Divya Tower Society water issue: ग्रेटर नोएडा की दिव्या टावर सोसायटी में दूषित पानी की सप्लाई, कई लोग बीमार
Divya Tower Society water issue: ग्रेटर नोएडा वेस्ट स्थित दिव्या टावर सोसायटी के निवासियों के लिए हाल के दिनों में पानी पीने का मामला गंभीर चिंता का विषय बन गया है। पिछले कई दिनों से सोसायटी में गंदा और दूषित पानी सप्लाई किया जा रहा है, जिससे कई लोग बीमार पड़ गए हैं। पेट दर्द, उल्टी और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं की शिकायतें लगातार सामने आ रही हैं।
निवासियों का कहना है कि सोसायटी में पानी ग्राउंड वाटर के माध्यम से सप्लाई होता है, लेकिन पिछले कुछ दिनों से पानी की गुणवत्ता इतनी खराब हो गई है कि लोग इसे पीने में डर महसूस कर रहे हैं। कई परिवारों ने अपनी स्वास्थ्य समस्याओं के कारण स्थानीय स्वास्थ्य केंद्रों का भी रुख किया।
निवासियों की शिकायत और प्राधिकरण की कार्रवाई
सोसायटी निवासियों ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण से शिकायत की। उनका कहना है कि जिम्मेदार अधिकारियों की ओर से अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। लगातार शिकायतों और निवासियों के विरोध के बाद प्राधिकरण की टीम सोसायटी पहुंची और पानी का नमूना जांच के लिए लिया।
प्राधिकरण ने पानी की रिपोर्ट आने तक निवासियों को सलाह दी है कि पानी को उबालकर ही पीएं, ताकि स्वास्थ्य समस्याओं से बचा जा सके। हालांकि, यह उपाय केवल अस्थायी है और सोसायटी के लोग हर दिन दूषित पानी पीने के लिए मजबूर हैं।
स्वास्थ्य पर पड़ रहे असर
निवासियों ने बताया कि दूषित पानी पीने से कई लोग बीमार हो गए हैं। छोटे बच्चे, बुजुर्ग और गर्भवती महिलाएं इस समस्या से सबसे अधिक प्रभावित हो रहे हैं। पेट दर्द, दस्त और उल्टी जैसी समस्याएं आम हो गई हैं। कई परिवार अब बोतलबंद पानी पर निर्भर हो गए हैं, जिससे उनकी रोजमर्रा की लागत बढ़ गई है।
निवासी गौरव ने कहा, “हमने कई बार शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। आखिरकार जब हमारे विरोध और सोशल मीडिया पर शिकायतें बढ़ीं, तभी प्राधिकरण की टीम आई और पानी के नमूने लिए। उम्मीद है कि जल्दी रिपोर्ट आए और समस्या का समाधान हो।”
सोसायटी में जल आपूर्ति की स्थिति
दिव्या टावर सोसायटी में ग्राउंड वाटर की सप्लाई होती है। पिछले कुछ दिनों में पानी की सप्लाई लगातार गंदी हो रही है। यह समस्या न केवल स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है, बल्कि निवासियों के जीवन में रोजमर्रा की असुविधा भी बढ़ा रही है।
प्राधिकरण ने कहा है कि पानी के नमूने की जांच के बाद ही समस्या की वास्तविक स्थिति सामने आएगी। जांच रिपोर्ट के आधार पर ही ठोस कदम उठाए जाएंगे। निवासियों का कहना है कि वे सिर्फ अपने स्वास्थ्य की चिंता कर रहे हैं और जल्द से जल्द समस्या का स्थायी समाधान चाहते हैं।
सामाजिक और प्रशासनिक पहलू
यह मामला केवल एक सोसायटी तक सीमित नहीं है। यह ग्रेटर नोएडा जैसी तेजी से विकसित हो रही जगहों में जल प्रबंधन की बड़ी चुनौतियों को भी दर्शाता है। साफ और स्वच्छ पानी सभी के लिए मौलिक आवश्यकता है। प्रशासन की ओर से समय पर ठोस कदम न उठाए जाने पर निवासियों को गंभीर स्वास्थ्य जोखिम का सामना करना पड़ सकता है।
स्थानीय स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि दूषित पानी पीने से डायरिया, पेट में संक्रमण और गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए प्राधिकरण की यह जिम्मेदारी बनती है कि वह समस्या का जल्द से जल्द समाधान करे और निवासियों को सुरक्षित जल आपूर्ति सुनिश्चित करे।
भविष्य के कदम
निवासियों की सुरक्षा और स्वास्थ्य के लिए यह जरूरी है कि प्राधिकरण तुरंत पानी की सप्लाई की गुणवत्ता सुधारें। ग्राउंड वाटर को फिल्टर और क्लोरीन प्रक्रिया से साफ किया जा सकता है। इसके अलावा निवासियों को अल्टरनेटिव जल स्रोत जैसे बोतलबंद पानी या टैंकर सप्लाई भी उपलब्ध कराई जानी चाहिए।
सोसायटी के लोग यह भी मांग कर रहे हैं कि भविष्य में ऐसे मामलों को रोकने के लिए नियमित जल परीक्षण और पारदर्शी निगरानी प्रणाली बनाई जाए। इससे न केवल स्वास्थ्य संकट से बचाव होगा, बल्कि निवासियों का विश्वास भी प्रशासन पर बना रहेगा।
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