मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा द्वारा पेश किया गया यह नया Assam anti-polygamy bill राज्य की सामाजिक संरचना में व्यापक बदलाव लाने वाला माना जा रहा है।
असम सरकार ने राज्य में बहुविवाह की प्रथा को समाप्त करने और विवाह संबंधों को एक स्पष्ट कानूनी ढांचे में लाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा द्वारा पेश किया गया यह नया Assam anti-polygamy bill राज्य की सामाजिक संरचना में व्यापक बदलाव लाने वाला माना जा रहा है। बिल का मुख्य उद्देश्य बहुविवाह को कानूनी रूप से प्रतिबंधित करना, इसे दंडनीय अपराध घोषित करना और महिलाओं को मानसिक, सामाजिक व आर्थिक शोषण से बचाना है।
क्या है नया Assam anti-polygamy bill ?
मुख्यमंत्री सरमा ने विधानसभा में Assam anti-polygamy bill पेश करते हुए कहा कि असम सरकार कई वर्षों से बहुविवाह की समस्या को गंभीरता से ले रही है, और अब समय आ गया है कि इस प्रथा पर पूर्ण विराम लगाया जाए। नए कानून के तहत बहुविवाह को स्पष्ट रूप से अपराध की श्रेणी में रखा जाएगा और इसके लिए कठोर दंड का प्रावधान किया जाएगा। सरकार का दावा है कि यह कदम महिलाओं के अधिकारों की रक्षा और समाज में लैंगिक समानता स्थापित करने की दिशा में एक क्रांतिकारी बदलाव होगा।
सरकार ने कहा कि बहुविवाह न केवल महिला के सम्मान और अधिकारों का उल्लंघन करता है, बल्कि यह परिवार और समुदाय के सामाजिक ढांचे को भी कमजोर बनाता है। कई मामलों में महिलाओं को मानसिक अत्याचार, आर्थिक असुरक्षा और सामाजिक तिरस्कार झेलना पड़ता है। इस बिल का उद्देश्य ऐसी स्थितियों को रोकना और महिलाओं को एक सुरक्षित और कानून-सम्मत वैवाहिक वातावरण उपलब्ध कराना है।
क्यों उठाया गया यह कदम?
सरकार का मानना है कि राज्य में बहुविवाह की समस्या कई वर्षों से मौजूद है और इससे महिलाओं के साथ बड़े पैमाने पर अन्याय होता रहा है। महिला सशक्तिकरण और समाज में समानता स्थापित करने के लिए इस तरह के कानून की आवश्यकता लंबे समय से महसूस की जा रही थी। मुख्यमंत्री सरमा ने यह भी कहा कि आधुनिक समाज में बहुविवाह जैसी प्रथाओं के लिए कोई जगह नहीं है और इसे जल्द से जल्द खत्म किया जाना चाहिए।
सरकार के अनुसार, कई महिलाएँ मानसिक तनाव, घरेलू हिंसा और आर्थिक असुरक्षा का सामना करती हैं जब उनके पति एक से अधिक विवाह करते हैं। ऐसे उदाहरणों से बच्चे भी प्रभावित होते हैं, जिससे परिवार का वातावरण अस्थिर हो जाता है। नए कानून का उद्देश्य महिलाओं और बच्चों को ऐसे शोषण से बचाना और परिवार की संरचना को मजबूत बनाना है।
Assam anti-polygamy bill के प्रमुख प्रावधान
हालांकि बिल के विस्तृत प्रावधान सार्वजनिक नहीं किए गए हैं, लेकिन सूत्रों का कहना है कि इसमें निम्न प्रावधान शामिल हो सकते हैं:
- बहुविवाह को स्पष्ट रूप से अपराध घोषित करना
- उल्लंघन करने वालों के लिए कठोर सज़ा और दंड
- ऐसी स्थिति में पीड़ित महिलाओं और बच्चों के लिए कानूनी सुरक्षा
- विवाह पंजीकरण अनिवार्य बनाने की दिशा में कदम
- सामाजिक जागरूकता अभियान को बढ़ावा
- धार्मिक स्वतंत्रता और व्यक्तिगत कानूनों के बीच संतुलन बनाना
सरकार का कहना है कि प्रस्तावित कानून संविधान के दायरे में है और इसका उद्देश्य किसी भी समुदाय को निशाना बनाना नहीं, बल्कि सभी महिलाओं को समान सुरक्षा प्रदान करना है।
राजनीतिक और सामाजिक प्रतिक्रिया
बहुविवाह को दंडनीय अपराध घोषित करने के इस विधेयक ने राजनीतिक हलकों में बहस छेड़ दी है। समर्थकों का कहना है कि यह महिलाओं के अधिकारों और सम्मान की रक्षा के लिए एक ऐतिहासिक कदम है। कई महिला संगठन और सामाजिक संस्थाएँ भी इस कदम का स्वागत कर रही हैं।
दूसरी ओर, कुछ विपक्षी दलों और संगठनों ने बिल पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि यह व्यक्तिगत कानूनों में दखल का मुद्दा बन सकता है और राज्य सरकार को सभी समुदायों से संवाद कर व्यापक सहमति बनानी चाहिए। कुछ समूहों ने इसे राजनीतिक एजेंडा बताते हुए आलोचना भी की है।
मुख्यमंत्री सरमा ने इन आलोचनाओं का जवाब देते हुए कहा कि यह Assam anti-polygamy bill महिलाओं की सुरक्षा के लिए है और सरकार का उद्देश्य किसी की धार्मिक स्वतंत्रता को प्रभावित करना नहीं है।
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