Emergency Movie Review: एक लंबे अरसे से विवादों में घिरे रहने के बाद अंततः कंगना रनौत की इमरजेंसी मूवी रिलीज हो गई है। इस फिल्म को लेकर लंबे समय से यह भी विवाद थे कि यह एक एजेंडे वाली फिल्म है और किसी खास विचारधारा को महिमामंडित करेगी। लेकिन जब आप यह फिल्म देखते हैं तो यह आशंका निराधार सिद्ध होती है। इस फिल्म में कंगना रानाउत ने इंदिरा गांधी का किरदार निभाया है साथ ही स्वयं ही इस फिल्म को निर्देशित भी किया है। इस मूवी में इंदिरा गांधी के जीवन काल के सभी ऐतिहासिक पल विवादास्पद करते हैं जो भारत ही नहीं अपितु इंदिरा गांधी के जीवन के लिए भी निर्णायक सिद्ध हुए हैं।
Emergency Movie Review: क्या है ‘इमरजेंसी’ की कहानी
इस कहानी की शुरुआत होती है 12 साल की इंदु यानी इंदिरा गांधी से जिनकी मां टीबी जैसी बड़ी बीमारी से ग्रसित है। और इंदु को अपने दादा से सत्ता और शासक होने का पहला सबक प्राप्त होता है। इसके बाद यह कहानी इंदिरा की व्यक्तिगत और राजनीतिक यात्रा की ओर ले जाती है जहां भारत को मिली आजादी, पिता पंडित जवाहरलाल नेहरू का प्रधानमंत्री बनना,1962 में भारत और चीन युद्ध और असम संकट, शिमला समझौता, 1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध, 1971 में बांग्लादेश का स्वतंत्रता, इंदिरा गांधी का शासन काल समय, ऑपरेशन ब्लू स्टार और अंत में आखिरी रैली के लिए जाती हुई इंदिरा की नृशंस हत्या जैसी सभी बड़ी घटनाओं का जिक्र किया गया है।
Emergency Movie Review: अनुपम खेर और श्रेयस तलपदे की फीकी एक्टिंग
इस फिल्म में कंगना रानाउत ने बहुत ही अच्छा अभिनय किया है। उनके लिए उन्हें 100 में से 100 नंबर मिलते हैं लेकिन अनुपम खेर और श्रेयस तलपड़े ने जेपी नारायण और अटल बिहारी वाजपेई की भूमिका निभाने में थोड़ी सी चूक कर दी। उनकी भूमिका के साथ न्याय नहीं किया। इस फिल्म में कंगना के बाद अभिनय में दूसरे नंबर पर जिस अभिनेता का नाम आ रहा है वह है सतीश कौशिक जिन्होंने जगजीवन राम के किरदार को निभाया है। इसमें उन्होंने दिल छू लेने वाला अभिनय किया है। वही संजय गांधी का किरदार करने वाले विशाल नायक से भी आने वाले दिनों की उम्मीदें बनती हैं।
Emergency Movie Review: फिल्म में सभी महत्वपूर्ण घटनाओं को समेटने की पूरी कोशिश
कंगना रनौत ने इस फिल्म में अब तक अपने अपने जीवन में सीखी हुई पूरी सिनेमा उड़ेलने की कोशिश की है। क्योंकि यह कहानी 1929 से लेकर 1984 तक की इंदिरा गांधी के जीवन से संबंधित सभी महत्वपूर्ण घटनाओं की पूरी व्याख्या और समेटने की कोशिश करती है। उस हिसाब से फिल्म की रफ्तार बहुत तेज है लेकिन नयी जनरेशन को ये फिल्म देखनी चाहिए ताकि वह इंदिरा गांधी की अहमियत को समझ सकें। और यह समझ सके कि इस देश के प्रधानमंत्री ने अमेरिका के राष्ट्रपति तक की खुली धमकियों के आगे घुटने टेकने से साफ इंकार कर दिया और इन दृश्यों में कंगना रनौत का जो अभिनय है। अगर गंगा रनौत को इस फिल्म के लिए पुरस्कार नहीं मिलता तो यह आश्चर्य की बात होगी।
Emergency Movie Review: कंगना का डायरेक्शन
इस मूवी के लेखक और निर्देशक दोनों ही कंगना रनौत स्वयं ही है। उनका निर्देशन आत्मविश्वास और साहस का एक भरपूर उदाहरण है। उन्होंने ऐतिहासिक घटनाओं और मानवीय भावनाओं को बहुत संवेदनशीलता के साथ संतुलित किया है /इस फिल्म ने भारत की राजनीतिक जटिलता को एक साहसिक रूप में दर्शाया है।
Emergency Movie Review: क्यों देखनी चाहिए ‘इमरजेंसी’
इस फिल्म में कंगना की परफॉर्मेंस निर्देशन और लेखन तीनों ही बहुत ही प्रभावी है। कंगना का लेखन और निर्देशन इस फिल्म को और भी खास बनाते हैं। इस फिल्म से इतिहास के साथ-साथ भावनाओं की भी गहराई को दर्शाया जा सकता है। अगर आप भी भारतीय राजनीति में रुचि रखते हैं तो यह फिल्म आपके लिए मस्ट वॉच है। यह ऐसी फिल्म है जो भारतीय इतिहास के सभी महत्वपूर्ण समय को समेटती है और कंगना ने अपनी परफॉर्मेंस और निर्देशन के बल पर इसे और भी खास बना दिया है।
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