AirTravelCrisis: अमेरिका में 40 एयरपोर्ट्स पर हड़कंप, शटडाउन की वजह से 2000 उड़ानें रद्द, हजारों कर्मचारी बिना सैलरी काम करने को मजबूर
AirTravelCrisis : अमेरिका इस समय अपने इतिहास के सबसे लंबे Shutdown से गुजर रहा है। सरकारी कामकाज ठप पड़े हुए हैं और इसका सीधा असर अब आम जनता पर दिखने लगा है। सबसे बड़ी परेशानी हवाई यात्रा में देखने को मिल रही है — जहां 40 बड़े एयरपोर्ट्स पर करीब 2000 उड़ानें रद्द कर दी गई हैं।
40 एयरपोर्ट्स पर उड़ी हड़कंप की खबर
फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (FAA) ने गुरुवार को बताया कि 40 एयरपोर्ट्स पर फ्लाइट्स की संख्या कम करनी पड़ी है। इनमें न्यूयॉर्क, वॉशिंगटन डीसी जैसे देश के सबसे व्यस्त एयरपोर्ट्स शामिल हैं। यह कदम इसलिए उठाया गया क्योंकि एयर ट्रैफिक कंट्रोलर्स की भारी कमी हो गई है।
सरकार के शटडाउन होने की वजह से 13,000 एयर ट्रैफिक कंट्रोलर्स और 50,000 सुरक्षा एजेंट्स पिछले एक महीने से बिना वेतन के काम कर रहे हैं। कई कर्मचारियों ने काम छोड़ दिया, जिससे सिस्टम चरमरा गया।
यात्रियों की मुश्किलें बढ़ीं
थैंक्सगिविंग वीक (22 से 27 नवंबर) से ठीक पहले उड़ानों की रद्दीकरण ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी है।
- डेल्टा एयरलाइंस ने शुक्रवार को 170 उड़ानें रद्द कीं।
- यूनाइटेड एयरलाइंस ने 200 उड़ानें रद्द कीं।
- अमेरिकन एयरलाइंस ने 220 उड़ानें कैंसिल कीं।
- साउथवेस्ट एयरलाइंस ने 100 फ्लाइट्स बंद कर दीं।
अब यात्रियों को नई उड़ानें ढूंढना मुश्किल हो गया है। कई एयरलाइंस ने एडवाइजरी जारी करते हुए कहा है कि “जो लोग अगले 10 दिनों में यात्रा करने वाले हैं, वे बैकअप टिकट ज़रूर बुक करें।”
एयरलाइंस की अपील
फ्रंटियर एयरलाइंस के सीईओ बैरी बिफल ने कहा की “हम यात्रियों की परेशानी समझते हैं। सरकार से उम्मीद है कि जल्द समाधान निकलेगा। फिलहाल, आप टिकट बदलने के लिए हमारी वेबसाइट का ही इस्तेमाल करें।”
कई कंपनियों ने टिकट बदलने पर फीस न लेने की घोषणा की है। हालांकि होटल या ट्रांसपोर्ट के खर्च की भरपाई नहीं की जाएगी।
बिना वेतन के काम करने को मजबूर कर्मचारी
अमेरिका में शटडाउन को 38 दिन हो चुके हैं। कर्मचारियों को महीनों से सैलरी नहीं मिली है, फिर भी कई लोग काम पर आ रहे हैं ताकि देश की सुरक्षा बनी रहे।
FAA एजेंट्स और TSA (सिक्योरिटी एजेंट्स) ने बताया कि वे घर के खर्च चलाने के लिए कर्ज लेकर काम कर रहे हैं।
टेनेसी के डेमोक्रेट सांसद स्टीव कोहेन ने कहा की “यह ट्रम्प प्रशासन का दबाव बनाने का तरीका है। बजट को लेकर डेमोक्रेट्स को झुकाने की कोशिश हो रही है।”
वहीं रिपब्लिकन नेताओं ने डेमोक्रेट्स को जिम्मेदार ठहराया है। सीनेटर टेड क्रूज ने कहा —“एयर ट्रैफिक सिस्टम अलार्म दे रहा है। स्टाफ नहीं है, लोग बिना पैसे के काम कर रहे हैं — यह खतरनाक स्थिति है।”
आर्थिक नुकसान हर दिन बढ़ रहा
कांग्रेसनल बजट ऑफिस (CBO) के अनुसार, हर दिन 400 मिलियन डॉलर (करीब ₹3,300 करोड़) का नुकसान केवल सरकारी कर्मचारियों की सैलरी बंद होने से हो रहा है।
सरकारी खर्च में देरी का असर अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर भी दिखने लगा है। CBO डायरेक्टर फिलिप स्वैगल का कहना है की “यह असर कुछ महीनों तक रहेगा। लोग अपनी बचत खत्म कर चुके हैं। अगर शटडाउन जारी रहा तो यह आर्थिक मंदी में बदल सकता है।”
4 करोड़ अमेरिकियों की फूड सहायता भी रुकी
शटडाउन का असर सिर्फ एयरपोर्ट्स या सरकारी दफ्तरों तक सीमित नहीं है। 4.2 करोड़ लोग, जो फूड स्टैंप (SNAP) के जरिए सरकारी सहायता लेते हैं, अब भूख के खतरे में हैं। USDA के पास सिर्फ 5 अरब डॉलर का रिज़र्व फंड बचा है, जबकि नवंबर के लिए 9.2 अरब डॉलर की जरूरत होगी।
USShutdown
अमेरिकी इतिहास में यह सबसे लंबा शटडाउन है। इससे पहले 2018 में भी ट्रम्प प्रशासन के दौरान 35 दिनों तक कामकाज बंद रहा था। लेकिन इस बार हालात और गंभीर हैं — क्योंकि
- 7.5 लाख सरकारी कर्मचारी बिना सैलरी के छुट्टी पर हैं।
- 7 लाख कर्मचारी मजबूरी में फ्री में काम कर रहे हैं।
- एटमी हथियार एजेंसी तक को स्टाफ कम करना पड़ा है।
आसमान में भी संकट
एयरपोर्ट्स पर यात्रियों की लाइनें बढ़ गई हैं, फ्लाइट्स लगातार लेट हो रही हैं। कुछ एयरपोर्ट्स ने सुरक्षा जांच की कतारों में 3-4 घंटे की देरी की चेतावनी दी है। यात्री सोशल मीडिया पर अपनी नाराज़गी जाहिर कर रहे हैं —“हमारे बच्चों की छुट्टियां खराब हो गईं, हमें दूसरे शहरों में फंसा दिया गया।”
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