बागेश्वर धाम के प्रमुख पीठाधीश्वर Dhirendra shastri की तबीयत गुरुवार को अचानक खराब हो गई।
बागेश्वर धाम के प्रमुख पीठाधीश्वर Dhirendra shastri की तबीयत गुरुवार को अचानक खराब हो गई। वे अपनी “सनातन हिंदू एकता पदयात्रा” के दौरान बेहोश होकर सड़क पर लेट गए। आसपास मौजूद भक्तों ने तुरंत उन्हें संभाला, गमछे से हवा दी और पानी पिलाया। बताया जा रहा है कि 15 घंटे के भीतर यह दूसरी बार था जब उनकी तबीयत बिगड़ी।
भीड़ के बीच बेहोश हुए Dhirendra shastri
गुरुवार की दोपहर पदयात्रा जब हरियाणा-उत्तर प्रदेश सीमा के पास चल रही थी, तभी अचानकDhirendra shastri को चक्कर आया। कुछ ही क्षणों में वे सड़क पर लेट गए। उनके साथ चल रहे हजारों भक्तों में अफरा-तफरी मच गई। कई लोग तुरंत उनके पास पहुंचे, किसी ने गमछे से हवा की तो किसी ने पानी पिलाने की कोशिश की।
करीब पाँच मिनट तक उन्हें आराम कराया गया, जिसके बाद उन्होंने धीरे-धीरे उठकर बैठने की कोशिश की। उनके चेहरे पर थकान साफ झलक रही थी, लेकिन कुछ देर बाद उन्होंने आगे बढ़ने का इशारा कर दिया।
15 घंटे में दूसरी बार बिगड़ी तबीयत
बताया जा रहा है कि बुधवार देर रात भी Dhirendra shastri की तबीयत अचानक खराब हुई थी। उन्हें तेज बुखार और शरीर में दर्द की शिकायत थी। उनके नजदीकी सूत्रों के अनुसार डॉक्टरों ने उन्हें आराम करने की सलाह दी थी, लेकिन उन्होंने यात्रा जारी रखने का निर्णय लिया।
लगातार यात्रा, मौसम में बदलाव और भीड़भाड़ के बीच लगातार बोलने व चलने से उनकी सेहत पर असर पड़ा। भक्तों का कहना है कि वे पिछले कुछ दिनों से लगातार अस्वस्थ महसूस कर रहे थे, फिर भी यात्रा को बीच में रोकना नहीं चाहते थे।
क्या है पदयात्रा का उद्देश्य
Dhirendra shastri इन दिनों “सनातन हिंदू एकता पदयात्रा 2.0” निकाल रहे हैं, जिसका शुभारंभ दिल्ली के छतरपुर स्थित आद्या कात्यायनी शक्तिपीठ से हुआ था।
इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य धार्मिक एकता, सामाजिक समरसता और सनातन संस्कृति के संरक्षण का संदेश देना है। शास्त्री जी इस यात्रा के माध्यम से दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के कई शहरों से होते हुए वृंदावन और मथुरा तक पहुंचने वाले हैं।
भीड़ में मचा हड़कंप, सुरक्षा बढ़ाई गई
जब Dhirendra shastri सड़क पर गिरे तो मौके पर मौजूद सुरक्षा कर्मियों ने तुरंत चारों ओर घेरेबंदी कर दी। भीड़ को दूर रखा गया ताकि हवा और प्राथमिक चिकित्सा का इंतजाम किया जा सके।
स्थानीय प्रशासन ने भी सुरक्षा बढ़ा दी है। स्वास्थ्य विभाग की एक मोबाइल मेडिकल टीम को पदयात्रा के साथ जोड़ने का निर्णय लिया गया है ताकि ऐसी स्थिति दोबारा न हो।
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