जिस महिला की हत्या के आरोप में उसका पति चार महीनों से जेल में बंद है, वही महिला नोएडा में एक अन्य युवक के साथ जिंदा पाई गई है।
Wife found alive in Noida: बिहार के मोतिहारी से एक चौंकाने वाला और गंभीर लापरवाही का मामला सामने आया है। जिस महिला की हत्या के आरोप में उसका पति चार महीनों से जेल में बंद है, वही महिला नोएडा में एक अन्य युवक के साथ जिंदा पाई गई है। हैरानी की बात यह है कि मोतिहारी की अरेराज पुलिस न केवल उसके पति को हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर चुकी थी, बल्कि बिना शव बरामद किए कोर्ट में चार्जशीट भी दाखिल कर चुकी थी और ट्रायल की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी थी। अब महिला के जिंदा मिलने से पूरा मामला पलट गया है और पुलिस की जांच पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
शादी के तीन महीने बाद हुई महिला की ‘गायब’ होने की घटना
मोतिहारी शहर के वॉर्ड-10 निवासी युवक की शादी 6 मार्च 2025 को स्थानीय युवती से हुई थी। शुरुआती तीन महीने तक सब कुछ सामान्य रहा। लेकिन 3 जुलाई की रात अचानक महिला बिना बताए कहीं चली गई।
परिवार और पति ने उसकी काफी तलाश की, लेकिन कहीं पता नहीं चला। इसके बाद युवक ने स्थानीय पुलिस को गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई।
पत्नी के परिवार ने पति पर लगाया हत्या का आरोप
गुमशुदगी के कुछ दिन बाद महिला के मायके पक्ष ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि युवक ने उनकी बेटी की हत्या कर दी है और शव को कहीं फेंक दिया है। दबाव बढ़ने पर पुलिस ने युवक को हिरासत में लिया और हत्या का केस दर्ज कर उसे जेल भेज दिया।
हैरान करने वाली बात यह है कि न शव बरामद हुआ, न हत्या का कोई प्रत्यक्ष सबूत मिला, न किसी भी प्रकार की पुष्टि इसके बावजूद, अरेराज थाना पुलिस ने हत्या की चार्जशीट दाखिल कर दी। कोर्ट ने ट्रायल भी शुरू कर दिया।
परिवार को शक था बेटा निर्दोष है इसलिए खुद की खोज शुरू की
युवक के परिवार वालों ने शुरुआत से ही दावा किया कि उनका बेटा निर्दोष है और महिला कहीं छिपकर रह रही है। उन्होंने अपने स्तर से खोजबीन जारी रखी। सोशल मीडिया, रिश्तेदारों और मोबाइल लोकेशन जैसी जानकारी के जरिए लगातार प्रयास किए जाते रहे। इसी बीच सोमवार को उन्हें एक महत्वपूर्ण जानकारी मिली महिला नोएडा में एक अन्य युवक के साथ रह रही है। परिवार ने तुरंत मोतिहारी पुलिस को इसकी सूचना दी।
मोतिहारी पुलिस की टीम नोएडा पहुंची, दोनों को पकड़ा
सूचना पर कार्रवाई करते हुए मोतिहारी पुलिस की एक टीम नोएडा पहुंची और महिला के साथ रह रहे युवक को भी हिरासत में ले लिया।
हालांकि, इस पूरे घटनाक्रम पर नोएडा पुलिस ने जानकारी होने से इनकार कर दिया है। यह स्पष्ट नहीं है कि गिरफ्तारी स्थानीय पुलिस की मदद से हुई या सीधे बिहार पुलिस ने ऑपरेशन चलाया।
महिला जिंदा मिलने से बड़ा सवाल बिना शव के हत्या का केस कैसे?
महिला के जिंदा मिलने के बाद अब मॉडर्न पुलिसिंग और क्रिमिनल इन्वेस्टिगेशन की पूरी प्रक्रिया पर सवाल उठने लगे हैं।
महत्वपूर्ण प्रश्न यह हैं
बिना शव बरामद किए हत्या का केस कैसे बना?
किस आधार पर चार्जशीट दाखिल की गई?
जांच में इतने बड़े तथ्य महिला की मौजूदगी—क्यों नहीं पता चल सके?
क्या महिला के परिवार ने जानबूझकर गलत आरोप लगाए?
क्या पुलिस ने एकतरफा जांच कर युवक को फंसाया?
कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि यदि महिला के बयान में यह सामने आता है कि वह अपनी मर्जी से गई थी या उसने पति के खिलाफ गलत आरोप लगाए गए थे, तो युवक को तुरंत बरी किया जा सकता है।
साथ ही, गलत FIR और गलत चार्जशीट के मामले में उसके परिवार को न्यायिक कार्रवाई करने का भी अधिकार मिलता है।
महिला के नोएडा में रहने की कहानी क्या है?
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, महिला कई महीनों से नोएडा में एक युवक के साथ रह रही थी। प्रारंभिक पूछताछ में यह भी सामने आया है कि वह अपने पति के साथ रहना नहीं चाहती थी। लेकिन उसने परिवार को बिना बताए घर छोड़ दिया, जिससे पूरा मामला संदिग्ध बन गया।
युवक के परिजनों का कहना है कि “अगर हम खुद महिला को नहीं ढूंढते, तो हमारा बेटा शायद उम्रभर जेल में रहता। पुलिस ने गंभीर लापरवाही की है।”
कानूनी कार्रवाई और आगे की प्रक्रिया
मोतिहारी पुलिस महिला को बिहार ले गई है, जहाँ उससे पूछताछ की जाएगी और अदालत में उसका बयान दर्ज होगा। इसके बाद ही यह तय हो पाएगा कि हत्या का केस वापस होगा या नहीं, महिला या उसके परिवार पर झूठा आरोप लगाने की कार्रवाई होगी या नहीं, पुलिस अधिकारियों की लापरवाही पर विभागीय जांच होगी या नहीं।
हलाकि की ये पूरा मामला पुलिस पर कड़े सवाल खड़े करती है।
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