बांग्लादेश में हो रहे अल्पसंख्यकों पर अत्याचार दिन पर दिन बढ़ती जा रही है। जिसके कारण बांग्लादेश इस्कॉन के पुण्डीरक अध्यक्ष Chinmay Krishna Das को गिरफ्तार कर लिया गया है। बात करें हिंदू माइनॉरिटी की तो हिंदू अल्पसंख्यक विशेष रूप से निशाना बनाया जा रहे हैं हिंदू मंदिरों को ध्वस्त किया जा रहा है उनके घरों पर हमला हो रहा है लेकिन सरकार एक्शन नहीं ले रही। यह मामला बहुत दिनों से चल रहा है इसी बीच Chinmay Krishna Das का नाम चर्चा में है। आखिर Chinmay Krishna Das का संबंध सनातन जागरण से क्या है सभी विस्तार से जानेंगे।
Chinmay Krishna Das पर क्या है आरोप …
Chinmay Krishna Das पर लगे आरोप को समझने के लिए बांग्लादेश में हो रहे हिंसा प्रदर्शन को शुरू से समझना होगा। 5 अगस्त को जब शेख हसीना की सरकार गिरी थी उसके बाद से ही बांग्लादेश में हिंसा भड़क चुकी थी और अल्पसंख्यकों पर अत्याचार हो रहे थे। जिसमें कथित तौर पर Chinmay Krishna Das अल्पसंख्यकों के साथ कई प्रदर्शन में शामिल रहे।ये प्रदर्शन सम्मिलित सनातनी जागरण जोत संगठन के बैनर तले होते रहे थे और इसके प्रवक्ता चिन्मय कृष्ण दास हैं। इसके बाद उन पर आरोप लगा कि 25 अक्टूबर को चटगांव के न्यू मार्केट में बांग्लादेश के राष्ट्रीय ध्वज का Chinmay Krishna Das द्वारा अपमान किया गया। जिसका पूरा मामला चटगांव पुलिस में दर्ज किया गया और Chinmay Krishna Das समेत 19 लोगों पर राजद्रोह का आरोप लगाकर मामला दर्ज कर उन्हें हिरासत में लिया गया। जिसके बाद Chinmay Krishna Das के समर्थक आक्रोशित होकर सड़क पर उतरकर प्रदर्शन करने लगे। जिसका विरोध प्रदर्शन चटगांव समेत बांग्लादेश की राजधानी ढाका में जमकर हुआ।
इस्कॉन पर प्रतिबंध लगाने की मांग..
बांग्लादेश में मौजूद कई ऐसे संगठन है जो इस्कॉन का विरोध कर रहे है और साथ ही इस पर प्रतिबन्ध लगाने की भी मांग की है। हालांकि बांग्लादेश की अदालत ने इस याचिका को ख़ारिज कर दिया है और इस्कॉन पर प्रतिबन्ध लगाने से साफ़ इंकार कर दिया। तो वही मीडिया से बात चीत करते वक़्त बांग्लादेश इस्कॉन के सेंट्रल कमिटी मेंबर बिमल कुमार घोष ने बताया की Chinmay Krishna Das को इस्कॉन से निष्काषित कर दिया गया है। और यदि वो सरकार के विरुद्ध कोई भी कार्य करते है तो इस्कॉन या हमारी संस्थता इसकी जिम्मेदारी नहीं लेती है। साथ ही नाहिद इस्लाम जो बांग्लादेश के अंतरिम सरकार के सूचना सलाहकार है उन्होंने बताया की Chinmay Krishna Das अपने आंदोलन को राजनैतिक रंग देने की कोशिश कर रहे है। और देश को अस्थिर बनाने की योजना बना रहे है।
इस पुरे घटना के कारण बांग्लादेश में रानीतिक तनाव के साथ ही धार्मिक तनाव भी बढ़ गया है।
Chinmay Krishna Das का सम्मिलित सनातनी जागरण से क्या है ताल्लुक
पिछले तीन महीने में बांग्लादेश में जो कुछ भी हो रहा है वो ये दिखाता है की बांग्लादेशी हिन्दू कितने पीड़ित है। देश में जबसे शेख हसीना की सरकार गिरी है तब लेकर अब तक बांग्लादेश में हिंसा और विरोध प्रदर्शन रुकने का नाम नहीं ले रहे। कई सरे हिन्दू मंदिरो संस्थाओ को बुरी तरह निशाना बनाया गया है और ये सब अभी भी हो रहा है। आपको बता दे बांग्लादेश में हिंदू आबादी मात्र 8% है । पिछले 3 महीने से देश में अल्पसंख्यकों पर जिस तरह से हमले हुए हैं उन सभी के खिलाफ सम्मिलित सनातनी जागरण जोत के बैनर की आड़ में विरोध प्रदर्शन किया जा रहे थे। इन सभी प्रदर्शनों और रैलियों का नेतृत्व Chinmay Krishna Das कर रहे थे और इसी तरह का एक प्रदर्शन चटगांव के रंगपुर गांव में आयोजित किया गया था। इसमें निष्कासित इस्कॉन नेता Chinmay Krishna Das को स्पीच देते हुए देखा गया था और उन्होंने अपने भाषणों में हिंदू और अल्पसंख्यकों पर जो अत्याचार हो रहे हैं उसको लेकर सरकार पर आरोप लगाए और सरकार पर भी निशाना साधा। इसके बाद बांग्लादेश के केंद्रीय कमेटी के सदस्य विमल कुमार घोष ने मीडिया से बातचीत करते हुए यह बताया कि Chinmay Krishna Das अलग-अलग जगह पर जो भाषण दे रहे हैं वह सभी उनका निजी बयान है हमारी संस्था यानी इस्कॉन इसकी कोई जिम्मेदारी नहीं लेता। उसके बाद जब इस्कॉन से Chinmay Krishna Das को निकाल दिया गया तब सम्मिलित के सनातनी जागरण जोत की संगठन की ओर से यह बयान आया की अंदरूनी राजनीति के कारण उन्हें गलत आरोप लगाकर निकाला गया था।
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