छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में सोमवार तड़के सुरक्षा बलों और माओवादियों के बीच हुई एक भीषण मुठभेड़ में टॉप नक्सल कमांडर Madvi Hidma का खात्मा हो गया।
छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में सोमवार तड़के सुरक्षा बलों और माओवादियों के बीच हुई एक भीषण मुठभेड़ में टॉप नक्सल कमांडर Madvi Hidma का खात्मा हो गया। हिडमा के साथ उसकी पत्नी और संगठन की स्थानीय इकाई से जुड़े कुल 6 नक्सलियों को भी ढेर किया गया। सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार हिडमा पर 50 लाख रुपये का इनाम घोषित था और वह कई बड़े हमलों का मास्टरमाइंड माना जाता था।
घने जंगलों में ऑपरेशन शुरू, घंटों चली फायरिंग
जानकारी के मुताबिक, यह मुठभेड़ सुकमा के दक्षिणी इलाके के मिनपा–पलोड़ी जंगलों में तब शुरू हुई जब सीआरपीएफ, कोबरा और जिला पुलिस बल की संयुक्त टीम को माओवादियों की मौजूदगी की पुख्ता जानकारी मिली। सुरक्षा बलों ने बीती रात सर्च ऑपरेशन शुरू किया था, जो सुबह करीब 5 बजे मुठभेड़ में बदल गया।
जंगल के बीच अचानक हुई गोलीबारी में नक्सली कई दिशाओं से फायरिंग करने लगे, लेकिन सुरक्षा बलों की जवाबी कार्रवाई में उन्हें पीछे हटना पड़ा।
पहचान की पुष्टि के बाद Madvi Hidma के मारे जाने की जानकारी
सुरक्षा अधिकारियों ने बताया कि मुठभेड़ खत्म होने के बाद जंगल से बरामद शवों की पहचान की गई। इनमें एक शव माओवादी कमांडर Madvi Hidma का पाया गया, जो बस्तर क्षेत्र की ‘पहली बटालियन’ का प्रमुख था। उसकी पहचान को लेकर पूर्ण पुष्टि के बाद ही आधिकारिक घोषणा की गई।
हिडमा की पहचान उसके दाहिने हाथ पर बने विशेष निशान, कॉम्बैट बेल्ट और उसकी फोर्स में उपयोग की जाने वाली विशिष्ट वर्दी के आधार पर की गई।
पत्नी भी संगठन में सक्रिय, मुठभेड़ में ढेर
मुठभेड़ में हिडमा की पत्नी के भी मारे जाने की पुष्टि हुई है। वह बीते कुछ वर्षों से माओवादी संगठन के मेडिकल यूनिट और मिलिट्री सपोर्ट सेल से जुड़ी हुई थी। वह कई बार सुरक्षाबलों पर IED हमलों में सहायता करने के आरोपों में संदिग्ध मानी जाती रही है।
सुरक्षा अधिकारियों के अनुसार यह पहली बार है जब Madvi Hidmaऔर उसके परिवार से जुड़े किसी सक्रिय माओवादी सदस्य के मारे जाने की आधिकारिक पुष्टि हुई है।
1 करोड़ के इनामी Madvi Hidma के नाम कई बड़े हमले
हिडमा पिछले एक दशक से छत्तीसगढ़ की माओवाद-प्रभावित बेल्ट में सबसे खतरनाक नामों में शामिल रहा है। उस पर 1 करोड़ रुपये का इनाम घोषित था और वह कई बड़ी घटनाओं का मास्टरमाइंड बताया जाता है। बस्तर क्षेत्र में कई एम्बुश और IED हमले में शामिल था। 2010 का दंतेवाड़ा हमला जिसमें 76 जवान शहीद हुए। इसके अलावा, 2013 का झीरम घाटी हमला, बीजापुर और सुकमा में सुरक्षाबलों पर कई बार घात लगाकर फायरिंग।
सुरक्षा एजेंसियां लंबे समय से उसकी तलाश में थीं, लेकिन घने जंगलों और नक्सलियों के लोकल नेटवर्क की वजह से वह लगातार बचता रहा।
एनकाउंटर साइट से भारी मात्रा में हथियार बरामद
मुठभेड़ स्थल से सुरक्षाबलों को बड़ी मात्रा में हथियार और विस्फोटक मिले हैं, जिनमें शामिल हैं AK-47 राइफलें, IED निर्माण सामग्री, वायरलेस सेट, संगठन के गोपनीय दस्तावेज। सुरक्षा अधिकारियों का कहना है कि बरामद दस्तावेजों से नक्सलियों की आगामी योजनाओं और कम्युनिकेशन सिस्टम की अहम जानकारी मिलने की संभावना है।
सुरक्षा बलों के मनोबल में बढ़ोतरी
छत्तीसगढ़ पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने इसे सुरक्षा बलों के लिए बड़ी सफलता बताया है। बस्तर रेंज के एक अधिकारी ने कहा कि Madvi Hidma का खात्मा “न सिर्फ एक टॉप कमांडर की मौत” है, बल्कि माओवादी संगठन की सबसे हिंसक और हमलावर टीम को बड़ा झटका है।
सुरक्षाबलों ने पूरे क्षेत्र में सर्च ऑपरेशन तेज कर दिया है ताकि मुठभेड़ के बाद भागे हुए नक्सलियों को भी पकड़ सके।
नक्सल आंदोलन को बड़ा झटका
विशेषज्ञों का मानना है कि Madvi Hidma का मारा जाना माओवादी स्ट्रक्चर के लिए बड़ा नुकसान है क्योकि वह बस्तर के जंगलों के भूगोल का विशेषज्ञ था। उसकी रणनीतियों पर संगठन की मिलिट्री विंग निर्भर रहती थी। नए भर्ती होने वाले नक्सलियों के बीच वह एक प्रेरक चेहरे के रूप में देखा जाता था। अब उसकी मौत के बाद नक्सलियों में नेतृत्व का संकट गहराने की उम्मीद है।
