Bhavish Aggrwal Vs. Kunal Kamra: 7 अक्टूबर 2024 को, Ola Electric के शेयरों में 9% से अधिक की गिरावट आई, इसके पीछे कंपनी के सीईओ भविष्य अग्रवाल और कॉमेडियन कुणाल कामरा के बीच सोशल मीडिया पर हुए विवाद ने अहम भूमिका निभाई। इस विवाद ने Ola Electric के ग्राहकों की बढ़ती असंतुष्टि को उजागर किया, जो कंपनी की ई-स्कूटर की बिक्री के बाद की सेवाओं से नाखुश हैं। Bhavish Aggrwal Vs. Kunal Kamra उस समय आई जब Ola Electric को इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) क्षेत्र में बढ़ती प्रतिस्पर्धा और अपने ग्राहकों की शिकायतों का सामना करना पड़ रहा है।
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Toggleसोशल मीडिया विवाद:Bhavish Aggrwal Vs. Kunal Kamra
विवाद तब शुरू हुआ जब स्टैंड-अप कॉमेडियन कुणाल कामरा ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म X पर एक तस्वीर पोस्ट की, जिसमें ओला के कई ई-स्कूटर एक डीलरशिप के बाहर खड़े दिखाई दे रहे थे, धूल में सने हुए। कामरा ने अपनी पोस्ट में ओला की सेवा गुणवत्ता पर सवाल उठाते हुए केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी को टैग किया और पूछा कि क्या भारत में इस तरह से ईवी की दिशा में प्रगति होगी।
इसके जवाब में, ओला के सीईओ भविष्य अग्रवाल ने कामरा पर आरोप लगाया कि उन्होंने पैसे लेकर कंपनी की आलोचना की है। उन्होंने कामरा पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उनकी असफल कॉमेडी करियर ने उन्हें ऐसा करने के लिए प्रेरित किया है। कामरा ने अग्रवाल को “अहंकारी और निम्नस्तरीय” कहा, जिसके जवाब में अग्रवाल ने कामरा को ओला के सर्विस सेंटर आने का आमंत्रण दिया, ताकि वह खुद देख सकें कि कितना काम है।
इस वाकयुद्ध ने सोशल मीडिया पर ग्राहकों और अन्य उपयोगकर्ताओं का ध्यान खींचा, खासकर ओला के ग्राहकों का, जो पहले से ही कंपनी की सेवाओं से नाखुश थे। कई उपयोगकर्ताओं ने अग्रवाल की भाषा की आलोचना की और उनके रवैये को “अहंकारी” बताया। एक यूजर ने लिखा कि “मध्यम वर्गीय व्यक्ति 3-4 महीने की सैलरी बचाकर ओला स्कूटर खरीदता है, और फिर उसे पहले हफ्ते में ही समस्याओं का सामना करना पड़ता है।”
बाजार पर असर और गिरती बिक्री
इस सार्वजनिक Bhavish Aggrwal Vs. Kunal Kamra के बाद Ola Electric के शेयरों में भारी गिरावट दर्ज की गई, जो 9% से अधिक गिरकर 89.71 रुपये प्रति शेयर पर आ गई। यह लगातार तीसरा दिन था जब कंपनी के शेयरों में गिरावट आई, और पिछले छह ट्रेडिंग सेशंस में से पांच में कंपनी के शेयरों में गिरावट देखी गई। ओला इलेक्ट्रिक के शेयर, जो अगस्त में अपनी शुरुआती वृद्धि के बाद 157.40 रुपये के शिखर पर थे, अब 74% गिर चुके हैं।
यह गिरावट उस समय आई है जब Ola Electric की बाजार हिस्सेदारी भी घट रही है। सितंबर में ओला की ई-स्कूटर रजिस्ट्रेशन में 11% की गिरावट दर्ज की गई, और कुल 23,965 यूनिट्स ही रजिस्टर्ड हुईं, जो पिछले साल अक्टूबर के बाद से सबसे कम है। कंपनी की बाजार हिस्सेदारी अगस्त में 30% से घटकर 27% हो गई, जिससे यह साफ़ होता है कि नए प्रतियोगियों का दबाव बढ़ रहा है।
Ola Electric की सेवा समस्याएं
ओला इलेक्ट्रिक की बिक्री के बाद सेवाएं ग्राहकों के असंतोष का मुख्य कारण बन रही हैं। सोशल मीडिया पर हजारों उपयोगकर्ता शिकायतें कर रहे हैं कि कंपनी की सेवा की गुणवत्ता ठीक नहीं है, स्कूटर की सर्विसिंग में देरी हो रही है, और सर्विस सेंटर पर समस्याओं का समाधान नहीं हो रहा। हाल ही में कर्नाटक में एक ग्राहक ने ओला के शोरूम में आग लगा दी, जब उसकी स्कूटर की सर्विसिंग में बार-बार देरी हुई।
इन समस्याओं को हल करने के लिए, ओला इलेक्ट्रिक ने हाल ही में “हाइपरसर्विस” नामक एक नई पहल शुरू की, जिसमें एक दिन में सेवा संबंधी मुद्दों के समाधान का वादा किया गया। हालांकि, इस कदम का भी अपेक्षित असर नहीं दिख रहा, क्योंकि ग्राहक शिकायतें लगातार बढ़ रही हैं।
नियामकीय जांच और शो कॉज़ नोटिस
केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) ने भी इस स्थिति का संज्ञान लिया है। 3 अक्टूबर को CCPA ने ओला इलेक्ट्रिक को शो कॉज़ नोटिस जारी किया, जिसमें कहा गया कि कंपनी उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के तहत कई प्रावधानों का उल्लंघन करती दिख रही है। इसमें सेवा की खामियां, भ्रामक विज्ञापन, अनुचित व्यापार प्रथाएं और उपभोक्ता अधिकारों का उल्लंघन शामिल हैं।
CCPA के अनुसार, 2023 से 2024 तक के बीच Ola Electric के खिलाफ 10,000 से अधिक शिकायतें दर्ज की गई हैं, जिनमें से कई शिकायतें सर्विसिंग में देरी, नई स्कूटरों की डिलीवरी में देरी, और विनिर्माण दोषों से संबंधित हैं। इसके अलावा, ग्राहकों ने आंशिक या बिना रिफंड प्राप्त किए बुकिंग रद्द करने की शिकायतें भी की हैं।
ओला इलेक्ट्रिक ने इस नोटिस का जवाब देने के लिए 15 दिनों का समय मांगा है और कहा है कि इसका कंपनी की वित्तीय और परिचालन गतिविधियों पर तत्काल प्रभाव नहीं पड़ेगा।
सार्वजनिक धारणा और ब्रांड को नुकसान
भविष्य अग्रवाल और कुणाल कामरा के बीच हुए इस विवाद ने Ola Electric की सेवा संबंधी समस्याओं को और उजागर कर दिया है। जहां अग्रवाल ने अपने कंपनी की आलोचना का सामना आक्रामक तरीके से किया, इसका नतीजा यह हुआ कि ग्राहकों और बाजार विश्लेषकों ने उनके व्यवहार को नकारात्मक रूप से देखा।
यह स्थिति यह दर्शाती है कि ईवी क्षेत्र में सफल होने के लिए ग्राहक सेवा का महत्व कितना बढ़ गया है। अगर Ola Electric ने अपने ग्राहकों की समस्याओं का जल्द समाधान नहीं किया, तो कंपनी को अपनी बाजार हिस्सेदारी और ब्रांड छवि में और गिरावट का सामना करना पड़ सकता है।
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