Rehman Dakaith Pakistan: कौन है रहमान बलोच, जिसकी दरिंदगी की कहानियाँ कराची से बलूचिस्तान तक फैली हैं
Rehman Dakaith Pakistan: अगर आपने गैंग्स ऑफ वासेपुर फिल्म देखी है, तो पाकिस्तान के कराची का ल्यारी इलाका आपको उसी दुनिया की याद दिला सकता है। फर्क बस इतना है कि यहाँ जो कुछ हुआ, वह फिल्म नहीं बल्कि सच्चाई है। यह कहानी अपराध, बदले, राजनीति और विद्रोह की है।
रहमान डकैत: डर भी, मददगार भी
ल्यारी में एक समय सबसे बड़ा नाम था रहमान डकैत। पूरा नाम था सरदार अब्दुल रहमान बलोच। उसका जन्म 1980 में कराची में हुआ। बहुत कम उम्र में ही वह अपराध की दुनिया में चला गया। रहमान ने पहले ड्रग्स का धंधा शुरू किया। धीरे-धीरे उसका नेटवर्क बढ़ता गया। कराची में उसके कई ठिकाने थे। पुलिस फाइलों में वह एक खतरनाक गैंगस्टर माना जाता था।
लेकिन दूसरी तरफ उसकी एक अलग छवि भी थी। वह गरीब लोगों की मदद करता था। स्कूल और छोटे अस्पताल खुलवाए। जरूरतमंदों को पैसे देता था। इसी वजह से इलाके के कई लोग उसे अपना मसीहा मानते थे। लोग पुलिस के सामने भी उसका नाम नहीं लेते थे।
राजनीति का साथ और फिर धोखा
रहमान डकैत का संबंध पाकिस्तान पीपल्स पार्टी (PPP) से था। सिंध के ताकतवर नेता जुल्फिकार मिर्जा उसका समर्थन करते थे। बदले में रहमान चुनावों में वोट जुटाने का काम करता था। लेकिन कुछ सालों में रहमान इतना ताकतवर हो गया कि राजनीति को भी चुनौती देने लगा। उसने अपनी अलग पार्टी बना ली। इसके बाद वही सिस्टम उसके खिलाफ हो गया, जिसने पहले उसे बचाया था।
अगस्त 2009 में पुलिस ने एनकाउंटर में रहमान डकैत को मार दिया। सरकार ने कहा कि यह कार्रवाई जरूरी थी। लेकिन लोग आज भी मानते हैं कि यह एक सोची-समझी साजिश थी।
अरशद पप्पू और उजैर बलोच की दुश्मनी
रहमान की मौत के बाद गैंग की कमान उजैर बलोच के हाथ में आ गई। उजैर की दुश्मनी थी अरशद पप्पू से। कभी दोनों परिवारों में दोस्ती थी, लेकिन पुराने झगड़े और बदले की आग ने सब कुछ बदल दिया।
2013 में उजैर बलोच ने अरशद पप्पू का अपहरण किया। उसकी बहुत बेरहमी से हत्या की गई। यह घटना इतनी खौफनाक थी कि पूरे पाकिस्तान में चर्चा फैल गई। इसके बाद ल्यारी में गैंगवार लगभग खत्म हो गई।
कुछ समय बाद पाक रेंजर्स ने उजैर बलोच को गिरफ्तार कर लिया। उसके खिलाफ हत्या और अपहरण के कई मामले दर्ज हैं।
बलूचिस्तान: जहां से बगावत उठी
अब कहानी पहुंचती है बलूचिस्तान तक। यह पाकिस्तान का सबसे बड़ा प्रांत है, लेकिन सबसे गरीब भी। यहां खनिज और गैस की भरपूर संपत्ति है, फिर भी स्थानीय लोग सालों से उपेक्षा झेल रहे हैं।
1947 के बाद पाकिस्तान ने बलूचिस्तान को जबरन अपने साथ मिला लिया। तभी से यहां विरोध शुरू हो गया। समय के साथ यह विरोध हथियारबंद संघर्ष में बदल गया।
BLA क्या है?
बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) एक सशस्त्र संगठन है, जो बलूचिस्तान को पाकिस्तान से अलग करना चाहता है। संगठन ने पाकिस्तानी सेना पर कई हमले किए हैं।BLA के बड़े नेताओं में असलम बलोच शामिल थे, जिनकी 2018 में हत्या हो गई। इसके बाद संगठन में बशीर जैब बलोच की भूमिका अहम हो गई। BLA ने मजीद ब्रिगेड नाम की एक आत्मघाती इकाई बनाई, जो बड़े हमलों को अंजाम देती है।
रहमान गुल बलोच: सेना से विद्रोही तक
BLA से जुड़ा एक और नाम है रहमान गुल बलोच। वह पहले पाकिस्तानी सेना में थे। लेकिन बलूच लोगों पर हो रहे अत्याचारों से परेशान होकर उन्होंने सेना छोड़ दी। इसके बाद उन्होंने BLA को ज्वाइन किया और लड़ाकों को ट्रेनिंग देना शुरू किया। उनके आने से संगठन और ज्यादा संगठित हो गया।
इस संघर्ष में एक और नाम उभरता है—रहमान गुल बलोच। कभी पाकिस्तानी सेना का अधिकारी रहा यह शख्स, बलूचों पर हो रहे जुल्म से इतना आहत हुआ कि उसने सेना छोड़ दी और BLA जॉइन कर ली।
उसकी ट्रेनिंग से BLA के लड़ाके ज्यादा संगठित और घातक हो गए। हिट-एंड-रन हमले, ट्रेन हाईजैक और सैन्य काफिलों पर हमले—पिछले कुछ सालों में पाकिस्तान को भारी नुकसान उठाना पड़ा है।
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