Puri Jagannath Temple photo leak: पुरी जगन्नाथ मंदिर के गर्भगृह की तस्वीरें वायरल, सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल
Puri Jagannath Temple photo leak: ओडिशा के विश्व प्रसिद्ध पुरी जगन्नाथ मंदिर से जुड़ी एक घटना ने न सिर्फ प्रशासन को बल्कि करोड़ों श्रद्धालुओं को भी चिंता में डाल दिया है। मंदिर के सबसे पवित्र और पूरी तरह प्रतिबंधित हिस्से गर्भगृह और रत्न सिंहासन की कथित तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गई हैं। ये तस्वीरें इंस्टाग्राम पर अपलोड की गईं, जिसके बाद मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
गर्भगृह में फोटोग्राफी पूरी तरह प्रतिबंधित
श्री जगन्नाथ मंदिर के अंदर, खासकर गर्भगृह में मोबाइल फोन और कैमरा ले जाना सख्त रूप से मना है। मंदिर के चारों द्वारों पर पुलिस की तैनाती रहती है और हर श्रद्धालु की कड़ी जांच की जाती है। इसके बावजूद इतनी संवेदनशील जगह की तस्वीरें सामने आना प्रशासनिक लापरवाही की ओर इशारा करता है।
सरकार ने दिए सख्त संकेत
इस मामले पर ओडिशा सरकार भी सख्त नजर आ रही है। कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने साफ कहा कि सरकार दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने पर विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि
“कुछ लोग महाप्रभु के दर्शन के लिए नहीं, बल्कि सोशल मीडिया पर दिखावा करने आते हैं। ऐसे लोगों को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने होंगे।”
पुलिस ने दर्ज किया केस, साइबर जांच शुरू
पुरी के पुलिस अधीक्षक प्रतीक सिंह ने बताया कि गर्भगृह की तस्वीरें वायरल होने की सूचना उन्हें मीडिया के जरिए मिली। मामले को गंभीरता से लेते हुए सिंहद्वार थाने में श्री जगन्नाथ मंदिर अधिनियम के तहत केस संख्या 233 दर्ज किया गया है।
पुलिस की साइबर टीम उस इंस्टाग्राम अकाउंट की जांच कर रही है, जिससे ये तस्वीरें अपलोड की गई थीं। एसपी ने स्पष्ट किया कि तस्वीरों की सच्चाई, उनका स्रोत और फोटो लेने वाले व्यक्ति की पहचान की जा रही है। दोषी पाए जाने पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
सबसे बड़ा सवाल: मोबाइल अंदर कैसे पहुंचा?
इस पूरे मामले में सबसे बड़ा सवाल यही है कि कड़ी चेकिंग के बावजूद मोबाइल फोन मंदिर के अंदर और वह भी गर्भगृह तक कैसे पहुंचा?
श्रद्धालुओं और सेवायतों के बीच इस बात को लेकर चर्चा तेज है कि कहीं इसमें किसी सेवक या सुरक्षाकर्मी की मिलीभगत तो नहीं। कई लोग मानते हैं कि बिना अंदरूनी मदद के ऐसा संभव नहीं है।
सेवायतों ने जताई चिंता
वरिष्ठ सेवायत बिनायक दास महापात्र ने इस घटना को बेहद गंभीर बताया। उन्होंने कहा कि श्रीमंदिर में बार-बार मोबाइल फोन पहुंच जाना एक बड़ी समस्या बन चुका है।
उनका कहना है कि मौजूदा सुरक्षा व्यवस्था नाकाफी है और अब समय आ गया है कि सरकार आधुनिक तकनीक, हाई-एंड स्कैनिंग सिस्टम और सख्त नियम लागू करे, ताकि मंदिर की पवित्रता बनी रहे।
सुरक्षा को लेकर पहले से थी चिंता
जगन्नाथ संस्कृति पर शोध करने वाले भास्कर मिश्रा का कहना है कि मंदिर में फोटोग्राफी पर प्रतिबंध सुरक्षा कारणों से लगाया गया था। पुलिस पहले भी संभावित आतंकी खतरे की बात कह चुकी है। ऐसे में गर्भगृह की तस्वीरों का सामने आना बेहद चिंताजनक है।
लोगों में आक्रोश, जवाबदेही की मांग
इस घटना के बाद मंदिर के सेवकों, श्रद्धालुओं और आम लोगों में भारी नाराजगी देखी जा रही है। स्थानीय निवासी रथिंद्र मिश्रा का कहना है कि सिर्फ तस्वीर खींचने वाला व्यक्ति ही दोषी नहीं है, बल्कि वे सभी लोग जिम्मेदार हैं जो उसे मंदिर के अंदर मोबाइल ले जाने से रोकने में नाकाम रहे।
अब आगे क्या?
फिलहाल पुलिस जांच जारी है और सरकार सख्त कदम उठाने की बात कर रही है। लेकिन यह घटना एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर करती है कि आस्था के सबसे पवित्र स्थलों की सुरक्षा में कहीं न कहीं बड़ी चूक हो रही है। श्रद्धालु अब जवाब और ठोस कार्रवाई की उम्मीद कर रहे हैं, ताकि भविष्य में ऐसी घटना दोबारा न हो।
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