Tripura infant rape case: नाना ने 14 महीने की पोती के साथ किया दुष्कर्म और हत्या, त्रिपुरा में सनसनी
Tripura infant rape case: त्रिपुरा के पानीसागर क्षेत्र से एक दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है। मात्र 14 महीने की मासूम बच्ची के साथ बलात्कार और हत्या की गई। इस घटना ने पूरे इलाके को सदमे में डाल दिया है और लोग इस जघन्य अपराध के खिलाफ कड़ी सजा की मांग कर रहे हैं।
घटना का पूरा विवरण
पुलिस के अनुसार, यह दुखद घटना शनिवार की रात उस समय हुई जब बच्ची अपनी मां के साथ अपने मामा के घर गई थी। परिवार के अनुसार, रात करीब 8 बजे बच्ची अचानक गायब हो गई। इसके बाद परिवार वालों ने शोर मचाया और खोजबीन शुरू की।
स्थानीय लोगों और पुलिस की मदद से बच्ची की तलाश की गई। इसी दौरान पुलिस ने घर के पास मिट्टी में असामान्य हलचल देखी। संदेह के आधार पर खुदाई की गई, और दुख की बात यह है कि बच्ची का शव वहां मिला।
एसडीपीओ राहुल बलहारा ने मीडिया को बताया कि शव को तुरंत बरामद कर पानीसागर उप-मंडलीय अस्पताल भेजा गया, ताकि पोस्टमार्टम के जरिए मौत का सही कारण और यौन उत्पीड़न की पुष्टि की जा सके।
आरोपी की पहचान और गिरफ्तारी
पुलिस ने आरोपी की पहचान जयनल उद्दीन (44) के रूप में की, जो बच्ची का नाना है। आरोपी एक दिहाड़ी मजदूर है।
रविवार सुबह बच्चे के दादा ने पुलिस में औपचारिक शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद पुलिस ने सभी संदिग्ध स्थानों पर तलाशी शुरू की। आरोपी को असम के श्रीभूमि (नीलम बाजार) से गिरफ्तार किया गया और त्रिपुरा वापस लाया गया।
पुलिस ने बताया कि बलात्कार और हत्या के आरोप लगे हैं, लेकिन अधिकृत पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने तक इसकी अंतिम पुष्टि नहीं हो सकती।
समुदाय की प्रतिक्रिया
इस जघन्य अपराध की खबर सुनते ही पूरे इलाके में गहरे सदमे और शोक का माहौल फैल गया। स्थानीय लोग और समुदाय ने आरोपी को कड़ी सजा देने की मांग की। समाज में चर्चा है कि ऐसे अपराधों पर तीव्र कार्रवाई होनी चाहिए और दोषियों को कानूनी दायरे में लाया जाना चाहिए।
इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल उठाया है कि बच्चों की सुरक्षा के लिए क्या पर्याप्त कदम उठाए जा रहे हैं।
बाल सुरक्षा और जागरूकता
यह घटना सिर्फ एक परिवार के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे समाज के लिए चेतावनी की तरह है। बच्चों की सुरक्षा में परिवार, स्कूल और समाज सभी की जिम्मेदारी है।
- सतर्कता – बच्चों को अकेले बाहर भेजने से पहले उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना जरूरी है।
- सहयोग – किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर तुरंत पुलिस या स्थानीय अधिकारियों को जानकारी देना।
- शिक्षा – बच्चों को उनके अधिकारों और संभावित खतरों के बारे में जागरूक करना।
विशेष रूप से नाबालिग बच्चों के लिए यह आवश्यक है कि उनका ध्यान रखा जाए और उनका मार्गदर्शन किया जाए।
कानून और कार्रवाई
सरकार और पुलिस का कहना है कि ऐसे मामलों में कोई शिथिलता नहीं बरती जाएगी। आरोपी को सख्त कानून के तहत कड़ी सजा दी जाएगी।
पुलिस की तेजी से की गई कार्रवाई और आरोपी की गिरफ्तारी इस बात की मिसाल है कि अगर समुदाय और कानून साथ मिलकर काम करें तो ऐसे अपराधों में त्वरित न्याय संभव है। यह घटना पूरे देश के लिए चिंताजनक और दुखद है। एक 14 महीने की मासूम बच्ची की निर्दय हत्या ने यह दिखाया कि बाल सुरक्षा हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए।
सरकार, पुलिस, स्कूल और समाज सभी को मिलकर यह सुनिश्चित करना चाहिए कि बच्चे सुरक्षित रहें। बच्चों की सुरक्षा सिर्फ घर तक सीमित नहीं, बल्कि पूरे समाज की जिम्मेदारी है।
यदि हम सभी सतर्क और सजग रहें, तो ऐसे अपराधों को रोकने में मदद मिल सकती है। यह घटना हमें याद दिलाती है कि समाज के हर सदस्य का कर्तव्य है कि वह बच्चों की सुरक्षा में योगदान दे, ताकि हर बच्चा सुरक्षित और खुशहाल जीवन जी सके।
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