
Thailand Cambodia Border Clash 9 की मौत, फिर क्यों भड़का 118 साल पुराना मंदिर विवाद
Thailand Cambodia Border Clash: Thailand Cambodia Air Strike ने दक्षिण पूर्व एशिया में एक बार फिर तनाव बढ़ा दिया है। गुरुवार को थाईलैंड और कंबोडिया के बीच सीमा पर हिंसक झड़प हुई, जिसमें थाई सेना ने Cambodia के दो सैन्य ठिकानों पर हवाई हमला (Air Strike) किया। इस झड़प में अब तक 9 नागरिकों की मौत और 14 से अधिक घायल हुए हैं।
इस विवाद की जड़ें एक 11वीं सदी के प्राचीन शिव मंदिर Preah Vihear Temple से जुड़ी हुई हैं, जो दोनों देशों के बीच वर्षों से विवाद का विषय बना हुआ है।
Thailand Cambodia Border Clash क्या है?
गुरुवार सुबह थाईलैंड और कंबोडिया की सेनाएं सीमा पर आमने-सामने आ गईं। थाई सेना का दावा है कि उसे सीमा पर कंबोडियाई ड्रोन की गतिविधि दिखी, जिसके बाद कंबोडियाई सैनिकों ने थाई पोस्ट के पास गोलीबारी शुरू कर दी। जवाब में, थाई वायुसेना ने दो कंबोडियाई ठिकानों पर हवाई हमले (Air Strikes) किए।
क्या हुआ है अभी?
थाईलैंड और कंबोडिया, ये दो दक्षिण-पूर्व एशियाई देश, फिर एक बार आमने-सामने हैं।
गुरुवार सुबह से दोनों देशों के बीच सीमा विवाद को लेकर हालात इतने बिगड़े कि थाईलैंड ने कंबोडिया के दो सैन्य ठिकानों पर हवाई हमला (Air Strike) कर दिया।
इस हमले में अब तक कम से कम 9 नागरिकों की मौत और 14 से ज्यादा लोग घायल हो चुके हैं।
कैसे शुरू हुई यह झड़प?
थाई सेना के अनुसार, सुबह 7:35 बजे, थाई सीमा पर तैनात सैनिकों ने एक कंबोडियाई ड्रोन की आवाज सुनी।
इसके कुछ ही मिनटों में 6 सशस्त्र कंबोडियाई सैनिक थाई सीमा के पास ता मुएन मंदिर के करीब पहुंच गए।
थाई सैनिकों ने उन्हें चेतावनी दी, लेकिन सुबह 8:20 बजे कंबोडियाई सैनिकों ने गोलीबारी शुरू कर दी।
इसके बाद थाईलैंड ने जवाबी कार्रवाई में हवाई हमले किए। इनमें एक गैस स्टेशन पर हमला हुआ जिसमें 6 लोग मारे गए।
अब सवाल उठता है – ये लड़ाई क्यों हो रही है?
इस हिंसा की जड़ें बहुत गहरी हैं — 118 साल पुराना विवाद, जिसका केंद्र है Preah Vihear Temple, यानी एक प्राचीन शिव मंदिर।
यह मंदिर 11वीं सदी में बना था और यह भारत की तरह ही भगवान शिव को समर्पित है।
मंदिर एक पहाड़ी (Dangrek Hills) की चोटी पर है, जो दोनों देशों की सीमा के बहुत करीब है।
इस विवाद की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि क्या है?
1. 1907: फ्रांस का नक्शा
जब कंबोडिया फ्रांस का उपनिवेश था, तब फ्रांसीसी अधिकारियों ने एक सीमा नक्शा बनाया।
इस नक्शे के अनुसार, Preah Vihear मंदिर कंबोडिया में आता था।
थाईलैंड (तब स्याम) ने इस नक्शे को बाद में विवादित बताया।
2. 1962: अंतरराष्ट्रीय अदालत का फैसला
कंबोडिया ने यह मामला International Court of Justice (ICJ) में ले गया।
ICJ ने फैसला दिया कि मंदिर कंबोडिया का हिस्सा है।
थाईलैंड ने फैसला तो स्वीकार किया, लेकिन यह कहा कि मंदिर के आसपास की ज़मीन अब भी विवादित है।
2008 से हालात क्यों बिगड़े?
2008 में कंबोडिया ने इस मंदिर को UNESCO World Heritage Site के रूप में मान्यता दिलवाई।
थाईलैंड को यह बात नागवार गुज़री और दोनों सेनाओं में झड़पें शुरू हो गईं।
इन झड़पों के कारण 2011 तक हजारों लोग विस्थापित हो चुके थे।
2013 में ICJ ने फिर कहा कि मंदिर और उसके आसपास की ज़मीन कंबोडिया की है, लेकिन थाईलैंड ने इस पर पूरी सहमति नहीं जताई।
अब क्या स्थिति है?
थाईलैंड का दावा:
कंबोडिया ने पहले हमला किया।
कंबोडियाई सैनिकों ने थाई बेस से कुछ ही दूर से फायरिंग की और नागरिक इलाकों को निशाना बनाया।
कंबोडिया का दावा:
थाईलैंड ने हमारी संप्रभुता पर हमला किया है।
हमने सिर्फ आत्मरक्षा में जवाबी कार्रवाई की।
इसके अलावा:
- कंबोडिया ने थाई राजनयिकों को निष्कासित कर दिया है।
- थाईलैंड ने अपने नागरिकों से कहा है कि “जितनी जल्दी हो सके कंबोडिया छोड़ दें”।
- दोनों देशों ने सीमा व्यापार और आवागमन पर रोक लगा दी है।
क्या यह टकराव युद्ध में बदल सकता है?
थाईलैंड के कार्यवाहक प्रधानमंत्री ने कहा है:
“हम अंतरराष्ट्रीय कानून का पालन करेंगे, लेकिन अपनी सीमा की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं।”
दूसरी ओर, कंबोडिया ने अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं से हस्तक्षेप की मांग की है।
यह विवाद अब सिर्फ दो देशों के बीच नहीं, बल्कि एक धार्मिक विरासत, ऐतिहासिक निर्णय और क्षेत्रीय प्रभुत्व का मुद्दा बन गया है।
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