
Barabanki Stampede बंदरों ने तोड़ा Electric Wire, Temple में फैला करंट, मची भगदड़ — 2 की मौत, 30 घायल
Barabanki Stampede: उत्तर प्रदेश के Barabanki जिले में Sawan 2025 के तीसरे सोमवार को एक दर्दनाक हादसा हुआ जिसने श्रद्धा को दहशत में बदल दिया। Avsaaneshwar Mandir, जो श्रावण मास में शिव भक्तों के लिए एक प्रमुख तीर्थस्थल है, वहां सोमवार सुबह अचानक मची भगदड़ ने दो लोगों की जान ले ली और 30 से ज्यादा श्रद्धालु घायल हो गए।
यह हादसा उस समय हुआ जब सुबह से हजारों लोग जलाभिषेक के लिए मंदिर में एकत्र हुए थे। श्रद्धालुओं की भीड़ टिन शेड के नीचे खड़ी थी, तभी monkeys ने मंदिर की छत के पास से गुजर रही एक high-voltage electric wire को क्षतिग्रस्त कर दिया। वह वायर अचानक टूटकर टिन शेड पर गिर गई और live current पूरे ढांचे में फैल गया।
Barabanki Stampede की शुरुआत
Barabanki District Magistrate Shashank Tripathi ने जानकारी दी कि बंदरों द्वारा नुकसान पहुंचाई गई electric line जैसे ही टिन शेड पर गिरी, वैसे ही वहां करंट फैल गया। इससे शेड के नीचे खड़े लोगों को झटके लगने लगे। किसी को समझ नहीं आया कि हुआ क्या है। कुछ लोग वहीं गिर पड़े, कुछ लोग चिल्लाने लगे, और कुछ लोग जान बचाने के लिए भागने लगे।
करंट की चपेट में आने से भगदड़ मच गई और भीड़ में दबकर Prashant (उम्र 22 वर्ष) नामक युवक की मौत हो गई। वह बाराबंकी के Mubarakpura गांव, थाना Lonikatra का निवासी था। घायल लोगों को तत्काल Trivediganj Community Health Centre (CHC) पहुंचाया गया जहां उनका इलाज जारी है।
हादसे में घायल और मृतकों की स्थिति
इस हादसे में घायल हुए अधिकतर लोग 18 से 60 वर्ष के बीच हैं। कुछ महिलाओं की हालत नाज़ुक बताई जा रही है। CHC के डॉक्टरों के अनुसार, कई लोगों को electric shock injuries के साथ-साथ भगदड़ में आई fracture और head injuries भी हैं।
चश्मदीदों की जुबानी
मंदिर में मौजूद एक चश्मदीद रामनिवास ने बताया, “हमें लगा कि कोई धमाका हुआ है। लेकिन जब लोगों को झटके लगने लगे, तब हम समझ पाए कि करंट फैला है। चारों तरफ अफरा-तफरी मच गई।”
क्या मंदिरों में सुरक्षा इंतज़ाम नाकाफी हैं?
यह कोई पहला हादसा नहीं है। महज एक दिन पहले ही Haridwar Mansa Devi Temple में भी stampede में 8 लोगों की मौत हो गई थी। वहाँ भगदड़ की वजह एक rumor of electric shock थी, लेकिन बाराबंकी में करंट हकीकत में फैला।
सवाल ये उठता है — क्या धार्मिक स्थलों की भीड़भाड़ वाले समय में भी electrical safety और animal control जैसे मुद्दों को गंभीरता से नहीं लिया जाता?
जिम्मेदारी तय होनी चाहिए
अक्सर monkey menace in temples को हल्के में लिया जाता है, लेकिन अब यह जानलेवा साबित हो रहा है। साथ ही, मंदिर प्रशासन और बिजली विभाग की ओर से भी high voltage wires को सुरक्षित तरीके से हटाने या कवर करने का इंतज़ाम क्यों नहीं किया गया?
क्या यह एक avoidable accident नहीं था? क्या अगर समय रहते सुरक्षा मानकों का पालन किया गया होता, तो ये हादसा टाला जा सकता था?
प्रशासन की प्रतिक्रिया
बाराबंकी जिला प्रशासन ने हादसे की जांच के आदेश दे दिए हैं। मंदिर क्षेत्र की electrical wiring audit और animal interference control पर भी रिपोर्ट मांगी गई है। प्रशासन ने मृतकों के परिवार को ₹2 लाख की राहत राशि, और घायलों को ₹50,000 की सहायता देने की घोषणा की है।
श्रद्धा में सुरक्षा जरूरी
भारत में हर साल लाखों श्रद्धालु श्रावण जैसे महीनों में मंदिरों में पूजा-अर्चना के लिए पहुँचते हैं। लेकिन अगर प्रशासनिक लापरवाही, बुनियादी सुरक्षा में चूक और भीड़ नियंत्रण के लिए पुख्ता प्रबंध नहीं होंगे, तो ये हादसे बार-बार दोहराए जाते रहेंगे।
श्रद्धा जरूरी है, लेकिन safety infrastructure in temples और public crowd control उससे भी ज्यादा ज़रूरी है।
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