PM2.5 health effects: जहरीली हवा क्यों बन रही है हार्ट अटैक की वजह? समझिए PM2.5 से दिल के दौरे तक की पूरी क्रोनोलॉजी
PM2.5 health effects: दिल्ली-एनसीआर की हवा इस समय सिर्फ “खराब” नहीं, बल्कि सेहत के लिए बेहद खतरनाक हो चुकी है। AQI लगातार ‘बहुत खराब’ और ‘गंभीर’ श्रेणी में बना हुआ है। लोग खांसी, आंखों में जलन और सांस लेने की दिक्कत तो महसूस कर ही रहे हैं, लेकिन अब एक्सपर्ट एक और बड़ा खतरा बता रहे हैं — दिल का दौरा (हार्ट अटैक)।
पिछले कुछ समय से अचानक हार्ट अटैक के मामलों में बढ़ोतरी की खबरें सामने आ रही हैं। कई लोग इसे खान-पान, तनाव, कोविड या वैक्सीन से जोड़ते हैं, लेकिन डॉक्टर और रिसर्च यह भी कह रही हैं कि जहरीली हवा इस खतरे की बड़ी वजह बन रही है।
क्या वाकई प्रदूषण से हार्ट अटैक होता है?
हां, एक्सपर्ट्स मानते हैं कि लंबे समय तक प्रदूषित हवा में रहने से हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। खासतौर पर हवा में मौजूद PM2.5 नाम के बेहद महीन कण दिल पर सीधा असर डालते हैं।
PM2.5 का मतलब है 2.5 माइक्रोमीटर से छोटे कण। माइक्रोमीटर इतना छोटा होता है कि एक मीटर में 10 लाख माइक्रोमीटर होते हैं। आसान भाषा में समझें तो PM2.5 के कण इतने छोटे होते हैं कि ये आंखों से दिखाई ही नहीं देते।
PM2.5 क्यों है इतना खतरनाक?
आमतौर पर जब हम सांस लेते हैं, तो नाक के बाल और गले की म्यूकस गंदे कणों को रोक लेती है। इसी वजह से खांसी या छींक आती है। लेकिन PM2.5 के कण इतने महीन होते हैं कि ये नाक और गले को पार करके सीधे फेफड़ों के अंदर पहुंच जाते हैं।
फेफड़ों के अंदर छोटे-छोटे थैले होते हैं, जिन्हें एल्वियोली कहा जाता है। यहीं से ऑक्सीजन खून में जाती है। PM2.5 के कण इन पतली दीवारों को पार कर सीधे खून में घुल जाते हैं।
इसे ऐसे समझिए जैसे चाय छानते समय पत्ती छलनी में रह जाती है, लेकिन चीनी घुलकर चाय में चली जाती है। PM2.5 भी उसी तरह खून में मिल जाता है।
खून में पहुंचने के बाद क्या होता है?
एक बार जब ये जहरीले कण खून में पहुंच जाते हैं, तो दिल के जरिए पूरे शरीर में घूमने लगते हैं। इससे शरीर की नसों में सूजन आने लगती है। नसें सिकुड़ जाती हैं और खून का बहाव धीमा हो जाता है।
दिल एक पंप की तरह काम करता है। जब नलियां संकरी हो जाती हैं, तो दिल को खून पंप करने के लिए ज्यादा जोर लगाना पड़ता है। इससे ब्लड प्रेशर बढ़ता है और दिल पर दबाव बढ़ जाता है।
इसके अलावा PM2.5 खून को गाढ़ा और चिपचिपा बना देता है, जिससे खून के थक्के बनने का खतरा बढ़ जाता है।
हार्ट अटैक कैसे होता है?
अगर खून का थक्का दिल की किसी नली में फंस जाए, तो उस हिस्से तक ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाती। यही स्थिति हार्ट अटैक का कारण बनती है। सिर्फ इतना ही नहीं, PM2.5 दिल की कोशिकाओं को भी नुकसान पहुंचाता है। इसे आप ऐसे समझ सकते हैं जैसे लोहे पर जंग लग जाए। इससे दिल कमजोर हो जाता है और उसकी धड़कन अनियमित हो सकती है। कई मामलों में अचानक दिल रुकने का खतरा भी बढ़ जाता है।
लंबे समय तक प्रदूषित हवा में रहने से धमनियों में प्लाक जमा हो जाता है, जिससे दिल की बीमारी का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।
दिल पर सीधा असर
यानी वायु प्रदूषण सिर्फ आंख, नाक या फेफड़ों की समस्या नहीं है। यह सीधे दिल पर हमला करता है। यही वजह है कि एक्सपर्ट बढ़ते हार्ट अटैक मामलों को बढ़ते प्रदूषण से जोड़कर देख रहे हैं।
खुद को कैसे बचाएं?
- AQI बहुत खराब हो तो बाहर निकलने से बचें
- N95 या अच्छी क्वालिटी का मास्क पहनें
- सुबह-शाम भारी एक्सरसाइज खुले में न करें
- दिल के मरीज, बुजुर्ग और बच्चे ज्यादा सावधानी रखें
- घर के अंदर एयर प्यूरीफायर या वेंटिलेशन का ध्यान रखें
जहरीली हवा अब सिर्फ असुविधा नहीं, बल्कि जानलेवा खतरा बन चुकी है। इसलिए इसे हल्के में लेना अब ठीक नहीं। दिल की सेहत बचानी है, तो हवा को भी गंभीरता से लेना होगा।
यह भी पढ़े
Health Alert : कैंसर का खतरा कम करने वाले 6 सुपरफूड्स: हार्वर्ड डॉक्टर की सलाह






