
Paras Hospital Murder Case: ICU में घुसकर गैंगवार, कानून व्यवस्था पर उठे सवाल
Paras Hospital Murder Case: बिहार की राजधानी पटना के पारस हॉस्पिटल में हुई एक सनसनीखेज हत्या ने राज्य की कानून व्यवस्था को कटघरे में खड़ा कर दिया है। एक तरफ अस्पताल में भर्ती एक उम्रकैद की सजा काट रहा कुख्यात अपराधी इलाज के लिए पैरोल पर आया था, वहीं दूसरी तरफ पांच हथियारबंद हमलावरों ने ICU में घुसकर उसे गोलियों से भून दिया। इस घटना ने पूरे शहर में हड़कंप मचा दिया है और लोगों के बीच डर का माहौल है।
कौन था मारा गया चंदन मिश्रा?
मृतक की पहचान बक्सर निवासी चंदन मिश्रा के रूप में हुई है। वह 2011 के चर्चित राजेंद्र केसरी हत्याकांड में उम्रकैद की सजा काट रहा था। चंदन को कई अन्य आपराधिक मामलों में भी आरोपी बताया जाता है, जिनमें हत्या, रंगदारी और अपहरण जैसे संगीन अपराध शामिल हैं। वह फिलहाल स्वास्थ्य कारणों से पैरोल पर बाहर था और पारस हॉस्पिटल के ICU में इलाज करवा रहा था।
आईसीयू में घुसकर मारी गई गोली
घटना 17 जुलाई की सुबह करीब 11 बजे की बताई जा रही है। सीसीटीवी फुटेज में साफ देखा गया कि पांच लोग हथियारों से लैस होकर सीधे ICU में घुसे और ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। ICU में भर्ती चंदन मिश्रा को गोलियों से छलनी कर दिया गया। घटना के बाद हमलावर मौके से फरार हो गए। यह पूरी वारदात चंद मिनटों में अंजाम दी गई, जिससे साफ है कि यह एक साजिश के तहत की गई प्लानिंग थी।
पुलिस की शुरुआती जांच में क्या निकला?
पटना के एसएसपी कार्तिकेय शर्मा ने बताया कि प्रारंभिक जांच में यह मामला पुरानी गैंगवार से जुड़ा लग रहा है। चंदन मिश्रा की पटना और भागलपुर जेल में कई अपराधियों से दुश्मनी चल रही थी। खासकर एक अपराधी शेरू से उसका विवाद था। शेरू गैंग पर ही इस हमले का शक जताया जा रहा है। पुलिस का मानना है कि जेल के अंदर से ही इस हमले की साजिश रची गई हो सकती है।
कौन है तौसीफ बादशाह?
इस हत्या की जांच के दौरान एक नाम तेजी से सामने आया है – तौसीफ बादशाह। पुलिस के मुताबिक तौसीफ इस हमले का मुख्य साजिशकर्ता हो सकता है। उसकी तलाश में पटना के फुलवारीशरीफ इलाके के गुलिस्तान और मिन्हाज नगर मोहल्लों में छापेमारी की गई। लेकिन वह घर पर नहीं मिला।
पुलिस ने इस्लामिया स्कूल में शिक्षिका के तौर पर कार्यरत उसकी मां और सत्तार मेमोरियल बीएड कॉलेज में घंटों पूछताछ की। स्कूल के अन्य स्टाफ से भी जानकारी जुटाई गई। हालांकि, अभी तक तौसीफ का कोई सुराग नहीं मिला है, लेकिन पुलिस का दावा है कि कई अहम सुराग हाथ लगे हैं।
क्या कहता है CCTV फुटेज?
CCTV में जो कुछ कैद हुआ है, वो बेहद चौंकाने वाला है। फुटेज में दिख रहा है कि हमलावर बिना किसी डर के सीधे अस्पताल में घुसे और आईसीयू तक पहुंच गए। उनके पास हथियार थे और उन्होंने बेहद शांत तरीके से वारदात को अंजाम दिया। सुरक्षा व्यवस्था की इतनी बड़ी चूक ने अस्पताल प्रबंधन और पुलिस की लापरवाही उजागर कर दी है।
राजनीतिक घमासान
घटना के बाद बिहार की राजनीति में भी भूचाल आ गया है। विपक्षी नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि “बिहार में अब कोई भी सुरक्षित नहीं है। अस्पताल, कोर्ट, जेल – कोई जगह अपराधियों के कब्जे से सुरक्षित नहीं बची।” पप्पू यादव ने भी सरकार को आड़े हाथों लिया और नीतीश सरकार पर “गुंडा राज” चलाने का आरोप लगाया।
अस्पतालों में कैसे सुरक्षित रहें?
यह मामला न सिर्फ कानून व्यवस्था बल्कि अस्पतालों की सुरक्षा पर भी गंभीर सवाल उठाता है। जब एक कुख्यात अपराधी ICU में भर्ती हो और उसके खिलाफ दुश्मन गैंग सक्रिय हो, तो उसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी प्रशासन की बनती है। ऐसे में अस्पतालों में पुलिस तैनाती, CCTV की निगरानी और प्रवेश पर कड़ा पहरा जरूरी हो जाता है।
आगे क्या?
फिलहाल पुलिस ने हत्या के इस केस में अज्ञात के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है और तौसीफ बादशाह समेत अन्य संदिग्धों की तलाश जारी है। एसटीएफ और स्थानीय पुलिस की संयुक्त टीम लगातार छापेमारी कर रही है। चंदन मिश्रा की हत्या बिहार की आपराधिक दुनिया की एक और कड़ी बन गई है, जो यह दिखाती है कि जेल के बाहर भी अपराधियों की पहुंच कितनी गहरी है।
पारस हॉस्पिटल मर्डर केस ने एक बार फिर से यह साबित कर दिया है कि बिहार में अपराधी बेलगाम हैं और प्रशासन के हाथ कमजोर। अब देखना होगा कि पुलिस तौसीफ और उसके गैंग को कब तक पकड़ पाती है, और सरकार इस तरह की घटनाओं पर रोक लगाने के लिए क्या कदम उठाती है।
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