मंगल पांडेय को बिहार के सीवान से टिकट दिया गया हैं
बिहार विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने मंगलवार को 71 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की। जिनमे से एक महत्वपूर्ण नाम हैं Mangal pandey। मंगल पांडेय को बिहार के सीवान से टिकट दिया गया हैं। आज जानेंगे मंगल पांडेय के बारे में वो सब कुछ जो जानना हैं जरुरी।
बिहार की राजनीति में अगर किसी नेता ने पार्टी संगठन से लेकर सरकार तक अपनी पहचान मेहनत, संगठन कौशल और ईमानदार छवि के बल पर बनाई है, तो उनमें से एक प्रमुख नाम है मंगल पांडेय। भाजपा के कद्दावर नेता और वर्तमान में बिहार के स्वास्थ्य मंत्री के रूप में कार्यरत मंगल पांडेय ने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत छात्र राजनीति से की थी और धीरे-धीरे वह प्रदेश राजनीति के शीर्ष पदों तक पहुंचे।
शुरुआती जीवन और शिक्षा
Mangal pandey का जन्म बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में हुआ। एक साधारण परिवार से सम्बन्ध रखने वाले मंगल पांडेय बचपन से ही सामाजिक और राष्ट्रवादी विचारधारा से प्रभावित रहे। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा बिहार में ही पूरी की और बाद में उच्च शिक्षा प्राप्त करते हुए सामाजिक कार्यों में सक्रिय भागीदारी शुरू की। युवा अवस्था में ही उन्हें जनसंघ और बाद में भारतीय जनता पार्टी की विचारधारा ने गहराई से प्रभावित किया।
राजनीति में प्रवेश
1980 के दशक में उन्होंने अपना राजनितिक सफर शुरू किया, जब वे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) से जुड़े। छात्र राजनीति के दौरान उन्होंने संगठन में विभिन्न जिम्मेदारियो को बखूबी निभाया और युवाओं के बीच अपनी पहचान बनाई। ABVP के जरिए उन्हें संगठन चलाने की बारीकियो को सीखा। उनकी मेहनत, अनुशासन और नेतृत्व क्षमता पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के आकर्षण का केंद्र बना।
भारतीय जनता पार्टी में Mangal pandey की सक्रिय भूमिका
ABVP से निकलकर मंगल पांडेय ने भारतीय जनता युवा मोर्चा (BJYM) में प्रवेश किया, जहां उन्होंने राज्य स्तर पर कई अभियानों का नेतृत्व किया। वे बिहार भाजपा के युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष भी बने। उनके नेतृत्व में युवा मोर्चा ने कई जनसरोकार से जुड़े आंदोलनों को गति दी। इसी दौर में उन्होंने संगठन के भीतर मजबूत नेटवर्क तैयार किया, जो आगे उनके राजनीतिक करियर का आधार बना।
पहली बड़ी जिम्मेदारी
Mangal pandey के काम और समर्पण को देखते हुए पार्टी ने उन्हें बिहार भाजपा के संगठन मंत्री की अहम जिम्मेदारी दी। उन्होंने इस पद पर रहते हुए पार्टी को जमीनी स्तर पर मजबूत करने का काम किया। उन्होंने कार्यकर्ताओं को बूथ स्तर पर सक्रिय किया और संगठन की पहुँच गांव-गांव तक बनाई। इस दौरान वे पार्टी के सभी वर्गों में लोकप्रिय हुए और एक भरोसेमंद चेहरा बनकर उभरे।
विधान परिषद सदस्य और राजनीतिक परिपक्वता
Mangal pandey को भाजपा ने बिहार विधान परिषद (MLC) का सदस्य बनाया। इस पद के जरिए उन्होंने बिहार की नीतियों और विकास कार्यों में गहरी भागीदारी ली। परिषद में वे अपने स्पष्ट विचारों के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने हमेशा जनता के हितों से जुड़े मुद्दे उठाए चाहे वो स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार हो, युवाओं के लिए रोजगार के अवसर हों या कृषि सुधार।
स्वास्थ्य मंत्री के रूप में योगदान
जब भाजपा-नीतीश कुमार गठबंधन की सरकार बनी, तो Mangal pandey को बिहार के स्वास्थ्य मंत्री का कार्यभार सौंपा गया। इस पद पर उन्होंने राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए कई पहलें कीं।
उनके कार्यकाल में प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (आयुष्मान भारत) के सफल क्रियान्वयन से लेकर राज्य के सरकारी अस्पतालों के बुनियादी ढांचे के विस्तार तक कई योजनाएं शुरू की गईं।
उन्होंने मेडिकल कॉलेजों की संख्या बढ़ाने, जिला अस्पतालों में डॉक्टरों की नियुक्ति और टेलीमेडिसिन सेवाओं को प्रोत्साहित करने जैसे कदम उठाए। कोविड-19 महामारी के दौरान भी उन्होंने बिहार में स्वास्थ्य व्यवस्था को संभालने में अहम भूमिका निभाई। टीकाकरण अभियान को तेज़ी से आगे बढ़ाने और ऑक्सीजन सप्लाई की व्यवस्था में उनकी पहल सराहनीय रही।
संगठन और सरकार के बीच समन्वयक की भूमिका
Mangal pandey की सबसे बड़ी विशेषता यह रही कि उन्होंने हमेशा पार्टी संगठन और सरकार के बीच एक मजबूत सेतु की भूमिका निभाई। वे न केवल एक प्रशासक के रूप में सफल रहे, बल्कि एक सशक्त संगठनकर्ता के रूप में भी उनकी पहचान बनी। वे कार्यकर्ताओं के बीच लोकप्रिय हैं और हमेशा जमीन से जुड़े रहे हैं।
उनकी यह खासियत रही कि वे कभी भी जनता से दूरी नहीं बनाते। आम लोगों के बीच रहकर उनकी समस्याओं को समझना और समाधान के लिए पहल करना उनके राजनीतिक व्यक्तित्व की पहचान बन चुकी है।
हालांकि इस बार उन्हें सीवान से टिकट मिला हैं। और सीवान की जनता उनसे अपेक्षा रखती हैं की वे जनहित में कार्य करेंगे।
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