आगामी Maharashtra Election से पहले एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मुंबई में प्रवेश करने वाले हल्के मोटर वाहनों (LMVs) के लिए सभी पांच टोल प्लाज़ा पर Toll Tax माफ करने की घोषणा की है।
यह निर्णय सोमवार को हुई अंतिम कैबिनेट बैठक में लिया गया और इसका प्रभाव आज, 14 अक्टूबर 2024 की मध्यरात्रि से लागू होगा। इस फैसले से मुंबई आने-जाने वाले यात्रियों को बड़ी राहत मिलेगी।
ये पांच टोल प्लाज़ा दहिसर, मुलुंड (एलबीएस रोड और ईस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे), ऐरोली और वाशी पर स्थित हैं। इससे पहले इन टोल प्लाज़ाओं पर वाहनों से ₹45 से ₹75 तक का Toll Tax वसूला जाता था। लेकिन अब इस नई योजना के तहत हल्के मोटर वाहन जैसे कार, जीप, वैन, और छोटे ट्रक इन टोल बूथों पर बिना टोल चुकाए गुजर सकेंगे। यह कदम रोज़ाना यात्रा करने वाले लाखों यात्रियों के लिए विशेष रूप से लाभकारी होगा।
एक पुरानी मांग को Maharashtra Election आने पर पूरा किया गया
मुंबई के प्रवेश बिंदुओं पर Toll Tax माफी की मांग नागरिकों और कार्यकर्ताओं द्वारा लंबे समय से की जा रही थी। भारत की वित्तीय राजधानी मुंबई में रोज़ाना 6 लाख से अधिक वाहन आते-जाते हैं, जिनमें से लगभग 80% हल्के मोटर वाहन होते हैं। इन टोल बूथों पर ट्रैफिक जाम, लंबी कतारें और टोल शुल्क का बोझ हमेशा से यात्रियों के लिए बड़ी समस्याएं रही हैं। इस नई छूट के माध्यम से इन समस्याओं को कम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है।
मुख्यमंत्री शिंदे ने इस घोषणा को एक “मास्टरस्ट्रोक” करार दिया और कहा कि इससे न केवल ट्रैफिक की समस्या का समाधान होगा, बल्कि प्रदूषण भी कम होगा। उन्होंने कहा, “यह केवल चुनावी जुमला नहीं है। टोल प्लाज़ा पर लगने वाले ट्रैफिक जाम की समस्या काफी समय से चल रही थी। अब हल्के वाहनों को टोल से छूट देकर हम यात्रियों का समय बचाएंगे, प्रदूषण घटेगा और यातायात भी सुचारू रहेगा। यह एक ऐतिहासिक फैसला है, और यह स्थायी है, सिर्फ चुनावी कारणों से नहीं लिया गया है।”
विपक्ष की आलोचना
हालांकि, इस घोषणा के समय को लेकर विपक्षी दलों ने सरकार पर निशाना साधा है। शिवसेना (यूबीटी) नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने इसे Maharashtra Election से पहले “अंतिम प्रयास” के रूप में बताया और आरोप लगाया कि शिंदे सरकार राज्य में कानून-व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि यह घोषणा Maharashtra Election के कारण लगने वाली आचार संहिता लागू होने से ठीक पहले की गई है, जो दर्शाता है कि सरकार जनता के आक्रोश से बचने का प्रयास कर रही है।
चतुर्वेदी ने यह भी कहा कि हाल ही में एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या के बाद सरकार पर कानून-व्यवस्था को लेकर काफी दबाव है, और यह घोषणा उस दबाव को कम करने की एक चाल हो सकती है।
राज ठाकरे का समर्थन
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के प्रमुख राज ठाकरे, जो पहले से ही टोल बूथों के खिलाफ एक मजबूत रुख रखते हैं, ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है। ठाकरे ने इस कदम को नागरिकों के लिए एक बड़ी जीत बताया और कहा कि उनके कार्यकर्ताओं ने टोल संग्रह में पारदर्शिता की मांग को लेकर कड़ा संघर्ष किया है। ठाकरे ने कहा, “मेरे महाराष्ट्र सैनिकों ने टोल लेन-देन में पारदर्शिता की मांग के लिए कड़ी लड़ाई लड़ी। हम पर टोल बूथों पर हमला करने का आरोप लगाया गया था, लेकिन अब हर मुंबईकर बिना टोल चुकाए यात्रा कर सकेगा।”
हालांकि, ठाकरे ने यह भी उम्मीद जताई कि यह फैसला केवल चुनावों को ध्यान में रखते हुए नहीं लिया गया है, बल्कि दीर्घकालिक पारदर्शिता और न्याय सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है।
टोल संग्रह का ऐतिहासिक संदर्भ
मुंबई के प्रवेश बिंदुओं पर टोल बूथों की स्थापना मूल रूप से शहर में फ्लाईओवर निर्माण की लागत वसूलने के लिए की गई थी। महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास निगम (MSRDC) ने 55 फ्लाईओवरों के निर्माण के लिए टोल बूथ लगाए थे, और 2002 में टोल संग्रह शुरू हुआ था। हालांकि कई कार्यकर्ताओं का दावा है कि फ्लाईओवर की लागत दस साल पहले ही वसूल की जा चुकी थी, फिर भी सरकार ने टोल संग्रह जारी रखा।
सरकार ने हाल ही में टोल संग्रह को 2027 तक बढ़ा दिया था और इस अवधि के दौरान ₹11,000 करोड़ की वसूली की उम्मीद की जा रही थी। अब, इस Toll Tax छूट के फैसले से 2.8 लाख हल्के मोटर वाहनों को लाभ होगा और यह आगामी Maharashtra Election में एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन सकता है।
मुंबई के प्रवेश बिंदुओं पर हल्के मोटर वाहनों के लिए Toll Tax को खत्म करने का महाराष्ट्र सरकार का यह निर्णय यात्रियों के लिए एक बड़ा राहत भरा कदम है। जहां एक ओर इसे राज ठाकरे और अन्य कार्यकर्ताओं ने सराहा है, वहीं विपक्ष इसे चुनावी चाल बता रहा है। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या यह निर्णय शिंदे सरकार के लिए चुनावी सफलता की कुंजी साबित होगा या नहीं, लेकिन फिलहाल, मुंबई के यात्रियों को इस फैसले का सीधा लाभ मिलेगा।
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