Delhi NCR AQI: दिल्ली की हवा हुई जहरीली, कई इलाकों में हालात ‘गंभीर प्लस’
Delhi NCR AQI: दिल्ली-एनसीआर की हवा इन दिनों किसी ज़हरीले गैस चैंबर से कम नहीं है। शनिवार सुबह प्रदूषण स्तर ने एक बार फिर सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। कई इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स यानी AQI 600 से ऊपर पहुंच गया, जो ‘गंभीर प्लस’ श्रेणी में आता है। हवा में घुलते जहरीले धुएं ने लोगों के लिए सांस लेना मुश्किल कर दिया है। आंखों में तेज जलन, सिर दर्द, गले में खुजली और लगातार खांसी की शिकायतें बढ़ गई हैं।
Delhi NCR की हवा फिर खतरनाक स्तर पर
शनिवार सुबह मॉनिटरिंग सेंटरों से जो डेटा आया, उसने लोगों को चिंतित कर दिया। सबसे प्रदूषित क्षेत्र वजीरपुर रहा, जहां AQI 691 दर्ज हुआ। यह ऐसा स्तर है जिसमें सामान्य स्वस्थ व्यक्ति को भी सांस लेना भारी पड़ सकता है। वहीं दिल्ली का दूसरा सबसे प्रदूषित स्थान आनंद विहार रहा, जहां AQI 620 पहुंच गया। जहांगीरपुरी में यह स्तर 583, बहादुरगढ़ में 550 और लोनी में 548 रिकॉर्ड किया गया।
नीचे कुछ प्रमुख इलाकों की स्थिति दी गई है—
- वजीरपुर – 691
- आनंद विहार – 620
- जहांगीरपुरी – 583
- बहादुरगढ़ – 550
- लोनी – 548
- रोहिणी – 503
- नोएडा सेक्टर-116 – 493
- वसुंधरा – 469
- इंदिरापुरम – 466
- नॉलेज पार्क, ग्रेटर नोएडा – 454
इन इलाकों में सुबह से ही धुंध और प्रदूषण की मोटी परत देखी गई। लोग घरों से बाहर निकलते ही आंखों में जलन और सांस में भारीपन महसूस कर रहे हैं।
क्यों लगातार बिगड़ रही है हवा?
विशेषज्ञों के अनुसार, इस स्थिति के पीछे कई कारण हैं—
- ठंड बढ़ने के साथ हवा की रफ्तार बहुत कम हो गई है
- ऊपर की परतों में हवा ठहरने लगी है, जिससे प्रदूषण नीचे जम जाता है
- कुहासे और धुंध से प्रदूषक कण फंस जाते हैं
- दिन में धूप कम निकलने से हवा साफ नहीं हो पा रही
वरिष्ठ पर्यावरण विशेषज्ञ बताते हैं कि नवंबर और दिसंबर में हवा का यह पैटर्न आम बात है, लेकिन इस बार प्रदूषण स्तर पिछले कई वर्षों के रिकॉर्ड पार कर रहा है।
लगातार गंभीर स्थिति में AQI
सीपीसीबी के आंकड़ों के मुताबिक, शुक्रवार और उससे पहले के दिनों का हाल भी बेहतर नहीं था। गुरुवार को दिल्ली का औसत AQI 391 दर्ज किया गया, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है। लगातार सात दिनों से दिल्ली की हवा बहुत खराब से गंभीर स्थिति में बनी हुई है। दिल्ली के 38 मॉनिटरिंग स्टेशनों में से 18 स्टेशनों पर AQI 400 से ऊपर रिकॉर्ड किया गया।
कुछ ऐसे स्थान—
- चांदनी चौक
- डीटीयू
- बवाना
- आनंद विहार
- मुंडका
- नरेला
- वजीरपुर
यह सभी इलाके गंभीर श्रेणी में बने हुए हैं, जहां हवा में सांस लेना सेहत पर भारी पड़ सकता है।
वाहनों और पराली का कितना योगदान?
आईआईटीएम पुणे के डिसीजन सपोर्ट सिस्टम के अनुसार, दिल्ली में गुरुवार को मौजूद प्रदूषण में—
- वाहनों का योगदान करीब 17.3% रहा
- पराली जलाने का योगदान 2.8%
शुक्रवार के लिए ये अनुमान क्रमशः 16.2% और 1.8% रहा, यानी इस समय प्रदूषण का सबसे बड़ा हिस्सा स्थानीय स्रोतों—वाहन, उद्योग, निर्माण धूल, सड़क की धूल और जनरेटर—से आ रहा है।
आने वाले दिनों में हवा और खराब होगी
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की वायु गुणवत्ता पूर्व चेतावनी प्रणाली ने आगाह किया है कि आने वाले छह दिनों तक दिल्ली की हवा ‘बहुत खराब’ से ‘गंभीर’ श्रेणी में बनी रहेगी।
तापमान में गिरावट, हवा की धीमी गति और सुबह-शाम घने कुहासे से प्रदूषण और फंस सकता है।
PM10 और PM2.5 ने तोड़े सारे रिकॉर्ड
गुरुवार दोपहर 12 बजे—
- PM10 का स्तर – 363.1
- PM2.5 का स्तर – 212.5
ये दोनों मानक सीमा से कई गुना ऊपर हैं। इतनी खराब हवा लंबे समय तक स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक हो सकती है, खासकर बुजुर्गों, बच्चों और दमा या हृदय रोग से पीड़ित लोगों के लिए।
यह देखे https://aqicn.org/city/beijing/
लोग क्या करें?
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कुछ जरूरी सलाह दी है—
- सुबह-सुबह बाहर निकलने से बचें
- N95 मास्क का इस्तेमाल करें
- घरों में एयर प्यूरीफायर चलाएं
- ज्यादा पानी पिएं
- बाहर के व्यायाम कुछ दिनों के लिए रोक दें
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