Maharashtra News: एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जिसमें फुटपाथ पर सो रहे तीन व्यक्तियों की मौत हो गई और छह अन्य घायल हो गए। इस दर्दनाक हादसे के दौरान दो बच्चे भी शामिल थे, जो अपनी जान से हाथ धो बैठे। यह दुर्घटना पुणे के वाघोली चौराहे के पास रात के लगभग 12.30 बजे हुई, जब एक शराब के नशे में धुत ट्रक चालक ने फुटपाथ पर सो रहे लोगों को रौंद दिया।
घटना का विवरण
पुलिस के अनुसार, वाघोली क्षेत्र के केसनंद फाटा के पास कई लोग फुटपाथ पर सो रहे थे, जिनमें अधिकांश लोग मजदूर थे। वे पूरी तरह से सो रहे थे जब ट्रक ने आकर उन्हें रौंद दिया। हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई, जबकि छह लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। मृतकों में दो बच्चे और एक पुरुष शामिल हैं। घायल लोगों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज चल रहा है।
पुलिस ने बताया कि ट्रक चालक को गिरफ्तार कर लिया गया है और उसकी जांच की जा रही है। प्रारंभिक जांच से यह पता चला है कि चालक शराब के नशे में था, जो हादसे का मुख्य कारण माना जा रहा है। पुलिस ने आरोपी चालक के खिलाफ मोटर व्हीकल एक्ट और बीएनएस (भारतीय दंड संहिता) के तहत मामला दर्ज किया है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि हादसे की जांच जारी है, और मामले में आगे की कार्रवाई की जा रही है।
हादसे की वजह: शराब के नशे में चालक
इस दुर्घटना का मुख्य कारण ट्रक चालक का शराब के नशे में होना बताया जा रहा है। नशे में होने के कारण चालक अपनी गाड़ी पर नियंत्रण नहीं रख सका, और वाहन फुटपाथ पर सो रहे लोगों को रौंदते हुए निकल गया। यह हादसा पुणे शहर में बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं और ड्राइविंग के दौरान शराब के सेवन को लेकर गंभीर सवाल खड़े करता है। पुलिस अधिकारियों ने इस संबंध में और अधिक जांच की बात कही है, और ड्राइवर के शराब पीने की पुष्टि होने के बाद उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
आत्मनिर्भर श्रमिकों का दर्दनाक अंत
जो लोग इस हादसे के शिकार हुए थे, वे सभी श्रमिक थे, जो अपनी रोजी-रोटी के लिए पुणे में काम करने आए थे। फुटपाथ पर सोते समय उनकी सुरक्षा का कोई इंतजाम नहीं था, और ऐसी घटनाओं के कारण उनकी जान चली गई। इस तरह की घटनाएं समाज के उस वर्ग को और अधिक असुरक्षित बनाती हैं, जो पहले से ही अपनी जिंदगी की मुश्किलें झेल रहा होता है। पुलिस के अनुसार, यह घटनाएं पुणे जैसे बड़े शहरों में बढ़ती जा रही हैं, जहां फुटपाथ पर असंख्य लोग सोते हैं, और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकार और नगर निगम को ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।
शराब पीकर गाड़ी चलाना: एक गंभीर अपराध
शराब पीकर गाड़ी चलाना न केवल कानून के खिलाफ है, बल्कि यह दूसरों की जान को भी खतरे में डालता है। आए दिन देशभर में शराब पीकर गाड़ी चलाने के कारण दुर्घटनाएं होती रहती हैं। ऐसी दुर्घटनाएं केवल सड़क पर चलने वालों के लिए ही नहीं, बल्कि वाहन चालकों के लिए भी खतरनाक साबित होती हैं। पुलिस ने ट्रक चालक के खिलाफ शराब पीकर गाड़ी चलाने के आरोप में मामला दर्ज कर लिया है। इस घटना से यह भी स्पष्ट हो गया है कि शराब के नशे में गाड़ी चलाने से किसी की भी जान जा सकती है।
कानूनी पहल और सुधार की आवश्यकता
इस घटना ने एक बार फिर सड़क सुरक्षा और ड्राइविंग के दौरान शराब के सेवन की गंभीरता को उजागर किया है। अगर शराब पीने वालों को सख्त सजा मिलती तो शायद इस तरह के हादसे कम हो सकते थे। सड़क सुरक्षा के नियमों का कड़ाई से पालन कराने के लिए सरकार और पुलिस को और सख्त कदम उठाने चाहिए। इसके अलावा, फुटपाथ पर सो रहे लोगों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए भी स्थानीय प्रशासन को उपायों पर विचार करना चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।
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