
Period delay pills: सावधान! दवा से पीरियड्स रोकने की कोशिश कर रही हैं? डॉक्टर ने बताया असली खतरा
Period delay pills: आजकल भागदौड़ भरी जिंदगी में लड़कियां और महिलाएं कई बार अपने पीरियड्स रोकने की कोशिश करती हैं। वजह कुछ भी हो सकती है – शादी-ब्याह का फ़ंक्शन, किसी दोस्त का खास कार्यक्रम, यात्रा, परीक्षा या फिर धार्मिक पूजा-पाठ। ऐसे मौकों पर कई बार महिलाएं डॉक्टर की सलाह लिए बिना ही बाजार से मिलने वाली पीरियड डिलेइंग पिल्स यानी मासिक धर्म को रोकने वाली गोलियां खा लेती हैं। यह सुनने में आसान उपाय लगता है, लेकिन इसके खतरे बेहद गंभीर हो सकते हैं।
हाल ही में दिल्ली में एक 18 साल की लड़की की जान सिर्फ इसलिए चली गई क्योंकि उसने पीरियड रोकने के लिए दवा खाई थी। यह घटना समाज को एक बड़ी सीख देती है कि बिना सोचे-समझे दवा खाना कितना खतरनाक साबित हो सकता है।
दिल्ली की घटना जिसने सबको झकझोर दिया8
रिपोर्ट्स के मुताबिक, दिल्ली की रहने वाली एक 18 साल की लड़की ने घर में पूजा होने के कारण पीरियड रोकने के लिए हार्मोनल गोलियां लीं। शुरुआत में उसे पैर और जांघ में दर्द और सूजन होने लगी। वह डॉक्टर के पास पहुंची तो जांच में पता चला कि उसे डीप वेन थ्रॉम्बोसिस (Deep Vein Thrombosis – DVT) हो गया है।
डीवीटी ऐसी स्थिति होती है जिसमें शरीर की गहरी नसों में खून का थक्का जम जाता है। स्कैन से पता चला कि थक्का उसकी नाभि तक पहुंच चुका था। डॉक्टर ने तुरंत अस्पताल में भर्ती करने की सलाह दी, लेकिन पिता ने कहा कि मां कल लेकर आएंगी। अफसोस, आधी रात को लड़की की हालत अचानक बिगड़ी और उसकी सांस रुक गई। डॉक्टरों की कोशिश से पहले ही वह हमेशा के लिए इस दुनिया को छोड़ गई।
आखिर डीवीटी क्या है?
डीप वेन थ्रॉम्बोसिस (DVT) एक गंभीर बीमारी है। इसमें पैरों की नसों में खून का थक्का (क्लॉट) बनने लगता है।
- शुरुआत में लक्षण हल्के होते हैं – पैर में दर्द, सूजन, भारीपन या जलन।
- कई बार कोई लक्षण नहीं दिखता और खून का थक्का धीरे-धीरे ऊपर की ओर बढ़ता जाता है।
- अगर यह क्लॉट हार्ट, फेफड़े या ब्रेन तक पहुंच जाए तो कुछ ही मिनटों में मौत हो सकती है।
यानी यह बीमारी धीरे-धीरे अंदर ही अंदर जानलेवा रूप ले लेती है।
पीरियड रोकने वाली गोलियां कैसे काम करती हैं?
पीरियड डिलेइंग पिल्स में नोरेथिस्टरोन नाम का हार्मोन होता है। यह शरीर में प्रोजेस्टेरोन हार्मोन का स्तर कृत्रिम रूप से बढ़ा देता है। ऐसा करने से गर्भाशय की परत टूटती नहीं है और पीरियड्स कुछ दिनों तक रुक जाते हैं।
हालांकि यह सुविधा अस्थायी होती है। गोली बंद करते ही कुछ दिनों में पीरियड्स आ जाते हैं। लेकिन बार-बार या बिना सलाह के इन गोलियों का सेवन करने से हार्मोनल असंतुलन हो जाता है, जो कई गंभीर बीमारियों की जड़ है।
क्यों खतरनाक हैं ये गोलियां?
डॉक्टरों का कहना है कि पीरियड डिले करने वाली गोलियां केवल इमरजेंसी में और डॉक्टर की देखरेख में ही लेनी चाहिए। अगर इन्हें बार-बार लिया जाए तो:
- मासिक धर्म चक्र बिगड़ सकता है – पीरियड्स समय से पहले या बहुत देर से आ सकते हैं।
- हार्मोनल असंतुलन – शरीर में अचानक वजन बढ़ना, चेहरे पर पिंपल्स, मूड स्विंग जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
- प्रजनन क्षमता पर असर – लंबे समय तक गोलियां खाने से गर्भधारण में परेशानी और बांझपन तक हो सकता है।
- डीवीटी का खतरा – जैसा कि दिल्ली की घटना में हुआ, नसों में खून का थक्का बनना जानलेवा हो सकता है।
- अन्य दिक्कतें – लगातार ब्लीडिंग, पेट दर्द, डायरिया, उल्टी और कमजोरी जैसी समस्याएं भी सामने आती हैं।
डॉक्टर क्या कहते हैं?
सफदरजंग अस्पताल के डॉ. प्रमोद कुमार के अनुसार:
“लोग अक्सर सोचते हैं कि हार्मोनल गोलियां पीरियड रोकने का आसान तरीका हैं। लेकिन यह शरीर पर गहरा असर डालती हैं। खून गाढ़ा होकर थक्का बना सकता है और मरीज की जान तुरंत खतरे में आ सकती है।”
यानी इन गोलियों को हल्के में लेना बहुत बड़ी गलती है।
कब लेना चाहिए यह दवा?
अगर सच में किसी जरूरी वजह से पीरियड्स रोकने की जरूरत है, तो इन बातों का ध्यान रखें:
- केवल स्त्री रोग विशेषज्ञ (गायनाकोलॉजिस्ट) की सलाह पर ही गोली लें।
- आमतौर पर पीरियड्स शुरू होने से 3 दिन पहले दवा शुरू की जाती है।
- जब तक आपको पीरियड्स रोकने की जरूरत है, तब तक हर दिन दवा लेनी होगी।
- गोली छोड़ने के लगभग 4–7 दिन बाद पीरियड्स आ जाते हैं।
लेकिन यह भी ध्यान रहे कि यह सिर्फ एक बार का समाधान है। इसे आदत बनाना खतरनाक है।
लड़कियों और माता-पिता के लिए सबक
दिल्ली की घटना सिर्फ एक परिवार की नहीं, बल्कि पूरे समाज की सीख है।
- सबसे पहले, बेटियों को सही जानकारी देना जरूरी है।
- पीरियड्स कोई शर्म की बात नहीं है। इसे छिपाने या रोकने की बजाय सही तरीके से मैनेज करना सीखना चाहिए।
- अगर कभी दवा लेने की नौबत आए तो डॉक्टर की राय जरूर लें।
- माता-पिता को भी बच्चों की बात को गंभीरता से लेना चाहिए, वरना एक छोटी सी लापरवाही जान ले सकती है।
ध्यान रहे
पीरियड डिलेइंग पिल्स सुनने में आसान समाधान लग सकती हैं, लेकिन इनके साइड इफेक्ट्स बेहद खतरनाक हो सकते हैं। दिल्ली की 18 वर्षीय लड़की की मौत इस बात का सबूत है कि इन दवाओं के इस्तेमाल में कितनी सावधानी जरूरी है।
इसलिए याद रखें –
- बिना डॉक्टर की सलाह के कभी भी पीरियड रोकने की गोली न खाएं।
- हर शरीर अलग होता है, इसलिए इंटरनेट या दोस्तों की सलाह पर दवा लेना गलत है।
- सेहत और जान दोनों अनमोल हैं, इन्हें कभी खतरे में न डालें।
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