
Woman Sub-Inspector Suicide Delhi: अवसाद में थीं महिला सब-इंस्पेक्टर, घर में फांसी लगाकर की आत्महत्या!
Woman Sub-Inspector Suicide Delhi: दिल्ली के रोहिणी जिले के अमन विहार थाने में तैनात 29 वर्षीय महिला सब-इंस्पेक्टर सविता ने अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। यह घटना शुक्रवार को रोहिणी सेक्टर-11 स्थित उनके घर में सामने आई। मृतका मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले के छारा गांव की रहने वाली थीं और 2021 बैच की पुलिस अधिकारी थीं। उनके इस दुखद कदम ने दिल्ली पुलिस महकमे को हिला कर रख दिया है।
भाई ने जाली तोड़कर शव उतारा
घटना की जानकारी उस समय सामने आई जब सविता के भाई ने घर का दरवाजा तोड़कर अंदर प्रवेश किया और उन्हें पंखे से लटका पाया। उसने तुरंत जाली तोड़कर दरवाजा खोला और बहन के शव को नीचे उतारा। इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई। मौके पर पहुंची शाहबाद डेरी थाना पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
पुलिस अधिकारी ने दी जानकारी
बाहरी उत्तरी जिले के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि उन्हें सूचना मिली कि रोहिणी सेक्टर-11 में एक महिला ने आत्महत्या कर ली है। मौके पर पहुंची पुलिस टीम ने महिला की पहचान सविता (29) के रूप में की। वह अमन विहार थाने में सब-इंस्पेक्टर के पद पर तैनात थीं और सरकारी आवास में अकेली रहती थीं।
पुलिस के मुताबिक, प्राथमिक जांच में किसी तरह की साजिश या जबरदस्ती के संकेत नहीं मिले हैं। घर के दरवाजे अंदर से बंद थे और कोई सुसाइड नोट भी मौके से बरामद नहीं हुआ है।
अवसाद में थीं सविता?
परिजनों और करीबी सूत्रों के मुताबिक, सविता पिछले कुछ समय से मानसिक तनाव और अवसाद (डिप्रेशन) में थीं। हालांकि उन्होंने कभी खुलकर किसी को इसके बारे में बताया नहीं था। कुछ साथियों ने भी बताया कि हाल ही में वह बेहद चुपचाप रहने लगी थीं और अपनी जिम्मेदारियों को लेकर चिंता में थीं।
सविता के परिवारजनों ने बताया कि अभी किसी व्यक्ति या स्थिति के खिलाफ उन्होंने कोई औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं कराई है। वहीं पुलिस ने भी स्पष्ट किया है कि मामले की विस्तृत जांच की जा रही है और आत्महत्या के पीछे की वजह जानने की कोशिश की जा रही है।
2021 बैच की थी होनहार अधिकारी
सविता का चयन 2021 में दिल्ली पुलिस की सब-इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा के जरिए हुआ था। वह अपनी मेहनत और ईमानदारी के लिए जानी जाती थीं। पुलिस विभाग में भी उनके काम की तारीफ होती रही है। कुछ वरिष्ठ अधिकारी उन्हें सहनशील और जिम्मेदार अफसर के रूप में याद करते हैं।
उनका परिवार सामान्य किसान पृष्ठभूमि से है। सविता अपने गांव की पहली लड़की थीं जो पुलिस अधिकारी बनी थीं। उनके चयन के बाद गांव में काफी खुशी का माहौल था।
महिला पुलिसकर्मियों पर बढ़ता मानसिक दबाव
यह घटना एक बार फिर से यह सवाल उठाती है कि क्या पुलिस विभाग, विशेषकर महिला कर्मियों के लिए मानसिक स्वास्थ्य सहायता प्रणाली पर्याप्त है? पुलिस की ड्यूटी में लंबे समय तक काम, सामाजिक दबाव, अकेलापन और तनाव जैसी समस्याएं आम हो गई हैं, लेकिन इनका समाधान अब तक बहुत सीमित स्तर पर हो रहा है।
विशेषज्ञों का मानना है कि पुलिस विभाग को अपने कर्मचारियों के मानसिक स्वास्थ्य पर अधिक ध्यान देना चाहिए और रेगुलर काउंसलिंग, तनाव प्रबंधन सेमिनार और मनोवैज्ञानिक सहायता जैसी सुविधाएं प्रदान करनी चाहिए।
जांच जारी, पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार
फिलहाल पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और जांच की जा रही है। सविता के मोबाइल, डायरियों और अन्य व्यक्तिगत सामान की भी जांच की जा रही है ताकि कोई सुराग मिल सके। पुलिस को पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है, जो मौत के कारणों को स्पष्ट करेगी।
इस बीच, पुलिस ने मृतका के परिवार से भी बातचीत की है और उनसे सविता की हालिया मानसिक स्थिति के बारे में जानकारी ली जा रही है।
भावुक विदाई, विभाग में शोक
शनिवार को सविता के पार्थिव शरीर को उनके पैतृक गांव छारा (झज्जर, हरियाणा) ले जाया गया, जहां पूरे सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। पुलिस विभाग की ओर से अधिकारी और जवानों ने उन्हें सलामी दी।
साथियों की आंखों में आंसू थे, जिन्होंने कभी सोचा भी नहीं था कि सविता जैसा हंसमुख और कर्मठ अफसर इस तरह दुनिया छोड़ जाएगा। सविता की आत्महत्या एक गंभीर सामाजिक और संस्थागत सवाल खड़ा करती है। क्या हम अपने आसपास के लोगों को समझने की कोशिश करते हैं? क्या हमारे संस्थान अपने कर्मियों के मानसिक स्वास्थ्य को गंभीरता से ले रहे हैं?
यह घटना एक चेतावनी है कि अब समय आ गया है कि मानसिक स्वास्थ्य को भी प्राथमिकता दी जाए, खासकर उन पेशों में जहां तनाव लगातार बना रहता है।
यह भी देखे