प्रयागराज में UPSC Student ने Gender Change के लिए उठाया खतरनाक कदम
प्रयागराज में एक UPSC Student ने Gender Change की चाह में अपना Private Part खुद काट लिया। जानिए Boy to Girl Transformation, Gender Dysphoria और सुरक्षित Gender Transition की पूरी कहानी।
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज से एक दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है। यहां UPSC Student जो सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहा था, उसने अपने Private Part को खुद काट लिया क्योंकि वह Gender Change कर Boy to Girl Transformation करना चाहता था। यह घटना न सिर्फ मेडिकल दृष्टि से गंभीर है बल्कि मानसिक स्वास्थ्य और समाज में Transgender Identity की स्वीकार्यता पर भी कई सवाल खड़े करती है।
घटना कैसे हुई?
पुलिस और अस्पताल सूत्रों के मुताबिक यह युवक 22-23 साल का है और प्रयागराज में किराए के कमरे में रहकर UPSC Preparation कर रहा था। युवक ने बताया कि उसे किशोरावस्था से ही महसूस होता था कि वह लड़की है और उसकी असली पहचान एक महिला के रूप में है।
- इस मानसिक द्वंद्व ने उसे इंटरनेट और YouTube पर सर्च करने को मजबूर किया कि Sex Change Surgery कैसे होती है।
- जानकारी की कमी और सही गाइडेंस न मिलने के कारण उसने खुद ही खतरनाक कदम उठाया।
- युवक ने एक झोलाछाप डॉक्टर से संपर्क किया और फिर उसने Anesthesia Injection लगाकर अपने अंग को सुन्न किया।
- इसके बाद उसने सर्जिकल ब्लेड से खुद का Private Part Cut कर दिया।
घटना के बाद दर्द और खून बहने से वह तड़पने लगा। आसपास के लोगों और मकान मालिक ने तुरंत उसे अस्पताल पहुंचाया।
अस्पताल में स्थिति
पहले उसे बेल्ली अस्पताल ले जाया गया लेकिन हालत गंभीर होने के चलते SRN Hospital रेफर कर दिया गया।
अस्पताल के सर्जन डॉ. संतोष सिंह ने बताया कि यह मामला Gender Dysphoria यानी “लिंग पहचान से असंतोष” का है। इसमें व्यक्ति खुद को जन्म से मिले लिंग के बजाय दूसरे लिंग का मानने लगता है।
डॉक्टरों का कहना है कि यदि समय पर इलाज न होता तो उसकी जान भी जा सकती थी। वर्तमान में उसका इलाज जारी है और उसे मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ (Psychiatrist) और Counseling की भी आवश्यकता है।
परिवार की प्रतिक्रिया
इस खबर के सामने आने के बाद युवक की मां भी अस्पताल पहुंची। उन्होंने भावुक होकर कहा कि उनका बेटा पहले जैसा हो जाए। परिवार को इस मानसिक संघर्ष की जानकारी नहीं थी, लेकिन अब वह उसकी मदद करना चाहते हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे मामलों में परिवार का सहयोग और Psychological Support बेहद जरूरी है। अगर परिवार और समाज व्यक्ति को समझे और सहयोग करे तो वह खतरनाक कदम उठाने के बजाय सुरक्षित तरीके से Gender Transition कर सकता है।
जेंडर डिस्फोरिया और समाज की भूमिका
आज के समय में भारत में Transgender Identity को कानूनी मान्यता दी गई है। सुप्रीम कोर्ट ने भी Right to Equality और Right to Dignity के तहत ट्रांसजेंडर समुदाय के अधिकारों को मान्यता दी है।
लेकिन, समाज में जागरूकता की कमी और भेदभाव की वजह से ऐसे लोग मानसिक दबाव झेलते हैं।
- Medical Procedure और Hormone Therapy ही सुरक्षित रास्ता है।
- अकेले निर्णय लेकर Self Surgery करना बेहद खतरनाक और जानलेवा हो सकता है।
- सरकार और सामाजिक संस्थाओं को इस दिशा में जागरूकता अभियान चलाने की आवश्यकता है।
मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों की राय
विशेषज्ञ कहते हैं कि इस घटना से यह स्पष्ट है कि Mental Health Awareness की कितनी आवश्यकता है।
- Counseling Sessions
- Psychiatric Support
- Family Therapy
इनके जरिए व्यक्ति को सही दिशा और सुरक्षित समाधान दिया जा सकता है।
