आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और रोबोटिक्स की तेज़ प्रगति भविष्य में मानव जीवन को किस दिशा में ले जाएगी, इस पर लगातार बहस होती रही है। इसी कड़ी में टेस्ला और स्पेसएक्स के सीईओ Elon Musk ने एक बड़ा बयान दिया है
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और रोबोटिक्स की तेज़ प्रगति भविष्य में मानव जीवन को किस दिशा में ले जाएगी, इस पर लगातार बहस होती रही है। इसी कड़ी में टेस्ला और स्पेसएक्स के सीईओ Elon Musk ने एक बड़ा बयान दिया है। जेरोधा के को-फाउंडर निखिल कामत को दिए एक इंटरव्यू में मस्क ने दावा किया कि आने वाले 10 से 20 वर्षों में इंसानों के लिए काम करना “जरूरी” नहीं रहेगा। उनके मुताबिक, तकनीक इतनी उन्नत हो जाएगी कि लगभग हर काम मशीनें संभाल लेंगी।
एआई और रोबोटिक्स बदल देंगे दुनिया का कामकाज
Elon Musk ने इंटरव्यू में कहा कि AI और रोबोटिक्स जिस गति से आगे बढ़ रहे हैं, वह अभूतपूर्व है। आज जो काम मनुष्य करते हैं, वही काम कुछ वर्षों में पूरी तरह मशीनें करने लगेंगी वह भी ज्यादा कुशलता और कम लागत पर। इस बदलाव के चलते इंसानों पर काम करने का दबाव खत्म हो सकता है।
Elon Musk ने इसके उदाहरण में कहा, “जिस तरह लोग घर पर सब्जियां उगा सकते हैं, लेकिन ज्यादातर लोग बाजार से खरीदना चुनते हैं, वैसे ही भविष्य में लोग चाहे तो काम करेंगे, वरना मशीनें उनकी लगभग हर जरूरत पूरी कर देंगी।” टेक्नोलॉजी के तेज विकास के कारण ये बड़ा बदलाव 10–20 साल के भीतर देखने को मिल सकता है।
कम होते वर्कवीक की ओर इशारा
इंटरव्यू के दौरान निखिल कामत ने बताया कि कई पश्चिमी देशों में पहले 6 दिन की वर्कवीक धीरे-धीरे कम होते हुए 5, 4 या यहां तक कि 3 दिन तक आ चुकी है। लोगों के पास अधिक खाली समय है और कार्यस्थलों में उत्पादकता बढ़ाने के लिए ऑटोमेशन पर निर्भरता भी बढ़ रही है।
Elon Musk ने कहा कि भले ही आज स्टार्टअप्स या कठिन समस्याओं पर काम करने में लंबे घंटे लगते हैं, लेकिन तकनीक जटिल से जटिल कार्यों को भी आसान बना देगी। आने वाले समय में अधिकांश प्रक्रियाएं पूरी तरह ऑटोमेटेड होंगी।
जब काम अनिवार्य नहीं रहेगा, तब लोग क्या करेंगे?
इस सवाल पर Elon Musk ने मुस्कुराते हुए कहा कि भविष्य में लोग सिर्फ अपनी पसंद, रुचि या किसी शौक के लिए ही काम करेंगे। जरूरत, पैसा या जीविका के लिए काम करने की परंपरा खत्म हो सकती है। उनके शब्दों में, “अगर आप किसी चीज की कल्पना कर सकते हैं, तो आप उसे हासिल भी कर पाएंगे।”
इसका अर्थ यह है कि AI आधारित सिस्टम और रोबोटिक्स न केवल उत्पादन करेंगे, बल्कि सेवाएं, संसाधन और सुविधाएं भी उपलब्ध कराएंगे। इंसानों का समय सृजनात्मक कार्यों, कला, मनोरंजन, शोध या व्यक्तिगत विकास में खर्च हो सकता है।
यूनिवर्सल हाई इनकम का सवाल
निखिल कामत ने बातचीत के दौरान पूछा कि यदि भविष्य में हर व्यक्ति को यूनिवर्सल हाई इनकम या स्थायी आय मिलती है, तो क्या लोग पैसा कमाने की होड़ छोड़ देंगे?
इस पर मस्क ने स्पष्ट जवाब देते हुए कहा कि यह भविष्यवाणी करना मुश्किल है, क्योंकि मानवता तकनीकी “सिंगुलैरिटी” की ओर बढ़ रही है एक ऐसा चरण जहां तकनीक इतनी सक्षम हो जाती है कि भविष्य के घटनाक्रमों का अनुमान लगाना लगभग असंभव हो जाता है।
मस्क ने कहा, “इंसानों की सीमाएं होती हैं। वे कितना खा सकते हैं, कितना उपयोग कर सकते हैं या कितना आनंद ले सकते हैं, इसकी एक हद है। उस सीमा के आगे निर्णय शायद एआई ही करे।”
सिंगुलैरिटी: भविष्य का अनिश्चित मोड़
सिंगुलैरिटी की अवधारणा के अनुसार AI इतना उन्नत हो जाएगा कि वह खुद निर्णय लेना शुरू कर देगा। मस्क ने कहा कि यह मानव इतिहास का वह दौर होगा जहाँ तकनीकी प्रगति हमारी समझ से कहीं तेज होगी।
इसी कारण, समाज की आर्थिक संरचना, नौकरियों का सिस्टम, और जीवनशैली कैसी होगी इसे आज ठीक-ठीक बताना मुश्किल है। फिर भी उनका मानना है कि इंसानों को जीविका के लिए संघर्ष नहीं करना पड़ेगा।
Elon Musk का दावा: आने वाले 20 वर्षों में काम ‘वैकल्पिक’
इंटरव्यू के अंत में मस्क ने कहा कि AI का विकास जिस गति से हो रहा है, उसके आधार पर यह अनुमान लगाया जा सकता है कि अगले 10 से 20 वर्षों में काम पूरी तरह वैकल्पिक हो सकता है।
टेक्नोलॉजी, मशीनें और सिस्टम उस स्तर तक पहुंच जाएंगे जहाँ वे इंसानों की लगभग हर जरूरत बिना हस्तक्षेप के पूरी कर सकेंगे—चाहे वह उत्पादन हो, सेवा क्षेत्र हो, स्वास्थ्य सेवा हो या रोज़मर्रा की घरेलू जरूरतें।
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