
Yogini Ekadashi 2025: 88000 ब्राह्मणों को भोजन के बराबर पुण्य! जानिए योगिनी एकादशी का रहस्य
Yogini Ekadashi 2025: सनातन धर्म में एकादशी व्रत की काफी महत्वता मानी जाती है। 1 साल में कल 24 एकादशी के व्रत रखे जाते हैं, 1 महीने में दो बार एकादशी का व्रत रखा जाता है। निर्जला एकादशी के बाद योगिनी एकादशी का व्रत रखा जाता हैं। चलिए जानते हैं योगिनी एकादशी की तिथि और शुभ मुहूर्त।
Yogini Ekadashi 2025
योगिनी एकादशी का व्रत निर्जला एकादशी के बाद और देवश्यनी से पहले रखा जाता है। आषाढ़ मास में पढ़ने वाली कृष्ण पक्ष की एकादशी को योगिनी एकादशी कहा जाता है। योगिनी एकादशी का व्रत जून या जुलाई में रखा जाता है।
योगिनी एकादशी 2025 तिथि
हिंदू पंचांग के अनुसार, 2025 में आने वाली योगिनी एकादशी की शुरुआत 21 जून यानी शनिवार को सुबह 7:18 से शुरू होगी, और इसका समापन 21 जून 2025 को सुबह 4:27 पर होगा।
ऐसे में योगिनी एकादशी का व्रत 21 जून को रखा जाएगा। और एकादशी व्रत का पारण 22 जून यानी रविवार को किया जाएगा।
पारण का शुभ मुहूर्त
योगिनी एकादशी के दिन जिस तरह शुभ मुहूर्त पर पूजा करने की मान्यता है, इस तरह पारन भी शुभ मुहूर्त को देखकर ही किया जाता है।
योगिनी एकादशी के दिन 21 जून को पूरा दिन व्रत रखें, और व्रत का पारण 22 जून को दोपहर 1:28 से लेकर 4:03 के बीच में कभी भी कर सकते हैं।
हरिवासन समाप्त होने का शुभ समय 9:40 पर है।
योगिनी एकादशी का महत्व
आसान मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को योगिनी एकादशी व्रत रखा जाता है। यह व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है और अत्यंत महत्वपूर्ण मृत माना जाता है। मान्यता है कि जो भी व्यक्ति योगिनी एकादशी का व्रत रखता है उसके सारे पाप धुल जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है। जो भी व्यक्ति सच्ची श्रद्धा के साथ नया अनुसार इस व्रत का पालन करता है उसे पर भगवान विष्णु की अत्यंत कृपा होती है, और उसका जीवन सुख समृद्धि और आनंद से भर जाता है। मान्यता है कि योगिनी एकादशी का व्रत करना 88000 ब्राह्मण को भोजन करने के समान है।
योगिनी एकादशी व्रत विधि
योगी में एकादशी के नियम दशमी की शाम से ही शुरू हो जाते हैं और व्रत की पारण तक चलते हैं।
- दशमी तिथि के दिन रात के खाने में गेहूं, मूंग और जो का सेवन करने से बचना चाहिए। कई सारे लोग रात के समय में नमक का भी सेवन नहीं करते हैं।
- एकादशी के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान आदि करें, और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- अपने घर एवं पूजा स्थल की गंगाजल से सफाई करें।
- भगवान के सामने योगिनी एकादशी के व्रत का सच्चे मन से संकल्प लें।
- भगवान विष्णु की प्रतिमा को पंचामृत से स्नान कराए।
- लकड़ी की चौकी पर पीले रंग का वस्त्र बेचकर भगवान की प्रतिमा को स्थापित करें।
- भगवान विष्णु की पूजा करने के लिए एक कलश में जल भरकर रखें।
- भगवान को तिलक और अक्षत लगाए।
- भगवान विष्णु के मित्रों का 108 बार जाप करें।
- विष्णु चालीसा का भी पाठ करें, अंत में भगवान विष्णु की आरती उतारे।
- भगवान विष्णु को भोग लगाए, इस बात का ध्यान रखें की भोग में तुलसी को जरूर शामिल करें।
- अंत में भगवान विष्णु से क्षमा याचना करें।
यह भी पढ़े
Gupt Navratri 2025: तांत्रिक साधना और 10 महाविद्याओं का रहस्य!
1 thought on “Yogini Ekadashi 2025: 88000 ब्राह्मणों को भोजन के बराबर पुण्य! जानिए योगिनी एकादशी का रहस्य”