क्या नीतीश कुमार ही रहेंगे Bihar new CM?
क्या नीतीश कुमार ही रहेंगे Bihar CM face? चुनाव नतीजों के बाद बढ़ी राजनीतिक हलचल बिहार विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद सबसे बड़ा सवाल यही है कि राज्य का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा? क्या नीतीश कुमार एक बार फिर सत्ता संभालेंगे या भारतीय जनता पार्टी अब अपना मुख्यमंत्री चेहरा सामने लाएगी? नतीजों ने जहां बीजेपी को सबसे बड़ी पार्टी बना दिया है, वहीं गठबंधन की राजनीति ने समीकरणों को और पेचीदा कर दिया है।
बीजेपी की बड़ी जीत, लेकिन Bihar CM face अभी भी नीतीश?
2025 के चुनाव में बीजेपी अकेले 90 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। जेडीयू ने भी अच्छा प्रदर्शन किया है, जिसके बाद एनडीए गठबंधन आराम से बहुमत के आसपास पहुँच गया है। लेकिन नतीजे आते ही राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। क्या बीजेपी अब नेतृत्व अपने हाथ में लेगी?
इस सवाल की शुरुआत खुद बीजेपी के शीर्ष नेताओं के पुराने बयानों से हुई। जून 2025 में गृह मंत्री अमित शाह ने स्पष्ट रूप से कहा था कि “हम चुनाव नीतीश कुमार के नेतृत्व में लड़ रहे हैं।” फिर 16 अक्टूबर को उन्होंने कहा कि चुनाव बाद Bihar CM face का फैसला विधायक दल करेगा। लेकिन 1 नवंबर को शाह ने एक बार फिर यह कहकर मामला साफ कर दिया कि “नीतीश ही मुख्यमंत्री हैं और चुनाव जीतने के बाद भी वही रहेंगे।”
फिर भी नई मुश्किलें क्यों खड़ी हो रही हैं?
चुनाव नतीजे आने के बाद स्थिति पहले जैसी साफ नहीं दिख रही। कारण है बीजेपी का मजबूत प्रदर्शन और उसके सहयोगी दलों की बढ़ी हुई ताकत। राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि इतनी बड़ी जीत के बाद बीजेपी के भीतर यह आवाज उठना स्वाभाविक है कि मुख्यमंत्री पद अब उसके पास होना चाहिए।
बीजेपी अगर जेडीयू को गठबंधन से बाहर भी करे, तो उसके पास कुल 118 विधायक तक का समर्थन तैयार हो सकता है, जो बहुमत से सिर्फ चार कम है। ऐसे में यदि बीजेपी 8–10 विधायकों का समर्थन जुटा ले, तो अपने दम पर सरकार बनाने का रास्ता खुल सकता है।
विशेषज्ञों की राय क्या कहती है?
बिहार यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर प्रमोद कुमार का मानना है कि “बीजेपी जोड़तोड़ की राजनीति में माहिर है। यदि नीतीश एनडीए छोड़ते हैं तो पार्टी कांग्रेस और अन्य दलों में सेंध लगाकर भी सत्ता पर काबिज हो सकती है।”
राजनीतिक विश्लेषक प्रियदर्शी रंजन कहते हैं, “अब बीजेपी के लिए अपना मुख्यमंत्री बनाने का रास्ता पूरी तरह से खुल गया है। इतनी बड़ी पार्टी होकर भी अगर वह मुख्यमंत्री पद जेडीयू को सौंप देती है, तो यह केवल गठबंधन धर्म निभाने जैसा होगा।”
नीतीश की रणनीति फिर कितना मजबूत है उनका दावा?
दूसरी तरफ, नीतीश कुमार ने इन चुनावों में अपनी राजनीतिक पकड़ एक बार फिर साबित की है। उनके बयान “टाइगर अभी जिंदा है” ने चुनावी माहौल में नई ऊर्जा भरी थी। उनकी पार्टी का प्रदर्शन मजबूत रहा और एनडीए गठबंधन ने चुनाव से पहले ही उन्हें अपने Bihar CM face के रूप में प्रस्तुत किया था।
केंद्र की राजनीति में भी जेडीयू की भूमिका अहम रही है। माना जा रहा है कि केंद्र सरकार को संसद में कई मुद्दों पर जेडीयू के समर्थन की जरूरत पड़ सकती है। ऐसे में बीजेपी पर गठबंधन को साधकर रखने का दबाव भी है, जो नीतीश के लिए फायदा बन सकता है।
क्या नीतीश खुद पीछे हट सकते हैं?
सूत्रों के अनुसार, अगर किसी स्तर पर दबाव बढ़ता है, तो नीतीश कुमार “स्वास्थ्य कारणों” का हवाला देकर खुद ही पद छोड़ने का विकल्प चुन सकते हैं। वे इस तरह के कदम पहले भी उठा चुके हैं। लेकिन फिलहाल ऐसा कोई संकेत नहीं दिख रहा है।
तस्वीर अभी साफ, लेकिन पूरी नहीं
राजनीतिक हलचल, वार्ताओं और नेताओं के बयानों को देखते हुए फिलहाल स्पष्ट है कि बीजेपी के बड़े नेता नीतीश को ही Bihar CM face के रूप में स्वीकार करने को तैयार हैं। गठबंधन को टूटने से बचाने के लिए भी यही सबसे सहज विकल्प दिख रहा है। लेकिन BJP की ताकत अब इतनी बढ़ चुकी है कि वह किसी भी वक्त अपना दावा पेश कर सकती है।
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