
Shrikant Dutta case: जब आम आदमी भौंकने लगा ,"दत्ता" से "कुत्ता" बना नाम और सरकारी सिस्टम की सच्चाई
Shrikant Dutta case: सरकारी सिस्टम की लापरवाही और आम जनता की बेबसी कोई नई बात नहीं है। रोज़ कहीं ना कहीं किसी आम आदमी को अफसरशाही के अड़ियल रवैये का सामना करना पड़ता है। लेकिन जब सहने की हद पार हो जाती है, तब कोई न कोई ऐसा तरीका खोज ही लेता है जो पूरे सिस्टम को झकझोर कर रख देता है।
इन दिनों सोशल मीडिया पर एक ऐसा ही वीडियो वायरल हो रहा है, जिसने सबका ध्यान खींचा है। इस वीडियो में एक आम आदमी ने सरकारी अधिकारी से बदला लेने का ऐसा अनोखा तरीका अपनाया, जिसे देखकर लोग हैरान भी हैं और तालियाँ भी बजा रहे हैं।
क्या है मामला?
यह वीडियो साल 2022 का है, जो अब दोबारा वायरल हो रहा है। यह घटना पश्चिम बं
गा ल के बांकुड़ा जिले की है। यहां के रहने वाले श्रीकांत कुमार दत्ता का नाम उनके राशन कार्ड में गलती से “दत्ता” की जगह “कुत्ता” छप गया।
श्रीकांत ने इस गलती को ठीक करवाने के लिए कई बार अधिकारियों के चक्कर लगाए। लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई। आवेदन दिए, गुहार लगाई, लेकिन सिस्टम का रवैया टस से मस नहीं हुआ। कई महीनों तक दौड़ने के बाद भी जब कोई हल नहीं निकला, तो श्रीकांत ने ऐसा कदम उठाया, जिसे कोई भी सोच नहीं सकता था।
नाम अगर कुत्ता है, तो भौंकूंगा भी कुत्ते की तरह
थक-हारकर श्रीकांत ने सरकारी अधिकारी को उसी की भाषा में जवाब देने का फैसला किया। जिस दिन अधिकारी अपनी गाड़ी से बाहर निकले, श्रीकांत वहां पहुंच गए और कुत्ते की तरह गाड़ी के आगे भौंकने लगे।
उनके हाथ में राशन कार्ड की कॉपी थी। भौंकते हुए वो कह रहे थे,
“मेरा नाम तो आपने कुत्ता लिखा है, तो मैं अब कुत्ते जैसा ही बर्ताव करूंगा।”
इस हरकत से अधिकारी घबरा गया और फौरन गाड़ी से बाहर निकला। उसने कागज़ देखा और तुरंत नाम सुधारने के आदेश दे दिए।
सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल
यह वीडियो इंस्टाग्राम अकाउंट @tv1indialive पर पोस्ट किया गया था और अब तक इसे 23 लाख से ज्यादा बार देखा जा चुका है। हजारों लोग इसे शेयर कर चुके हैं और इस पर मजेदार कमेंट्स भी कर रहे हैं।
कुछ लोगों ने लिखा –
“अधिकारी को काट लेना चाहिए था, तभी अक्ल आती।”
“ऐसे ही विरोध होना चाहिए, जिससे उनकी नींद टूटे।”
“पूरा डॉगेश समाज इस अन्याय से दुखी है!”
“शख्स ने भौंकने की एक्टिंग इतनी अच्छी की कि कुत्ते भी शर्मा जाएं।”
गंभीर सवाल भी खड़े करता है यह वीडियो
यह वीडियो देखने में भले ही मज़ेदार लगे, लेकिन यह हमारे सिस्टम की गहरी समस्या को उजागर करता है। जब एक आम आदमी की पहचान से ही खिलवाड़ हो जाए और उसे न्याय पाने के लिए कुत्ते की तरह भौंकना पड़े, तो इससे ज्यादा शर्मनाक क्या हो सकता है?
राशन कार्ड, जो एक महत्वपूर्ण सरकारी दस्तावेज़ है, उसमें इस तरह की गलती होना और फिर उसका सुधार न होना, सरकारी तंत्र की लापरवाही को दिखाता है। यह केवल एक व्यक्ति की परेशानी नहीं थी, बल्कि पूरे सिस्टम पर सवाल खड़ा करता है।
आम आदमी की ताकत
श्रीकांत कुमार दत्ता ने जो किया, वो भले ही कुछ लोगों को अजीब लगे, लेकिन उसमें आक्रोश भी है और विरोध का तरीका भी। यह घटना हमें बताती है कि जब हर दरवाज़ा बंद हो जाए, तो विरोध के नए तरीके जन्म लेते हैं। और यह भी कि अब आम आदमी सिर्फ चुप नहीं बैठता, वो सवाल करता है, जवाब मांगता है।
समाधान क्या है?
- सरकारी तंत्र में जवाबदेही होनी चाहिए।
अधिकारी कोई भगवान नहीं हैं, वो जनता के सेवक हैं। जब तक ये भावना उनके व्यवहार में नहीं आएगी, तब तक ऐसे विरोध होते रहेंगे। - डिजिटल और दस्तावेज़ प्रणाली को मजबूत करना होगा।
सरकारी कागज़ात में नाम, पता या अन्य जानकारी की गलती बहुत आम है। इन गलतियों को जल्द से जल्द सुधारने के लिए एक पारदर्शी और त्वरित प्रणाली होनी चाहिए। - जनता को भी अपने अधिकार जानने होंगे।
आम आदमी को यह पता होना चाहिए कि गलती सुधारने का कानूनी तरीका क्या है और वो कहां शिकायत कर सकता है। जागरूकता सबसे बड़ा हथियार है।
श्रीकांत की कहानी मज़ाक नहीं, एक चेतावनी है – सिस्टम सुधरो, वरना जनता अब चुप नहीं बैठेगी। यह वीडियो केवल मनोरंजन नहीं है, यह एक संदेश है कि यदि जनता को नजरअंदाज किया जाएगा, तो वह अपने अंदाज़ में जवाब देना सीख चुकी है।
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