
Dehradun cloudburst 2025: बाजार में मलबा, होटल-दुकानों को भारी नुकसान, एक मजदूर की मौत
Dehradun cloudburst 2025: उत्तराखंड की राजधानी देहरादून सोमवार देर रात प्राकृतिक आपदा से दहल उठी। मशहूर पर्यटक स्थल सहस्रधारा में अचानक बादल फट गया, जिससे मुख्य बाजार में भारी मात्रा में मलबा आ गया। इस घटना में कई होटल और दुकानें क्षतिग्रस्त हो गईं। देर रात हुई इस घटना से स्थानीय लोग और व्यापारी दहशत में हैं।
देर रात बाजार में मलबे का सैलाब
कार्डीगाड़ के ग्राम प्रधान राकेश जवाड़ी ने बताया कि घटना रात करीब 11:30 बजे हुई। अचानक जोरदार बारिश के बाद पहाड़ों से मलबा और पानी तेजी से बाजार की ओर आया। देखते ही देखते सड़कें मलबे से भर गईं और दो से तीन बड़े होटल, साथ ही सात से आठ दुकानें पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गईं।
स्थानीय लोगों ने बताया कि उस समय बाजार में करीब 100 से ज्यादा लोग फंसे हुए थे। हालांकि, गांववालों और स्थानीय युवाओं ने हिम्मत दिखाई और रात में ही रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर सभी लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया।
लोग लापता, खोज जारी
ग्राम प्रधान के मुताबिक, ऐसी भी आशंका जताई गई है कि एक-दो लोग लापता हो सकते हैं, हालांकि इसकी अभी आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है। प्रशासनिक अधिकारी और आपदा प्रबंधन की टीमें लगातार इलाके की निगरानी कर रही हैं और लापता लोगों की तलाश में जुटी हैं।
बचाव दल को भी पहुंचने में आई मुश्किलें
आपदा कंट्रोल रूम से मिली जानकारी के अनुसार, घटना की सूचना मिलते ही रात करीब दो बजे एसडीआरएफ और फायर ब्रिगेड की टीमें मौके के लिए रवाना कर दी गई थीं। लेकिन रास्ते में भारी मलबा आने के कारण टीमें तुरंत घटनास्थल तक नहीं पहुंच पाईं। लोक निर्माण विभाग की जेसीबी मशीनों ने रातभर काम कर रास्ता साफ करने की कोशिश की।
तमसा नदी का रौद्र रूप, टपकेश्वर मंदिर में शिवलिंग तक डूबा
बादल फटने के बाद आसपास की नदियां भी उफान पर हैं। सहस्रधारा के पास बहने वाली तमसा नदी ने रौद्र रूप धारण कर लिया। पानी का स्तर इतना बढ़ गया कि मशहूर टपकेश्वर मंदिर परिसर जलमग्न हो गया। मंदिर में स्थित शिवलिंग तक पानी पहुंच गया, जिसके चलते श्रद्धालुओं और पुजारियों को मंदिर खाली करना पड़ा।
आईटी पार्क और रायपुर इलाके में भी नुकसान
देहरादून के आईटी पार्क के पास भी देर रात मलबा आने से हालात बिगड़ गए। अचानक आए पानी और मलबे से सॉन्ग नदी का जलस्तर काफी बढ़ गया। पुलिस और प्रशासन ने तुरंत आसपास रहने वाले लोगों को सतर्क किया और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी। रायपुर थाना प्रभारी गिरीश नेगी के मुताबिक, घटना रात 12:30 बजे से 1 बजे के बीच की है।
सूचना मिलते ही भारी पुलिस बल, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें मौके पर पहुंच गईं। फिलहाल स्थिति नियंत्रण में बताई जा रही है और किसी बड़ी जनहानि की खबर नहीं है।
मसूरी में मजदूर की मौत
देहरादून के साथ-साथ मसूरी में भी भारी बारिश और मलबे ने तबाही मचाई। झड़ीपानी क्षेत्र में मजदूरों के आवास पर अचानक मलबा आ गया। इस घटना में एक मजदूर की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि एक अन्य गंभीर रूप से घायल हो गया। पुलिस और स्थानीय लोगों ने तुरंत रेस्क्यू कर घायल को अस्पताल पहुंचाया, जबकि अन्य मजदूरों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया गया।
मुख्यमंत्री ने जताई चिंता
सहस्रधारा में बादल फटने की घटना पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर चिंता जताई। उन्होंने लिखा,
“देहरादून के सहस्रधारा में देर रात हुई अतिवृष्टि से कुछ दुकानों को नुकसान पहुंचने की दुखद सूचना मिली है। जिला प्रशासन, एसडीआरएफ और पुलिस मौके पर राहत और बचाव कार्य में जुटे हुए हैं। मैं लगातार स्थिति की निगरानी कर रहा हूं और स्थानीय प्रशासन से संपर्क में हूं। ईश्वर से प्रार्थना है कि सभी लोग सुरक्षित रहें।”
प्राकृतिक आपदाओं का पहाड़ी इलाकों पर कहर
उत्तराखंड जैसे पहाड़ी राज्यों में मानसून के दौरान बादल फटना और भूस्खलन आम घटनाएं बन चुकी हैं। अचानक आने वाली इन आपदाओं से स्थानीय लोग हमेशा भय में रहते हैं। सहस्रधारा जैसी जगहें जहां हर दिन सैकड़ों पर्यटक आते हैं, वहां ऐसी घटनाएं राज्य के पर्यटन पर भी असर डालती हैं।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि पिछले कुछ वर्षों में क्षेत्र में बेतरतीब कंस्ट्रक्शन और पर्यटकों की भीड़ बढ़ने से स्थिति और भी संवेदनशील हो गई है। उनका कहना है कि सरकार को स्थायी समाधान की दिशा में ठोस कदम उठाने होंगे, ताकि भविष्य में इस तरह की आपदाओं से जान-माल का नुकसान कम हो सके।
फिलहाल हालात नियंत्रण में
रातभर चले राहत कार्यों के बाद फिलहाल हालात काबू में बताए जा रहे हैं। पुलिस, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें लगातार मौके पर डटी हुई हैं। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे नदी-नालों के किनारे जाने से बचें और सतर्क रहें।
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