मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को एक वीडियो संदेश जारी कर बिहार की पहचान और गौरव को लेकर बड़ा बयान दिया है।
Bihar election के लिए बिहार में चुनावी माहौल धीरे-धीरे गर्म होता जा रहा है। इसी बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को एक वीडियो संदेश जारी कर बिहार की पहचान और गौरव को लेकर बड़ा बयान दिया है। वीडियो में उन्होंने कहा कि “एक समय था जब बिहारी कहलाना अपमान समझा जाता था, लेकिन अब वही शब्द गर्व का प्रतीक बन गया है।” मुख्यमंत्री का यह बयान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया है और इसे आने वाले Bihar Election से जोड़कर देखा जा रहा है।
वीडियो में क्या कहा नीतीश ने
करीब तीन मिनट के इस वीडियो में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य की छवि, विकास और बदलाव की यात्रा पर विस्तार से बात की।
उन्होंने कहा, “हमने बिहार को उस दौर से बाहर निकाला है जब लोग राज्य का नाम छिपाते थे। आज बिहार के लोग देश और विदेश में अपनी मेहनत से सम्मान कमा रहे हैं। अब कोई बिहारी कहलाने में शर्म महसूस नहीं करता, बल्कि गर्व से कहता है हम बिहार से हैं।”
नीतीश ने आगे कहा कि उनके शासन में शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क और बिजली के क्षेत्र में बड़ा सुधार हुआ है। उन्होंने कहा कि “हमने समाज में बदलाव लाने का काम किया, खासकर महिलाओं और युवाओं को सशक्त बनाया।”
Bihar Election से पहले जारी हुआ संदेश
राजनीतिक हलकों में इस वीडियो को चुनावी रणनीति से जोड़कर देखा जा रहा है। राज्य में इस साल के अंत तक विधानसभा चुनाव होने हैं और सत्तारूढ़ जदयू-बीजेपी गठबंधन विपक्षी महागठबंधन से सीधी टक्कर की तैयारी में है। ऐसे में मुख्यमंत्री का यह संदेश जनता तक अपनी बात भावनात्मक रूप में पहुंचाने की कोशिश माना जा रहा है।
जदयू के एक वरिष्ठ नेता ने बताया,
“मुख्यमंत्री चाहते हैं कि बिहार की अस्मिता और गौरव को फिर से केंद्र में लाया जाए। राज्य की छवि अब पहले जैसी नहीं रही। विकास और सामाजिक सुधार के मुद्दे पर हम चुनाव में जाएंगे।”
विपक्ष का पलटवार – ‘भावनात्मक कार्ड खेल रहे हैं नीतीश’
वहीं, विपक्ष ने मुख्यमंत्री के वीडियो को “राजनीतिक चाल” करार दिया है। राजद प्रवक्ता चंद्रिका राय ने कहा, “नीतीश कुमार जानते हैं कि जनता अब विकास के वादों से थक चुकी है। इसलिए अब वे भावनात्मक बातों का सहारा ले रहे हैं। लेकिन बिहार के लोग जानते हैं कि रोजगार, महंगाई और पलायन की स्थिति क्या है।” कांग्रेस नेता अखिलेश सिंह ने भी निशाना साधते हुए कहा, “बिहारी कहलाना गर्व की बात जरूर है, लेकिन सरकार बताए कि युवाओं को नौकरी कहां मिल रही है? राज्य से पलायन अब भी जारी है।” भाजपा ने हालांकि मुख्यमंत्री के बयान को “बिहार के आत्मगौरव की सही तस्वीर” बताया है। बीजेपी प्रवक्ता निखिल आनंद ने कहा, “यह सच है कि बिहार की छवि बदल चुकी है। यह नीतीश कुमार की नेतृत्व क्षमता और एनडीए सरकार की नीतियों का नतीजा है।”
सोशल मीडिया पर मिला समर्थन और सवाल दोनों
वीडियो के जारी होते ही सोशल मीडिया पर ‘#GauravSeKahoHumBihari’ ट्रेंड करने लगा। कई यूज़र्स ने नीतीश कुमार के संदेश का समर्थन किया, तो कई ने Bihar Election के लिए इसे चुनावी स्टंट कहा।
पटना के युवा इंजीनियर अंशुमन कुमार ने लिखा, “अब वाकई लोग बिहारी होने पर गर्व करते हैं। पहले जो मज़ाक उड़ाते थे, वही अब सम्मान देते हैं।” वहीं, दरभंगा की छात्रा पूजा कुमारी ने कमेंट किया, “गौरव की बात अच्छी है, लेकिन नौकरी की बात कब करेंगे?”
नीतीश ने विकास योजनाओं का भी किया ज़िक्र
वीडियो में मुख्यमंत्री ने अपने 19 साल के शासनकाल की उपलब्धियों को भी गिनाया।
उन्होंने कहा कि “राज्य में अब हर गांव तक सड़क और बिजली पहुंच चुकी है, महिलाओं को सरकारी नौकरियों में आरक्षण मिला है, और बिहार में शिक्षा के नए संस्थान खुले हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए नई योजनाएं ला रही है। “हमने युवा और महिला सशक्तिकरण को सबसे बड़ी ताकत बनाया है। बिहार अब आत्मविश्वास से भरा हुआ है,” उन्होंने कहा।
राजनीतिक रणनीति के संकेत
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि नीतीश कुमार का यह वीडियो संदेश “भावनात्मक नैरेटिव” बनाने की शुरुआत है।
बिहार की राजनीति में अक्सर जाति और रोजगार के मुद्दे हावी रहते हैं, लेकिन नीतीश इस बार राज्य की पहचान और गौरव पर फोकस करते दिख रहे हैं।
राजनीतिक विश्लेषक डॉ. अरुण कुमार का कहना है,
“यह वीडियो सिर्फ प्रचार नहीं है। यह नीतीश कुमार की नई रणनीति है, जिसमें वे खुद को बिहार के आत्मगौरव से जोड़ रहे हैं। आने वाले दिनों में इसी थीम पर Bihar Election के लिए चुनावी कैंपेन दिखेगा।”
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