खुफिया एजेंसियों को शक, स्लीपर सेल नेटवर्क से जुड़ा हो सकता है हमला।
Delhi bomb blast: दिल्ली में हुए हालिया बम ब्लास्ट केस ने अब एक नया मोड़ ले लिया है। शुरुआती जांच में जहां माना जा रहा था कि संदिग्ध एक ही कार में आए थे, वहीं अब जांच एजेंसियों को मिले नए सबूतों से पता चला है कि दो अलग-अलग कारों का इस्तेमाल किया गया था। इनमें से एक कार की पहचान सफेद रंग की हैचबैक के रूप में हुई है, जबकि दूसरी लाल रंग की फोर्ड इको स्पोर्ट्स (EcoSport) कार अब जांच का सबसे बड़ा रहस्य बन चुकी है।
Delhi bomb blast: दो कारों का सुराग कैसे मिला?
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल और फॉरेंसिक टीम ने घटनास्थल के आस-पास लगे करीब 75 CCTV कैमरों की फुटेज खंगाली है। इन फुटेज में यह साफ दिखाई देता है कि घटना से कुछ मिनट पहले दो अलग-अलग वाहन एक ही दिशा से आते हुए देखे गए। इनमें से सफेद कार को घटना स्थल के पास कुछ देर रुकते हुए देखा गया, जबकि लाल इको स्पोर्ट्स को थोड़ी दूरी पर खड़ा किया गया था।
सूत्रों के अनुसार, प्राथमिक जांच में ऐसा प्रतीत होता है कि एक कार का इस्तेमाल बम लगाने के लिए किया गया था, जबकि दूसरी कार में बैठकर संदिग्ध मौके से फरार हो गए। जांच एजेंसियों को शक है कि इस पूरी साजिश को बहुत बारीकी से अंजाम दिया गया, ताकि किसी एक वाहन पर ध्यान केंद्रित न किया जा सके।
Delhi bomb blast: लाल इको स्पोर्ट्स कहां गायब हो गई?
घटनास्थल के पास लाल रंग की फोर्ड इको स्पोर्ट्स कार को आखिरी बार रात करीब 9:47 बजे देखा गया था। CCTV फुटेज में यह कार कुछ मिनट तक एक साइड लेन में खड़ी रहती है, फिर अचानक आगे बढ़ जाती है। इसके बाद यह कार किसी भी कैमरे में दिखाई नहीं देती।
पुलिस ने इस कार की नंबर प्लेट का आंशिक नंबर हासिल किया है और उसे देशभर के वाहन डेटाबेस और टोल बूथ रिकॉर्ड्स से मिलाया जा रहा है। जांचकर्ताओं को शक है कि या तो कार को नकली नंबर प्लेट से चलाया गया या फिर ब्लास्ट के बाद उसे नष्ट कर दिया गया।
दिल्ली से सटे हरियाणा और उत्तर प्रदेश की सीमाओं पर लगे टोल प्लाज़ा की फुटेज भी खंगाली जा रही है। साथ ही, पुलिस ने आस-पास के पेट्रोल पंपों और वर्कशॉप्स से भी पूछताछ शुरू कर दी है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि कहीं संदिग्धों ने वहां से ईंधन या मदद तो नहीं ली।
Delhi bomb blast: संदिग्धों की पहचान को लेकर सुराग
जांच एजेंसियों ने ब्लास्ट साइट से कुछ फिंगरप्रिंट्स और जले हुए मोबाइल फोन के अवशेष बरामद किए हैं। यह मोबाइल फोन, माना जा रहा है, धमाका करने के लिए इस्तेमाल किए गए टाइमिंग डिवाइस से जुड़ा था। अब इन डिजिटल साक्ष्यों की मदद से यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि फोन में किस सिम कार्ड का इस्तेमाल हुआ था और वह किसके नाम पर रजिस्टर था।
पुलिस को शक है कि संदिग्धों ने इस हमले की योजना कई हफ्ते पहले बनाई थी और राजधानी में किराये के मकान या गेस्ट हाउस में रुके थे। फिलहाल जांच टीमें कई इलाकों में रेड कर रही हैं, खासकर नरेला, मुंडका, द्वारका और करोल बाग जैसे इलाकों में, जहां से संदिग्धों के आने-जाने के संकेत मिले हैं।
Delhi bomb blast: NIA और खुफिया एजेंसियां भी सक्रिय
इस मामले में अब राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) भी शामिल हो गई है। NIA के विशेषज्ञों ने बम के मलबे की जांच शुरू कर दी है ताकि यह पता लगाया जा सके कि विस्फोटक सामग्री देश में बनी थी या बाहर से लाई गई। प्राथमिक रिपोर्ट्स के अनुसार, धमाके में इस्तेमाल विस्फोटक RDX और PETN जैसे हाई-इंटेंसिटी मटेरियल का मिश्रण हो सकता है।
खुफिया सूत्रों का कहना है कि इस हमले की साजिश किसी आतंकी संगठन या स्लीपर सेल नेटवर्क द्वारा रची गई हो सकती है। हाल के महीनों में दिल्ली और उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में संदिग्ध गतिविधियों के इनपुट भी मिले थे, जिनका अब इस केस से कनेक्शन जोड़ा जा रहा है।
Delhi bomb blast: राजधानी में सुरक्षा अलर्ट
दिल्ली पुलिस ने राजधानी में हाई अलर्ट घोषित कर दिया है। रेलवे स्टेशन, मेट्रो स्टेशन, मॉल्स और भीड़भाड़ वाले इलाकों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। हर वाहन की जांच की जा रही है, खासकर लाल रंग की SUVs पर खास निगरानी रखी जा रही है।
पुलिस ने लोगों से अपील की है कि अगर किसी को लाल फोर्ड इको स्पोर्ट्स जैसी कार दिखे, तो तुरंत पुलिस या हेल्पलाइन नंबर पर सूचना दें। सोशल मीडिया पर भी इस कार की तस्वीरें साझा की गई हैं ताकि जनता की मदद से इसे जल्द से जल्द खोजा जा सके।
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