Hamirpur murder case: प्रेमिका की नग्न लाश और 35 मिनट की कहानी, क्या पुलिस की थ्योरी पूरी तरह सही है?
Hamirpur murder case: उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले में एक युवती की हत्या ने पूरे इलाके को हिला दिया है। मौदहा–राठ मार्ग पर एक निर्वस्त्र महिला का शव मिलने के बाद पुलिस ने दावा किया कि इस वारदात को सब-इंस्पेक्टर अंकित यादव ने अपनी प्रेमिका की हत्या कर अंजाम दिया। लेकिन पुलिस की कहानी जितनी सीधी दिखाई देती है, उतनी ही इसमें कई सवाल भी उठ रहे हैं।
वारदात की रात: 35 मिनट में क्या-क्या हुआ?
पुलिस के मुताबिक, घटना की सबसे अहम कड़ी वही 35 मिनट हैं, जिनमें पूरी कहानी गुज़री। होटल से निकली कार रमना गांव के पास रात करीब 1:14 बजे रुकी और लगभग 1:49 बजे उसी रास्ते से वापस निकलती दिखी। यानि कुल 35 मिनट।
पुलिस का कहना है कि इन्हीं 35 मिनट में—
- युवती की हत्या
- शरीर को घसीटना
- उसके कपड़े उतरना
- लोहे की रॉड से हमला
- फिर पत्थर से प्रहार
- मोबाइल तोड़ना
- और साक्ष्य मिटाने की कोशिश
जैसी पूरी श्रृंखला पूरी हुई। यह विवरण चौंकाने वाला है क्योंकि इतनी कम अवधि में इतना बड़ा अपराध करना कई लोगों के लिए समझ पाना मुश्किल लग रहा है।
मौके का हाल
शव जिस हालत में मिला, उसने जांच करने वालों को भी हैरान कर दिया। शव निर्वस्त्र था और आसपास खून के निशान लंबे दायरे में फैले हुए थे। इससे लग रहा था कि शव को घसीटा गया था। लेकिन सवाल यह है कि क्या यह सब अकेले व्यक्ति द्वारा इतने कम समय में संभव था?
फारेंसिक टीम ने जगह-जगह से सबूत इकट्ठे किए, लेकिन अब भी कई चीज़ें स्पष्ट नहीं हैं। घटना को जिस समय में पूरा होने की बात कही जा रही है, उससे जांचकर्ता भी असमंजस में हैं।
पुलिस की थ्योरी पर उठते सवाल
पुलिस ने इस मामले को काफी हद तक स्पष्ट बताया है, लेकिन स्थानीय लोगों और मामले को करीब से समझने वाले लोगों को इसमें कई सवाल दिखाई देते हैं—
1. क्या 35 मिनट काफी हैं?
हत्या, घसीटना, कपड़े उतरना, हथियार बदलना, मोबाइल तोड़ना और साक्ष्य मिटाना—इन सबमें कितना समय लगेगा? क्या कोई अकेला व्यक्ति इतनी तेज़ी से सब कर सकता है?
2. क्या कोई और भी शामिल था?
कुछ लोगों का मानना है कि यह काम अकेले किसी के लिए आसान नहीं। इसलिए शक है कि कहीं घटना में कोई और मौजूद तो नहीं था।
3. क्या शव की स्थिति पुलिस की कहानी से मेल खाती है?
शव जैसी हालत में मिला, वह पुलिस की बताई थ्योरी से कई जगह मेल नहीं खाती। कई बार ऐसा दिखाई देता है कि घटनास्थल पर समय ज्यादा बिताया गया हो।
4. हथियार दो क्यों?
लोहे की रॉड और फिर पत्थर—दो अलग-अलग चीज़ों से हमला करना बताता है कि आरोपी को समय मिला। लेकिन पुलिस कह रही है कि सब कुछ 35 मिनट में हुआ।
पीड़िता और आरोपी का रिश्ता
पुलिस के मुताबिक, सब-इंस्पेक्टर अंकित यादव और मृतका के बीच प्रेम संबंध थे। बताया जा रहा है कि दोनों के बीच कुछ समय से विवाद भी चल रहा था। घटना वाले दिन भी उनके बीच कहा-सुनी होने की बात सामने आई है। पुलिस का दावा है कि गुस्से में आकर आरोपी ने हत्या कर दी।
लेकिन कई लोगों की राय है कि यह विवाद अगर पहले से बढ़ा हुआ था तो घटनास्थल तक पहुंचना और इतने तरीके से हत्या करना अचानक का फैसला कैसे हो सकता है?
सीसीटीवी फुटेज क्या कहता है?
सीसीटीवी में सिर्फ कार के रुकने और वापस निकलने का समय दर्ज हुआ है। यह फुटेज पुलिस की कहानी को तो मजबूत करता है, लेकिन हत्या की प्रक्रिया और समय की सच्चाई नहीं बताता। यह सबसे बड़ा कारण है जिस पर सवाल उठ रहे हैं।
क्या जांच को और गहराई की जरूरत है?
मामले की गंभीरता को देखते हुए स्थानीय लोग और कई सामाजिक संगठन मांग कर रहे हैं कि—
- घटनास्थल की दोबारा जांच हो
- कॉल डिटेल और लोकेशन डेटा को और गहराई से खंगाला जाए
- आरोपी के कार्य-व्यवहार का मनोवैज्ञानिक विश्लेषण किया जाए
- और यह सुनिश्चित किया जाए कि किसी भी एंगल को छोड़ा न जाए
परिवार की मांग
मृतका के परिवार का कहना है कि उन्हें पुलिस की कहानी पर भरोसा नहीं। उनका कहना है कि जांच खुली होनी चाहिए और हर तथ्य को सामने लाया जाए। परिवार का दर्द साफ है—वे केवल एक ही बात चाहते हैं: “सच सामने आए और दोषी को सज़ा मिले।’’
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