Bihar Exit Poll 2025 के लिए आए 17 एजेंसियों के संयुक्त सर्वे (पोल ऑफ पोल्स) ने सूबे की सियासत का रुख लगभग तय कर दिया है।
Bihar Exit Poll 2025 के लिए आए 17 एजेंसियों के संयुक्त सर्वे (पोल ऑफ पोल्स) ने सूबे की सियासत का रुख लगभग तय कर दिया है। सर्वे के अनुसार इस बार भी सत्ता की कुर्सी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के पास जाती दिख रही है। एनडीए को 154 सीटों का अनुमान मिला है, जबकि विपक्षी महागठबंधन को सिर्फ 83 सीटों पर सिमटने की संभावना जताई गई है। वहीं, प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज इस बार खास प्रभाव नहीं छोड़ सकी और सर्वे में उसे महज 3 से 5 सीटों का अनुमान है।
Bihar Exit Poll 2025 – प्रमुख एजेंसियों का अनुमान
| एजेंसी / सर्वे संस्थान | NDA | महागठबंधन | जन सुराज पार्टी | अन्य |
|---|---|---|---|---|
| चाणक्य स्ट्रैटजीज | 130–138 | 100–108 | 0 | 3–5 |
| दैनिक भास्कर | 145–160 | 73–91 | 0–3 | 5–7 |
| DV रिसर्च | 137–152 | 83–98 | 2–4 | 1–8 |
| JVC | 135–150 | 88–103 | 0–1 | 3–6 |
| Matrize | 147–167 | 70–90 | 0–2 | 2–8 |
| P-मार्क | 142–162 | 80–98 | 1–4 | 0–3 |
| पीपल इनसाइट्स | 133–148 | 87–102 | 0–2 | 3–6 |
| पीपल पल्स | 133–159 | 75–101 | 0–5 | 2–8 |
| पोल ऑफ पोल्स (औसत) | 147 | 90 | 1 | 5 |
Bihar Exit Poll 2025 में एनडीए की बढ़त के पीछे के कारण
सर्वे एजेंसियों का मानना है कि इस बार नीतीश कुमार और बीजेपी की साझा रणनीति ने काम किया है। जदयू-भाजपा के बीच पिछले कुछ महीनों में मतभेद खत्म करने की कोशिश सफल रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैलियों और केंद्र की योजनाओं का असर ग्रामीण इलाकों में खास तौर पर देखा गया है।
बिहार के सवर्ण और पिछड़ा वर्ग मतदाताओं में एनडीए की पकड़ अब भी मजबूत बताई जा रही है। वहीं, जदयू के राज्य-स्तर के संगठन ने अपनी पुरानी जमीन फिर से वापस हासिल की है।
Bihar Exit Poll 2025 महागठबंधन क्यों पिछड़ा
तेजस्वी यादव ने बेरोज़गारी और शिक्षा जैसे मुद्दों को लगातार उठाया, लेकिन सर्वे के अनुसार मतदाताओं में उनकी बात उतनी असरदार नहीं रही जितनी उम्मीद थी।
कांग्रेस का संगठनात्मक ढांचा कमजोर पड़ा, जबकि वाम दलों के प्रभाव वाले इलाकों में भी मतों का विभाजन हुआ।
कई एजेंसियों का मानना है कि महागठबंधन को मुस्लिम-यादव समीकरण से आंशिक मदद मिली, लेकिन यह पर्याप्त नहीं था कि वह एनडीए को चुनौती दे सके।
Bihar Exit Poll 2025: जन सुराज; बड़ा प्रचार, लेकिन छोटा असर
प्रशांत किशोर ने अपनी पार्टी जन सुराज के ज़रिए “जन संवाद यात्रा” से राज्य की राजनीति में नया विमर्श लाने की कोशिश की थी।
उन्होंने “नई राजनीति” और “पारदर्शी शासन” के वादे के साथ तीसरे विकल्प के रूप में चुनाव लड़ा।
लेकिन सर्वे बताते हैं कि ग्रामीण मतदाता अब भी पारंपरिक गठबंधनों पर भरोसा कर रहे हैं। कई सीटों पर जन सुराज को 8-10 हज़ार वोट तक मिल सकते हैं, जो निर्णायक न होकर वोट विभाजन का कारण बन सकते हैं।
Bihar Exit Poll 2025: क्षेत्रवार रुझान
उत्तर बिहार: एनडीए को भारी बढ़त, विशेषकर सीवान, गोपालगंज और मधुबनी बेल्ट में।
दक्षिण बिहार: पटना, नालंदा और गया में मिश्रित रुझान, लेकिन जदयू को फायदा।
सीमांचल: यहाँ महागठबंधन कुछ सीटें बचा सकता है, मुस्लिम बहुल इलाकों में राजद को हल्की बढ़त
बिहारशरीफ और पश्चिमी जिलों में: भाजपा का वोट शेयर 45% से ऊपर जाने का अनुमान।
Bihar Exit Poll 2025: क्या कहता है एक्सपर्ट विश्लेषण
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि बिहार में “स्थिरता बनाम बदलाव” की लड़ाई इस बार भी एनडीए के पक्ष में जा रही है।
नीतीश कुमार के नेतृत्व को लेकर पहले असमंजस था, लेकिन बीजेपी की सक्रियता और स्थानीय नेताओं की एकजुटता ने माहौल बदल दिया।
हालाँकि, कई विशेषज्ञों का कहना है कि परिणामों में मामूली अंतर आ सकता है क्योंकि युवा वोटरों का रुझान अंत तक बदल सकता है।
Bihar chunav: नवादा में बीजेपी प्रत्याशी का विरोध, बेतिया में वोट खरीदते राजद कार्यकर्ता गिरफ्तार

