्या प्रकोप, सितम्बर के पहले दो हफ्तों में 90 मामले!
Pune Chikungunya: पुणे में हाल ही में चिकनगुनिया के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी देखी गई है, जहां सितंबर 2024 के पहले दो हफ्तों में 90 मामले दर्ज किए गए। यह आंकड़ा अगस्त और जुलाई में रिपोर्ट किए गए मामलों से भी अधिक है, जिसमें क्रमशः 52 और 24 मामले दर्ज किए गए थे।
Pune Chikungunya के बढ़ते मामलों के साथ-साथ डेंगू और ज़ीका वायरस जैसी अन्य वेक्टर-जनित बीमारियों के मामले भी Pune में सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए एक गंभीर चुनौती बन गए हैं।
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TogglePune Chikungunya मामलों में खतरनाक वृद्धि
पुणे नगर निगम (PMC) के आंकड़ों के अनुसार, इस वर्ष 2,779 संदिग्ध डेंगू के मामले, 202 पुष्टि किए गए डेंगू के मामले, 176 चिकनगुनिया के मामले, और 101 ज़ीका वायरस संक्रमण दर्ज किए गए हैं। बढ़ते चिकनगुनिया के मामलों के चलते PMC ने पूरे शहर में एक केस-केंद्रित रोकथाम पहल शुरू की है। इस पहल का उद्देश्य उन बीमारियों को नियंत्रित करना है, जो एडीज मच्छर, विशेष रूप से एडीज एजिप्टी, एडीज अल्बोपिक्टस, और एडीज जापोनिकस के माध्यम से फैलती हैं। ये मच्छर चिकनगुनिया, डेंगू और ज़ीका वायरस फैलाते हैं।
मच्छरों के प्रजनन स्थलों पर नियंत्रण के लिए PMC ने घरों, कार्यालयों और सार्वजनिक स्थानों में मच्छर नियंत्रण कार्यक्रमों को तेज कर दिया है। मच्छरों के प्रजनन स्थलों को बनाए रखने पर 1,986 व्यक्तियों पर ₹7.10 लाख का जुर्माना लगाया गया है।
Chikungunya के फैलने के कारण
चिकनगुनिया का मुख्य कारण एडीज मच्छरों द्वारा काटना है, जिनमें प्रमुख रूप से एडीज एजिप्टी और एडीज अल्बोपिक्टस शामिल हैं। ये मच्छर स्थिर पानी में प्रजनन करते हैं और शहरी क्षेत्रों में विशेष रूप से मानसून के मौसम में पनपते हैं, जब पानी का जमाव आम हो जाता है। पुणे में मच्छर जनसंख्या में वृद्धि और ख़राब कचरा मैनेजमेंट ने वेक्टर- बोर्न बीमारियों के प्रसार को बढ़ावा दिया है।
Chikungunya मामलों में बढ़ोतरी के पीछे निम्नलिखित चीज़ें जिम्मेदार हैं:
- मानसून की बारिश: लगातार बारिश के कारण विभिन्न क्षेत्रों में पानी जमा हो गया है, जो मच्छरों के लिए आदर्श प्रजनन स्थल बन गया है।
- जलवायु परिवर्तन: बढ़ते तापमान ने मच्छरों को नए क्षेत्रों में पनपने की अनुमति दी है, जिससे वेक्टर-जनित बीमारियों के प्रसार का जोखिम बढ़ गया है।
Chikungunya के लक्षण
Chikungunya के लक्षण आमतौर पर संक्रमित मच्छर द्वारा काटे जाने के 4-8 दिनों बाद दिखाई देते हैं। हालांकि Chikungunya आमतौर पर जानलेवा नहीं होता है, लेकिन Pune Chikungunya केसेस में पाए गए नए वेरिएंट ने अधिक गंभीर लक्षण पैदा किए हैं, जिससे मरीजों के लिए जल्दी ठीक होना मुश्किल हो गया है। सामान्य लक्षणों में शामिल हैं:
- तेज बुखार: बुखार अक्सर 102°F से अधिक होता है।
- गंभीर जोड़ों का दर्द: यह चिकनगुनिया का मुख्य लक्षण है, जो आमतौर पर कलाई, घुटनों, और टखनों को प्रभावित करता है। कुछ मामलों में, यह दर्द हफ्तों या महीनों तक रह सकता है।
- मांसपेशियों का दर्द: मांसपेशियों में दर्द, जोड़ों के दर्द के साथ मिलकर, गतिशीलता को काफी हद तक प्रभावित करता है।
- सिरदर्द: तीव्र सिरदर्द भी बीमारी के तीव्र चरण के दौरान होता है।
- थकान और कमजोरी: मरीज अक्सर अत्यधिक थकावट महसूस करते हैं, जो बुखार के कम होने के बाद भी जारी रह सकती है।
- त्वचा पर चकत्ते: हाथ-पैर और धड़ पर लाल चकत्ते हो सकते हैं, जो खुजली के साथ आते हैं।
जोड़ों में दर्द और अन्य लक्षणों की गंभीरता विशेष रूप से बुजुर्गों और पहले से बीमार लोगों के लिए जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित कर सकती है।
Chikungunya से बचाव: सुरक्षित रहने के उपाय
Chikungunya से बचाव मुख्य रूप से मच्छरों से बचने और उनके प्रजनन को नियंत्रित करने पर निर्भर करता है। यहां कुछ महत्वपूर्ण उपाय दिए गए हैं:
- रुके हुए पानी को खत्म करें: कंटेनरों, गमलों, टायरों और अन्य जगहों को नियमित रूप से खाली करें, जहां पानी जमा हो सकता है। मच्छर स्थिर पानी में प्रजनन करते हैं, इसलिए इन प्रजनन स्थलों को खत्म करना जरूरी है।
- मच्छर रेपेलेंट का उपयोग करें: मच्छरों के काटने से बचने के लिए त्वचा पर मच्छर रेपेलेंट का उपयोग करें, विशेष रूप से सुबह और शाम के समय, जब मच्छर सबसे अधिक सक्रिय होते हैं।
- लम्बी आस्तीन के कपड़े पहनें: लंबी आस्तीन की शर्ट और पैंट पहनें ताकि त्वचा को मच्छरों के काटने से बचाया जा सके।
- मच्छरदानी लगाएं: घर में मच्छरों से बचाव के लिए मच्छरदानी और खिड़की-दरवाजों पर जाल लगाएं।
- सार्वजनिक स्वास्थ्य उपाय: नगर निगम के प्रयास, जैसे कि कीटनाशक छिड़काव और मच्छर नियंत्रण कार्यक्रम, मच्छरों की जनसंख्या को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। पब्लिक अवेयरनेस कैम्पेन भी लोगों को मच्छरों से बचाव के तरीके सिखाने में महत्वपूर्ण होते हैं।
PMC के मच्छर नियंत्रण प्रयास
वेक्टर-जनित बीमारियों के बढ़ते मामलों के जवाब में, PMC ने खासतौर से खाराड़ी और एरंडवाने जैसे क्षेत्रों में केंद्रित रोकथाम गतिविधियां शुरू की हैं, जहां मामलों में वृद्धि देखी गई है। ये प्रयास अब तक सफल रहे हैं और अब इन प्रयासो को शहर भर में लागू करने की योजना बनाई गई है। PMC ने जन जागरूकता बढ़ाने के लिए सूचना, शिक्षा, और संचार (IEC) गतिविधियों में भी तेजी लाई है।
PMC के नगर आयुक्त, राजेंद्र भोंसले, ने मच्छर नियंत्रण उपायों को तेज करने और कीटनाशकों और आवश्यक दवाओं का समय पर प्रावधान सुनिश्चित करने का आदेश दिया है।
Pune Chikungunya मामलों में तेज वृद्धि, साथ ही डेंगू और ज़ीका वायरस का भी इन्फेक्शन, एक गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य चुनौती बन गया है। Chikungunya वायरस के नए, अधिक आक्रामक वेरिएंट के उभरने से स्थिति और भी चिंताजनक हो गई है। हालांकि, व्यक्तिगत रोकथाम उपायों और नगर निगम के प्रयासों के माध्यम से मच्छरों के प्रजनन को नियंत्रित कर, पुणे इस खतरे को कम करने की भरसक कोशिश कर रहा है।
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