वित्त वर्ष 2023-24 (आकलन वर्ष 2024-25) के लिए Income Tax ऑडिट की अंतिम तिथि 7 अक्टूबर, 2024 है। यह समय सीमा विस्तारित की गई है, और यदि आप इस समय सीमा पर निर्भर हैं, तो आपको सतर्क रहना चाहिए। ई-फाइलिंग आईटीआर पोर्टल पर Income Tax ऑडिट रिपोर्ट जमा करने की मूल समय सीमा 30 सितंबर, 2024 थी। इसके बाद सरकार द्वारा आयकर समय सीमा को फिर से बढ़ाने की संभावना कम है।
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Toggleसमय सीमा का महत्व
Income Tax समय सीमा का पालन करना बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे न केवल आप अपने व्यवसाय की वित्तीय स्थिति को बेहतर ढंग से प्रबंधित कर सकते हैं, बल्कि यह भी सुनिश्चित करता है कि आप कर संबंधित जटिलताओं से बचें। समय पर आयकर ऑडिट रिपोर्ट जमा करने से आप संभावित जुर्माने और कानूनी दंड से बच सकते हैं, जो कि ₹1.5 लाख या कुल बिक्री का 0.5% हो सकता है।
वित्त मंत्री का बयान
“एसोसिएटेड चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज” #उधमपुर द्वारा किए गए एक प्रतिनिधित्व के जवाब में, माननीय वित्त मंत्री से अनुरोध किया गया था कि वे आकलन वर्ष 2024-25 के लिए Income Tax ऑडिट रिपोर्ट दाखिल करने की तिथि बढ़ाएं। केंद्रीय मंत्री Dr. Jitendra Singh ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर कहा कि श्रीमती निर्मला सीतारमण जी ने इस अनुरोध को स्वीकार किया। यह सरकार की ओर से व्यवसायों के प्रति सकारात्मक कदम है, जो उन्हें बेहतर तैयारी और अधिक समय देने की अनुमति देता है।
IMPORTANT INFORMATION FOR TAX PAYERS: In response to a representation made by “Associated Chamber of Commerce & Industries” #Udhampur, a request was made to the Hon’ble Finance Minister for extension of the date for filing of Audit Report for
1/2 pic.twitter.com/fxw7ZrhFow— Dr Jitendra Singh (@DrJitendraSingh) September 30, 2024
समय सीमा बढ़ाने के कारण
Income Tax विभाग और वित्त मंत्रालय ने समय सीमा बढ़ाने के पीछे कुछ महत्वपूर्ण कारणों की पहचान की है:
- डिजिटल हस्ताक्षर की छूट: यह पहला वर्ष है जब छोटे व्यवसाय मालिकों और पेशेवरों को डिजिटल हस्ताक्षर के उपयोग से छूट दी गई है। यह विशेष रूप से उन प्रोपराइटरशिप फर्मों के लिए महत्वपूर्ण है जिनके सिस्टम में तकनीकी समस्याएं आ रही थीं। इससे उन्हें रिपोर्ट जमा करने में मदद मिलेगी।
- जीएसटी नंबर का प्रभाव: चूंकि जीएसटी नंबर पैन आधारित है, सरकार के पास वित्त वर्ष 2023-24 के लिए पैन इंडिया स्तर पर दाखिल किए जाने वाले Income Tax ऑडिट की संख्या का अनुमान था। भरे गए वास्तविक Income Tax ऑडिट की तुलना में लंबित Income Tax ऑडिट की बड़ी संख्या को देखते हुए, सिस्टम पर भारी ट्रैफिक का खतरा था।
समय सीमा का पालन न करने पर क्या होगा?
यदि आप 7 अक्टूबर, 2024 को या उससे पहले Income Tax ऑडिट रिपोर्ट दाखिल नहीं करते हैं, तो आपको गंभीर परिणामों का सामना करना पड़ सकता है। सिरिल अमरचंद मंगलदास के प्रमुख कराधान पार्टनर एसआर पटनायक के अनुसार, Income Tax ऑडिट रिपोर्ट की इलेक्ट्रॉनिक फाइलिंग की समय सीमा को बढ़ाकर 7 अक्टूबर, 2024 कर दिया गया है। इसका मतलब है कि Income Tax ऑडिट 30 सितंबर, 2024 तक पूरा होना चाहिए और फाइलिंग 7 अक्टूबर, 2024 तक की जा सकती है।
संभावित जुर्माना
यदि आप समय सीमा का पालन नहीं करते हैं, तो Income Tax अधिनियम, 1961 के प्रावधानों के तहत आपसे जुर्माना लगाया जा सकता है। धारा 44AB (Income Tax ऑडिट) के अनुसार, यदि आप रिपोर्ट जमा नहीं करते हैं, तो आपको कुल बिक्री या टर्नओवर का 0.5% या ₹1.5 लाख, जो भी कम हो, का जुर्माना लगेगा। यह जुर्माना आपके व्यवसाय के वित्तीय स्वास्थ्य पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकता है।
आईटीआर की अनिवार्यता
Income Tax ऑडिट रिपोर्ट जमा करना अनिवार्य है। केवल वे करदाता जो आयकर ऑडिट के लिए उत्तरदायी हैं, उन्हें पहले ऑडिट रिपोर्ट अपलोड करनी होगी और फिर आईटीआर दाखिल करना होगा। दोनों प्रक्रियाएँ एक-दूसरे से जुड़ी हुई हैं और इन्हें छोड़ा नहीं जा सकता। यदि आपके मामले में आयकर ऑडिट लागू है, तो आईटीआर दाखिल करने की मूल समय सीमा वित्त वर्ष 2023-24 (AY 2024-25) के लिए 31 अक्टूबर, 2024 है।
समय सीमा चूकने के परिणाम
यदि आप समय सीमा चूकते हैं, तो इसके कई गंभीर परिणाम हो सकते हैं:
- विलंबित आईटीआर दाखिल करना: यदि आप 31 अक्टूबर, 2024 की आयकर समयसीमा चूक जाते हैं, तो आपको विलंबित आईटीआर दाखिल करना होगा। इस तरह के आईटीआर केवल संबंधित मूल्यांकन वर्ष की 31 दिसंबर तक ही दाखिल किए जा सकते हैं।
- धारा 234F के तहत विलंब शुल्क: विलंबित आईटीआर दाखिल करने पर आपको ₹1,000 का जुर्माना देना होगा (यदि घोषित आय ₹5 लाख से अधिक है तो ₹5,000)।
- बकाया कर पर ब्याज: बकाया कर पर ब्याज भी लगेगा, जो आपकी वित्तीय स्थिति को और भी खराब कर सकता है।
- घाटे का हक: यदि आईटीआर नियत तारीख के भीतर दाखिल नहीं किया जाता है, तो करदाताओं द्वारा उठाए गए किसी भी नुकसान, जैसे कि व्यावसायिक घाटे या पूंजीगत घाटे को भविष्य के वर्षों में आगे नहीं बढ़ाया जा सकेगा।
- अभियोजन: कुछ मामलों में, खासकर जब कुल कर देयता महत्वपूर्ण होती है, आयकर विभाग आईटीआर दाखिल न करने के लिए अभियोजन शुरू कर सकता है।
Income Tax ऑडिट रिपोर्ट और आईटीआर का महत्व
Income Tax ऑडिट रिपोर्ट को समय पर जमा करना न केवल जुर्माने से बचने के लिए आवश्यक है, बल्कि यह आपके भविष्य के कर मामलों में भी सहायक होता है। यदि आपकी आयकर ऑडिट रिपोर्ट समय पर जमा की जाती है लेकिन आप आईटीआर दाखिल नहीं करते हैं, तो भी गंभीर परिणाम हो सकते हैं।
जुर्माना और ब्याज के परिणाम
यदि आप समय सीमा के बाद भी Income Tax ऑडिट रिपोर्ट अपलोड नहीं करते हैं, तो आपका आयकर रिटर्न (आईटीआर) दोषपूर्ण माना जाएगा। दीवान पी एन चोपड़ा एंड कंपनी में डायरेक्ट टैक्स के पार्टनर परवीन कुमार के अनुसार, यदि आप वित्त वर्ष 2023-24 के लिए 31 अक्टूबर, 2024 की Income Tax समयसीमा से चूक जाते हैं, तो आपको विलंबित आईटीआर दाखिल करना होगा। इस स्थिति में आपको ₹5,000 का जुर्माना हो सकता है।
सलाह और सुझाव
- समय प्रबंधन: समय का सही प्रबंधन करें। Income Tax ऑडिट को पूरा करने और रिपोर्ट जमा करने के लिए पर्याप्त समय निर्धारित करें।
- पेशेवर मदद: यदि आवश्यक हो, तो एक चार्टर्ड एकाउंटेंट या कर सलाहकार से मदद लें। वे आपकी स्थिति का सही मूल्यांकन कर सकते हैं और आपको सही दिशा में मार्गदर्शन कर सकते हैं।
- डॉक्यूमेंटेशन: सभी आवश्यक दस्तावेज़ों को समय पर व्यवस्थित करें ताकि आपको अंतिम समय में परेशानियों का सामना न करना पड़े।
- नियमित अपडेट: Income Tax नियमों और प्रक्रियाओं में किसी भी बदलाव पर नजर रखें। इससे आप समय पर आवश्यक कदम उठा सकेंगे।
निष्कर्ष
आयकर ऑडिट रिपोर्ट को समय पर जमा करना आवश्यक है। समय सीमा नजदीक है, इसलिए जल्दी करें और सभी प्रक्रियाओं का पालन सुनिश्चित करें। आयकर कानूनों का पालन करने से न केवल आप जुर्माने से बचते हैं, बल्कि यह आपके व्यवसाय की वित्तीय स्थिति को भी मजबूत बनाता है। अपनी आयकर दायित्वों को समझें और उन्हें समय पर पूरा करें ताकि भविष्य में कोई भी परेशानी न हो।
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