Rajasthan SIR Voter List: विशेष गहन पुनरीक्षण के बाद लाखों नाम हटे, जिलेवार पूरी स्थिति
Rajasthan SIR Voter List विशेष गहन पुनरीक्षण के बाद लाखों नाम हटे, जिलेवार पूरी स्थिति
Rajasthan SIR Voter List: जानिए Special Intensive Revision के बाद राजस्थान में कितने voter names हटाए गए, district-wise आंकड़े, क्यों हटे नाम और Claims period की पूरी जानकारी।
राजस्थान में मतदाता सूची को अपडेट और शुद्ध करने के लिए Rajasthan SIR Voter List के तहत Special Intensive Revision की प्रक्रिया पूरी की गई है। इस प्रक्रिया का उद्देश्य मतदाता सूची से ऐसे नाम हटाना है जो अब पात्र नहीं हैं, जैसे मृत मतदाता, स्थायी रूप से स्थानांतरित लोग या डुप्लीकेट एंट्री।
इस पुनरीक्षण के बाद राज्य की Draft Voter List जारी की गई, जिसमें बड़ी संख्या में मतदाताओं के नाम हटाए जाने की जानकारी सामने आई है।
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ToggleRajasthan SIR Voter List से हटाए गए कुल मतदाता
Special Intensive Revision के बाद राजस्थान में कुल मिलाकर 41 लाख से अधिक मतदाताओं के नाम ड्राफ्ट वोटर लिस्ट से हटाए गए हैं। यह संख्या राज्य की कुल मतदाता आबादी का एक बड़ा हिस्सा है, जिस कारण यह मुद्दा प्रशासनिक ही नहीं बल्कि राजनीतिक रूप से भी काफी अहम हो गया है।
चुनाव आयोग के अनुसार यह कार्रवाई पूरी तरह नियमों और सत्यापन प्रक्रिया के आधार पर की गई है।
Why Names Were Removed from Voter List
Rajasthan SIR Voter List से नाम हटाने के पीछे कई कारण सामने आए हैं, जिनमें प्रमुख हैं:
- Permanent Migration – लंबे समय से अपने पंजीकृत पते पर निवास न करना
- Death Records Update – मृत्यु के बाद नाम सूची में बने रहना
- Duplicate Entries – एक ही व्यक्ति का नाम एक से अधिक स्थानों पर दर्ज होना
- Untraceable Voters – सर्वे के दौरान घर पर उपलब्ध न मिलना
इन सभी कारणों के आधार पर नाम हटाने की प्रक्रिया अपनाई गई।

Rajasthan SIR Voter List का जिलावार प्रभाव
राजस्थान के लगभग सभी जिलों में मतदाता सूची में बदलाव देखने को मिला है, हालांकि कुछ जिलों में इसका प्रभाव ज्यादा रहा।
Jaipur District
जयपुर जिले में सबसे ज्यादा मतदाताओं के नाम हटाए गए हैं।
शहरी आबादी, लगातार माइग्रेशन और डुप्लीकेट एंट्री इसकी प्रमुख वजह मानी जा रही है।
Other Urban Districts
जोधपुर, कोटा, अजमेर और उदयपुर जैसे बड़े जिलों में भी हजारों नाम हटाए गए।
इन जिलों में शहरी विस्तार और किराए पर रहने वाली आबादी इसके लिए जिम्मेदार मानी जा रही है।
Rural Districts
ग्रामीण जिलों में भी Special Intensive Revision का असर दिखा, लेकिन यहां कटौती अपेक्षाकृत कम रही।
ग्रामीण क्षेत्रों में मृत्यु रिकॉर्ड और स्थायी पलायन मुख्य कारण रहे।
यदि मतदाता सूची के मसौदे में नाम गायब हो तो क्या करें
यदि किसी मतदाता का नाम Draft Voter List में नहीं है, तो घबराने की जरूरत नहीं है।
चुनाव आयोग ने इसके लिए Claims and Objections की सुविधा दी है।
इस प्रक्रिया के तहत मतदाता:
- अपना नाम दोबारा जोड़ने का दावा कर सकते हैं
- गलत तरीके से हटाए गए नाम पर आपत्ति दर्ज करा सकते हैं
- आवश्यक दस्तावेज जमा कर सकते हैं
SIR के बाद नाम दोबारा कैसे जोड़ें
अगर नाम हट गया है तो मतदाता को:
- Form 6 भरना होगा
- पहचान और पते से जुड़े दस्तावेज देने होंगे
- आवेदन ऑनलाइन या BLO के माध्यम से किया जा सकता है
सत्यापन पूरा होने के बाद नाम को Final Voter List में शामिल किया जाएगा।
Rajasthan SIR Voter List का राजनीतिक महत्व
राजस्थान में आगामी चुनावों को देखते हुए Rajasthan SIR Voter List बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
इतनी बड़ी संख्या में नाम हटने से:
- मतदान प्रतिशत प्रभावित हो सकता है
- शहरी क्षेत्रों में चुनावी समीकरण बदल सकते हैं
- राजनीतिक दलों की रणनीति पर असर पड़ सकता है
हालांकि चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि किसी भी योग्य मतदाता को मतदान के अधिकार से वंचित नहीं किया जाएगा।
जनता की प्रतिक्रिया और प्रशासन का रुख
Special Intensive Revision के बाद कई मतदाताओं ने चिंता जताई है कि बिना जानकारी दिए नाम हटा दिए गए।
प्रशासन का कहना है कि ड्राफ्ट सूची इसलिए जारी की जाती है ताकि यदि कोई गलती हो, तो समय रहते सुधार किया जा सके।
मतदाता सूची का मसौदा तैयार होने के बाद क्या होता है?
Draft Voter List जारी होने के बाद:
- दावे और आपत्तियों की जांच की जाती है
- सही पाए जाने पर नाम जोड़े जाते हैं
- इसके बाद Final Voter List प्रकाशित होती है
यही सूची चुनाव के दिन मान्य होती है।





