8th Pay Commission: कौन हैं रंजना प्रकाश देसाई, जो बढ़ा सकती हैं सरकारी कर्मचारियों की सैलरी?
8th Pay Commission: देश के करोड़ों सरकारी कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर आई है। केंद्र सरकार ने आखिरकार 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) के गठन को मंजूरी दे दी है। इस आयोग की सबसे खास बात यह है कि इसकी चेयरपर्सन सुप्रीम कोर्ट की पूर्व जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई होंगी। जी हां, वही रंजना प्रकाश देसाई, जो अपने निष्पक्ष फैसलों और सशक्त नेतृत्व के लिए जानी जाती हैं।
कौन हैं रंजना प्रकाश देसाई?
रंजना प्रकाश देसाई का जन्म 30 अक्टूबर 1949 को हुआ था। उन्होंने एल्फिन्स्टन कॉलेज से बी.ए. और गवर्नमेंट लॉ कॉलेज, मुंबई से एलएलबी की पढ़ाई की। पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने 1973 में वकालत की शुरुआत की और बहुत जल्द अपनी मेहनत और ईमानदारी से नाम कमा लिया।
1979 में वे महाराष्ट्र सरकार की सरकारी वकील (Government Pleader) बनीं। 1996 में उन्हें बॉम्बे हाईकोर्ट की जज बनाया गया, और फिर 2011 में वे सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया की जज नियुक्त हुईं। यह अपने आप में एक बड़ा मुकाम था।
2014 में रिटायर होने के बाद भी उन्होंने खुद को सीमित नहीं किया। देशहित में काम करने की उनकी ऊर्जा अब भी वैसी ही थी जैसी कोर्ट के दिनों में थी।
रिटायरमेंट के बाद भी देश सेवा जारी
रिटायरमेंट के बाद जस्टिस देसाई ने कई अहम पद संभाले —
- 2014 से 2017 तक वे अपीलेट ट्रिब्यूनल फॉर इलेक्ट्रिसिटी की चेयरपर्सन रहीं।
- 2018 में उन्हें इनकम टैक्स एडवांस रूलिंग अथॉरिटी की हेड बनाया गया।
- 2019 में वे लोकपाल चयन समिति की चेयरपर्सन बनीं।
- 2020 में उन्हें डिलिमिटेशन कमीशन की अध्यक्ष बनाया गया, जो देशभर की लोकसभा और विधानसभा सीटों का पुनर्विन्यास करता है।
इसके अलावा वे असम NRC कमेटी में भी सदस्य रहीं और 2022 में प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया (PCI) की पहली महिला चेयरपर्सन बनीं। यह पद उन्होंने बड़ी जिम्मेदारी और ईमानदारी से निभाया।
हाल ही में उन्होंने उत्तराखंड यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) का ड्राफ्ट तैयार किया, जो 2024 में कानून बन गया। अब वे गुजरात UCC कमेटी की चेयरपर्सन हैं।
इन सब कामों से साफ है कि रंजना प्रकाश देसाई सिर्फ एक नाम नहीं, बल्कि विश्वास और निष्ठा का प्रतीक हैं।
अब नया जिम्मा — 8वां वेतन आयोग
सरकार ने अब उन्हें 8वें वेतन आयोग की चेयरपर्सन बनाया है। यह आयोग केंद्र सरकार के करीब 50 लाख कर्मचारियों और 70 लाख पेंशनर्स की सैलरी, भत्तों और पेंशन की समीक्षा करेगा।
पीआईबी (PIB) के अनुसार, आयोग में आईआईएम बेंगलुरु के प्रोफेसर पुलक घोष पार्ट-टाइम मेंबर होंगे, जबकि पेट्रोलियम मंत्रालय के सचिव पंकज जैन को मेंबर सेक्रेटरी बनाया गया है।
कर्मचारियों की सबसे बड़ी उम्मीद यही है कि इस आयोग की सिफारिशों से उनकी सैलरी में अच्छी बढ़ोतरी होगी। पिछला यानी 7वां वेतन आयोग 2016 में लागू हुआ था, जिसने कर्मचारियों के बेसिक पे में बड़ा बदलाव किया था।
अगर सब कुछ तय समय पर हुआ, तो 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें 2027 से लागू हो सकती हैं।
लोगों में क्या उम्मीदें हैं?
देशभर में सरकारी कर्मचारियों के बीच इस खबर से उत्साह है। सोशल मीडिया पर कई कर्मचारी संगठनों ने इसे “नया साल का सबसे बड़ा तोहफा” बताया।
ज्यादातर का मानना है कि जस्टिस देसाई जैसी निष्पक्ष और अनुभवी व्यक्ति के नेतृत्व में आयोग न सिर्फ सैलरी बढ़ाएगा, बल्कि पेंशन और भत्तों की पुरानी दिक्कतों को भी सुलझाएगा।
क्यों खास हैं जस्टिस देसाई?
जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई का करियर इस बात का उदाहरण है कि अगर नीयत साफ हो तो हर पद पर न्याय और ईमानदारी कायम रखी जा सकती है।
उन्होंने हमेशा कानून से ज़्यादा न्याय को प्राथमिकता दी, और यही वजह है कि उन्हें हर जिम्मेदारी पर भरोसे के साथ चुना जाता है।
आज जब देश में आर्थिक चुनौतियाँ हैं, तब एक ऐसे आयोग की जरूरत थी जो संवेदनशील भी हो और समझदार भी। जस्टिस देसाई दोनों गुणों का बेहतरीन मेल हैं।
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