Amayra Death Case: 9 साल की मासूम ने क्यों दी जान? परिजनों का आरोप—स्कूल कुछ छिपा रहा है
Amayra Death Case: जयपुर के प्रतिष्ठित नीरजा मोदी स्कूल में चौथी क्लास की छात्रा अमायरा की संदिग्ध मौत ने पूरे प्रदेश को हिलाकर रख दिया है। परिवार, पड़ोसी, अभिभावक—हर कोई सदमे में है। स्कूल में पढ़ने वाली एक खुशमिजाज बच्ची आखिर क्या सोचकर अपनी जान दे देगी? इस सवाल का जवाब अभी तक किसी के पास नहीं है। लेकिन परिजन साफ कह रहे हैं—“अमायरा की मौत एक हादसा नहीं, लापरवाही का नतीजा है।”
NCPCR की टीम स्कूल पहुँची, अभिभावकों से की लंबी बातचीत
घटना के बाद राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) की टीम स्कूल पहुंची। टीम ने पूरे मामले की बारीकी से जांच की, क्लासरूम, कॉरिडोर, CCTV फुटेज और स्कूल प्रशासन की बातों को परखा। इसके बाद टीम जिला कलेक्ट्रेट पहुँची, जहाँ अधिकारियों, पुलिस और शिक्षा विभाग के साथ बैठक की गई।
टीम के अधिकारियों का कहना है कि अभी तक जांच में कई सवाल अनुत्तरित हैं, जिन पर पुलिस और शिक्षा विभाग को जवाब देना होगा।
परिजनों की पीड़ा—”नींद की गोलियाँ खाकर भी नींद नहीं आती”
13 दिन बीत चुके हैं, लेकिन परिवार के लिए हर दिन पिछली रात से भारी है। अमायरा की मां ने रोते हुए कहा की “दवा खाकर भी नींद नहीं आती… हर बार अमायरा का चेहरा सामने आ जाता है। हम बस इतना चाहते हैं कि सच्चाई सामने आए।”
परिजनों ने दावा किया है कि उन्होंने डेढ़ साल में 6 बार स्कूल प्रशासन को शिकायतें भेजीं—बुलिंग, परेशानी और मानसिक दबाव की बात बताते हुए। लेकिन स्कूल ने हर बार या तो मामले को हल्का बताया, या नजरअंदाज कर दिया।
परिवार का आरोप—“कुछ तो है जिसे स्कूल छिपा रहा है”
अमायरा के पिता विजय कुमार का कहना है कि जिस दिन यह घटना हुई, उस दिन क्लास में दो शिक्षिकाएं मौजूद थीं। अमायरा पांच बार उनके पास गई, लेकिन हर बार उसे डांटकर भेज दिया गया।
परिजन बताते हैं कि CCTV फुटेज देखने पर यह साफ दिखा कि:
- क्लास के कुछ बच्चे अमायरा का मजाक उड़ा रहे थे
- एक इलेक्ट्रिक ड्रॉइंग बॉक्स को दिखाकर उसे चिढ़ाया जा रहा था
- अमायरा visibly uncomfortable थी
- वह बार-बार शिक्षिका के पास जाकर शिकायत कर रही थी
- एक मौके पर वह हाथ जोड़ कर खड़ी थी
- लेकिन शिक्षिकाओं ने उसकी एक भी बात ध्यान से नहीं सुनी
मामा साहिल देव का कहना है— “जब हम CCTV में यह दर्दनाक दृश्य देख रहे थे, स्कूल प्रशासन रटे-रटाए जवाब देता रहा। ऐसा लग रहा था जैसे कुछ छिपाया जा रहा है।”
35 मिनट तक बुलिंग, अंत में गिवअप… फुटेज ने खोली परतें
परिजनों के अनुसार, करीब 35 मिनट तक अमायरा को क्लास में परेशान किया गया। अमायरा की मां शिवानी ने बताया:
- “बेटी सीट पर ठीक से बैठ भी नहीं पा रही थी।”
- “वह बार-बार रोते हुए शिक्षिका के पास जा रही थी।”
- “लेकिन हर बार उसे ‘जाओ, बैठो’ कहकर टाल दिया गया।”
फुटेज के अंतिम क्षणों में दिखा कि बच्ची क्लास से बाहर निकलती है, रेलिंग पर बैठती है—और फिर नीचे कूद जाती है। यह दृश्य हर किसी को अंदर तक हिला देता है।
शिक्षा विभाग की जांच में भी लापरवाही के संकेत
शिक्षा विभाग और CBSE की टीम ने जब स्कूल का दौरा किया तो उन्होंने भी माना कि:
- बच्ची ने क्लास में शिकायत की थी
- एक बार बच्चों की ओर से बुरे शब्द कहे जाने की बात कही
- दूसरी बार वह वॉशरूम जाने की अनुमति मांगने गई
- लेकिन शिकायत पर शिक्षक की प्रतिक्रिया पूरी तरह स्पष्ट नहीं है
इससे उन आरोपों को और मजबूती मिलती है, जो परिवार लगातार लगा रहा है।
क्या अमायरा मानसिक रूप से परेशान थी? परिवार का जवाब—बिल्कुल नहीं
घरवालों के अनुसार, अमायरा बेहद खुशमिजाज बच्ची थी। कुछ दिन पहले ही वह गुरुग्राम गई थी, दिवाली सेलिब्रेट की थी, और पढ़ाई में भी बहुत अच्छी थी।
उसे स्कूल में अवार्ड भी मिला था।
मामा साहिल बताते हैं—
“वह बिल्कुल सामान्य थी। ना कोई तनाव, ना कोई उदासी। जो भी हुआ, स्कूल में हुआ।”
Amayra family allegations : अगर शिक्षक सुन लेते, तो क्या अमायरा बच सकती थी?
यही सबसे बड़ा और दर्दनाक सवाल है।
एक बच्ची जिसने कई बार शिकायत की, मदद मांगी, हाथ जोड़कर विनती की क्या समय पर ध्यान दिया जाता, तो शायद वह आज ज़िंदा होती?
परिजनों का आरोप है कि:
- स्कूल ने शिकायतों को गंभीरता से नहीं लिया
- बुलिंग पर कोई कार्रवाई नहीं हुई
- शिक्षक ने भी उसकी आवाज़ को दबा दिया
- और घटना के बाद भी प्रशासन टालमटोल कर रहा है
जनता और अभिभावकों में गुस्सा—”बच्चों को सुरक्षित रखना किसकी जिम्मेदारी?”
अमायरा की मौत ने अभिभावकों के मन में एक ही सवाल पैदा कर दिया है—अगर इतने बड़े स्कूल में ऐसा हो सकता है, तो हमारे बच्चे किसके भरोसे हैं? सोशल मीडिया पर भी लोग बेटी के लिए न्याय की मांग कर रहे हैं।
पुलिस जांच जारी, लेकिन परिवार को न्याय कब?
DCP राजर्षिराज वर्मा के अनुसार:
- टीचर्स से पूछताछ हुई है
- छात्रों से भी बयान लिए जा रहे हैं
- सीसीटीवी फुटेज की गहन जांच चल रही है
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