
Ladakh Protest लेह में हिंसा, Sonam Wangchuk ने तोड़ा Hunger Strike और युवाओं से शांति की अपील
Leh Ladakh Protest ने बुधवार को हिंसक रूप ले लिया। प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच clashes in Leh हुए, जिसमें BJP कार्यालय और कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया। इस बीच, पर्यावरणविद और सामाजिक कार्यकर्ता Sonam Wangchuk ने अपनी 15 दिन की hunger strike खत्म की और युवाओं से शांति बनाए रखने की अपील की।
Ladakh Protest की पृष्ठभूमि
2019 में Article 370 removal के बाद जम्मू-कश्मीर से अलग होकर लद्दाख एक Union Territory बना। लेकिन इसके बाद से ही लद्दाख के लोगों की मांग रही है कि इसे full statehood for Ladakh दिया जाए और संविधान की Sixth Schedule में शामिल किया जाए।
प्रदर्शनकारियों की मुख्य चार मांगें इस प्रकार हैं:
- Ladakh statehood demand – लद्दाख को राज्य का दर्जा मिले।
- Sixth Schedule demand – लद्दाख को संविधान की छठी अनुसूची में शामिल किया जाए।
- Two Lok Sabha seats for Ladakh।
- लद्दाख की जनजातियों को tribal status दिया जाए।
Leh Protest का उग्र रूप
Leh bandh और विरोध प्रदर्शन के दौरान हालात बिगड़ गए। प्रदर्शनकारियों ने लेह में स्थित BJP कार्यालय को आग के हवाले कर दिया और कई गाड़ियों को भी जला दिया। पुलिस और CRPF ने भीड़ को काबू में करने के लिए tear gas shelling और lathicharge किया।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, छात्रों की बड़ी संख्या सड़कों पर उतरी और पुलिस पर पथराव हुआ। इसके जवाब में सुरक्षा बलों ने कार्रवाई की।
Sonam Wangchuk ने तोड़ा Hunger Strike
Climate activist Sonam Wangchuk ने इस आंदोलन की नैतिक आवाज़ बनकर लगातार 15 दिन तक भूख हड़ताल की थी। बुधवार को उन्होंने इसे खत्म किया।
वांगचुक ने कहा:
“मैं युवाओं से अपील करता हूं कि हिंसा छोड़ें। अगर हमारी लड़ाई नैतिक आधार पर है तो इसे शांतिपूर्ण होना चाहिए। हिंसा हमारी मांगों को कमजोर करेगी।”
उन्होंने केंद्र सरकार से भी आग्रह किया कि tear gas और बल प्रयोग बंद करे ताकि स्थिति सामान्य हो सके।
Government की प्रतिक्रिया
हिंसा के बाद लेह और कारगिल में अतिरिक्त security forces deployment किया गया है। वहीं गृह मंत्रालय ने dialogue with Ladakh leaders के लिए 6 अक्टूबर को बैठक तय की है।
आंदोलन से जुड़े संगठन — Ladakh Apex Body (LAB) और Kargil Democratic Alliance (KDA) — ने कहा कि वे अपनी भूख हड़ताल तब तक जारी रखेंगे जब तक ठोस समाधान नहीं निकलता।
Movement की चुनौतियाँ
- High altitude protest में भूख हड़ताल करना स्वास्थ्य के लिए बेहद कठिन है।
- हिंसा बढ़ने पर सरकार और सख्त कदम उठा सकती है।
- अगर आंदोलन शांति से चलता है तो इसे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय समर्थन मिल सकता है।
- 6 अक्टूबर की बैठक तय करेगी कि future of Ladakh protest किस दिशा में जाएगा।
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