Shardiya Navratri 3rd Day: नवरात्रि, जो माता दुर्गा की उपासना का प्रमुख पर्व है, भारत में अत्यंत श्रद्धा और धूमधाम से मनाया जाता है। यह पर्व साल में चार बार आता है, जिनमें चैत्र और शारदीय नवरात्र मुख्य होते हैं। वर्तमान में शारदीय नवरात्रि का समय चल रहा है, जिसकी शुरुआत इस वर्ष 3 अक्टूबर से हुई है। नवरात्रि के प्रत्येक दिन माता दुर्गा के नौ अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है, और तीसरे दिन मां के तृतीय स्वरूप, Ma Chandraghanta की पूजा का विधान है। इस दिन की पूजा और महत्व को जानने से हमें यह समझने में मदद मिलती है कि कैसे मां चंद्रघंटा हमारे जीवन में शांति, समृद्धि और आत्मविश्वास का संचार करती हैं।
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ToggleMa Chandraghanta का स्वरूप
मां दुर्गा के तीसरे स्वरूप को Ma Chandraghanta के नाम से जाना जाता है। यह स्वरूप उनके मस्तक पर अर्धचंद्र होने के कारण चंद्रघंटा कहलाता है। देवी चंद्रघंटा का रूप अत्यंत अलौकिक और शक्तिशाली है। उनका रंग स्वर्ण के समान चमकता है और वे सिंह पर सवार होती हैं। उनकी आठ भुजाओं में त्रिशूल, गदा, कमंडल, खड्ग, धनुष, बाण और अन्य शस्त्र शोभायमान होते हैं। उनके गले में सफेद फूलों की माला होती है और उनके सिर पर रत्नजड़ित मुकुट शोभा बढ़ाता है। उनके इस युद्ध मुद्रा वाले स्वरूप से यह प्रतीत होता है कि वे सदैव धर्म और सत्य की रक्षा के लिए तत्पर हैं।
Ma Chandraghanta के नाम की उत्पत्ति
मां चंद्रघंटा के नाम की उत्पत्ति उनके मस्तक पर सुशोभित अर्धचंद्र के कारण हुई है, जो घंटे के आकार का प्रतीत होता है। पुराणों के अनुसार, जब राक्षसों ने पृथ्वी पर आतंक मचाया और स्वर्गलोक तक पहुंचकर देवताओं को परेशान किया, तब देवी चंद्रघंटा ने अपनी दिव्य शक्ति से उन दुष्टों का नाश किया। उनका यह स्वरूप शांति और समृद्धि प्रदान करने वाला माना गया है। देवी भागवत पुराण के अनुसार, उनकी पूजा से भक्तों के तेज और प्रताप में वृद्धि होती है और समाज में उनका प्रभाव बढ़ता है।
पूजा विधि
Shardiya Navratri 3rd Day मां चंद्रघंटा की पूजा सूर्योदय से पहले करने का विधान है। पूजा के लिए सर्वप्रथम ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान कर लें और फिर पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध करें। मां दुर्गा की प्रतिमा को लाल कपड़े पर स्थापित करें और उनके चंद्रघंटा स्वरूप का ध्यान करें। इसके बाद घी के पांच दीपक जलाकर पूजा आरंभ करें।
मां को अर्पित करने के लिए लाल और पीले रंग के फूलों का विशेष महत्व है, खासकर गुलाब और गुड़हल के फूल। इन फूलों के साथ मां को रोली, अक्षत, धूप-दीप, फल, मिठाई आदि अर्पित करें। पूजा में शंख और घंटों का विशेष महत्व है। शंख और घंटी बजाने से माहौल में सकारात्मकता बढ़ती है और नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है। पूजा के अंत में मां को दूध या केसर से बनी मिठाई का भोग लगाएं। आप खीर, दूध की बर्फी, या पेड़े का भी भोग लगा सकते हैं।
पूजा संपन्न करने के बाद मां से क्षमा प्रार्थना करें और फिर दुर्गा चालीसा, दुर्गा सप्तशती का पाठ या मां चंद्रघंटा की कथा का पाठ करें। यह भी मान्यता है कि इनका पाठ करने से संपूर्ण फल की प्राप्ति होती है।
Ma Chandraghanta का महत्व
Ma Chandraghanta की पूजा से विशेष रूप से आत्मविश्वास में वृद्धि होती है और जीवन में आने वाले सभी भय का नाश होता है। मां का यह रूप शक्तिशाली और प्रचंड माना गया है, जो भक्तों को आंतरिक शक्ति और साहस प्रदान करता है। मां चंद्रघंटा की कृपा से जीवन में स्थिरता और शांति का वास होता है।
उनकी पूजा करने से पापों का नाश होता है और जीवन की हर समस्या का समाधान मिलता है। मां चंद्रघंटा को मंगल ग्रह का प्रतिनिधि भी माना जाता है, इसलिए उनकी पूजा से मंगल दोष और उससे जुड़े सभी दोषों का निवारण होता है। भक्तों का यह विश्वास है कि उनकी पूजा करने से आध्यात्मिक और मानसिक बल में वृद्धि होती है और समाज में उनकी प्रतिष्ठा बढ़ती है।
Ma Chandraghanta के मंत्र
Ma Chandraghanta की पूजा में विशेष मंत्रों का भी उच्चारण किया जाता है। इन मंत्रों का उच्चारण करने से मां की विशेष कृपा प्राप्त होती है। पूजा के दौरान आप निम्न मंत्र का जाप कर सकते हैं:
पिण्डज प्रवरारूढ़ा चण्डकोपास्त्रकैर्युता।
प्रसादं तनुते महयं चन्द्रघण्टेति विश्रुता।।
इसके अलावा, एक अन्य प्रसिद्ध मंत्र है:
वन्दे वांछित लाभाय चन्द्रार्धकृत शेखरम्।
सिंहारूढा चंद्रघंटा यशस्वनीम्॥
इन मंत्रों का जाप करने से माता प्रसन्न होती हैं और भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं।
भोग और प्रसाद
मां चंद्रघंटा को दूध से बनी वस्तुएं अर्पित करना शुभ माना जाता है। नवरात्रि के तीसरे दिन मां को विशेष रूप से खीर, पेड़े या दूध से बनी मिठाई का भोग लगाना चाहिए। यह मान्यता है कि इससे भक्त की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और उनके जीवन में सुख-शांति का वास होता है।
लाल वस्त्र और उसका महत्व
Ma Chandraghanta की पूजा के दौरान लाल रंग के वस्त्र पहनना सबसे शुभ माना जाता है। लाल रंग शक्ति और ऊर्जा का प्रतीक है और इसे धारण करने से जीवन में समृद्धि और उन्नति होती है। इसके साथ ही पूजा के दौरान लाल रंग के फूल भी अर्पित करना विशेष लाभकारी होता है।
Shardiya Navratri 3rd Day मां चंद्रघंटा की उपासना का दिन है। यह दिन भक्तों के जीवन में विशेष महत्व रखता है, क्योंकि यह दिन आत्मविश्वास, शक्ति और साहस प्रदान करने वाला है। मां चंद्रघंटा की पूजा विधि के अनुसार पूजा करने से जीवन में सुख, समृद्धि और शांति का वास होता है। भक्तों को इस दिन विशेष ध्यान और श्रद्धा के साथ मां की पूजा करनी चाहिए और उनके आशीर्वाद की प्राप्ति के लिए मां का ध्यान करना चाहिए।
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