लाइसेंसी बंदूकों से सिडनी में आतंकी वारदात
ऑस्ट्रेलिया के सिडनी शहर में रविवार को बॉन्डी बीच पर हुए Australia terror attack में मरने वालों की संख्या बढ़कर 16 हो गई है। मृतकों में एक 10 वर्षीय बच्ची और एक इजराइली नागरिक भी शामिल हैं। इस हमले में 45 लोग घायल हुए हैं, जिनमें कई की हालत गंभीर बताई जा रही है। न्यू साउथ वेल्स पुलिस ने इस गोलीबारी को आतंकवादी हमला घोषित किया है।
कब हुआ Australia terror attack?
पुलिस के अनुसार, Australia terror attack उस वक्त हुआ जब बॉन्डी बीच पर यहूदी समुदाय के लोग हनुक्का फेस्टिवल मना रहे थे। हनुक्का यहूदियों का एक प्रमुख धार्मिक पर्व है, जो इस वर्ष 14 दिसंबर से शुरू हुआ था। उत्सव के दौरान अचानक हुई गोलीबारी से इलाके में अफरा-तफरी मच गई और लोग जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे।
हमलावर बाप-बेटा, पाकिस्तानी मूल होने का शक
पुलिस जांच में सामने आया है कि गोलीबारी 50 वर्षीय साजिद अकरम और उनके 24 वर्षीय बेटे नवीद अकरम ने की। दोनों के पाकिस्तानी मूल के होने का शक जताया जा रहा है। पुलिस ने मौके पर ही साजिद अकरम को गोली मार दी, जिससे उसकी मौत हो गई, जबकि नवीद अकरम को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है। डॉक्टरों के अनुसार उसकी हालत स्थिर बनी हुई है।
ऑस्ट्रेलिया के गृह मंत्री टोनी बर्क ने बताया कि साजिद अकरम 1998 में छात्र वीजा पर ऑस्ट्रेलिया आया था। बाद में उसने वेरेना नाम की ऑस्ट्रेलियाई महिला से शादी की, जिसके बाद उसका वीजा पार्टनर वीजा में बदल दिया गया। इसके बाद वो रेजिडेंट रिटर्न वीजा पर रह रहा था और उसके पास ऑस्ट्रेलियाई नागरिकता नहीं थी। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं किया गया कि वे किस देश से आकर ऑस्ट्रेलिया में बसे थे, लेकिन अधिकारियों ने संकेत दिया कि वे पाकिस्तान से आए हो सकते हैं।
नवीद अकरम का जन्म 2001 में ऑस्ट्रेलिया में हुआ था और वह ऑस्ट्रेलियाई नागरिक है। अक्टूबर 2019 में वह ऑस्ट्रेलियाई सुरक्षा खुफिया संगठन (ASIO) की जांच के दायरे में आया था, लेकिन उस समय उसके खिलाफ हिंसक गतिविधियों में शामिल होने या किसी खतरे का कोई ठोस संकेत नहीं मिला था।
लाइसेंसी हथियारों से हमला
पुलिस ने बताया कि साजिद अकरम के पास कानूनी रूप से लाइसेंसी बंदूकें थीं। वह एक गन क्लब का सदस्य था और शिकार के लिए हथियारों का इस्तेमाल करता था। न्यू साउथ वेल्स पुलिस कमिश्नर मल ल्यैनन के अनुसार, साजिद के पास कुल छह कानूनी बंदूकें थीं। हमले में इस्तेमाल किया गया हथियार भी लाइसेंसी था।
हमले से पहले बाप-बेटे ने अपने परिवार को बताया था कि वे मछली पकड़ने जा रहे हैं। दोनों एक किराए के मकान में रहते थे, जहां हमले के बाद पुलिस ने छापेमारी की। रिपोर्ट्स के मुताबिक, साजिद अकरम एक फल की दुकान चलाता था।
परिवार का बयान और सवाल
साजिद की पत्नी वेरेना ने मीडिया से बातचीत में कहा कि उन्हें यकीन नहीं हो रहा कि उनके पति या बेटे ने ऐसा आतंकी हमला किया होगा। उन्होंने कहा, “मेरा बेटा बहुत अच्छा है। वह कभी गलत संगत में नहीं रहा।” उनके इस बयान के बाद जांच एजेंसियों के सामने कई सवाल खड़े हो गए हैं।
नेतन्याहू का ऑस्ट्रेलियाई सरकार पर आरोप
इस हमले के बाद इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ऑस्ट्रेलियाई सरकार की नीतियों को कठघरे में खड़ा किया है। उन्होंने कहा कि ऑस्ट्रेलिया की नीतियों ने देश में यहूदी-विरोधी भावना को बढ़ावा दिया, जिससे इस तरह के हमले की जमीन तैयार हुई। नेतन्याहू के अनुसार, उन्होंने 17 अगस्त को ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज को पत्र लिखकर चेतावनी दी थी, लेकिन सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया।
नेतन्याहू ने विशेष रूप से फिलिस्तीनी राज्य को मान्यता देने के ऑस्ट्रेलिया के फैसले की आलोचना की। ऑस्ट्रेलिया ने अगस्त-सितंबर 2025 में संयुक्त राष्ट्र में फिलिस्तीनी राज्य को औपचारिक मान्यता देने का निर्णय लिया था। नेतन्याहू का कहना है कि यह कदम “यहूदी-विरोधी आग में घी डालने” जैसा है और इससे आतंकियों को बढ़ावा मिलता है।
हनुक्का कार्यक्रम रद्द, समुदाय में भय
Australia terror attack के बाद सुरक्षा कारणों से मेलबर्न में आयोजित होने वाला हनुक्का फेस्टिवल रद्द कर दिया गया है। ऑस्ट्रेलिया में यहूदी समुदाय की आबादी लगभग 1.17 लाख से 1.20 लाख के बीच है, जिसमें से करीब आधी मेलबर्न में रहती है। इस हमले के बाद यहूदी समुदाय में डर और चिंता का माहौल है।
पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां हमले की गहन जांच में जुटी हैं और यह पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि इस आतंकी वारदात के पीछे कोई संगठित नेटवर्क या वैचारिक प्रेरणा तो नहीं थी।






