उत्तर प्रदेश के बरेली में एक कैफ़े में आयोजित बर्थडे पार्टी के दौरान हुए हंगामे के मामले में पुलिस ने एक हिंदूवादी संगठन से जुड़े कई लोगों के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज की है
Bareilly cafe vandalism: उत्तर प्रदेश के बरेली में एक कैफ़े में आयोजित बर्थडे पार्टी के दौरान हुए हंगामे के मामले में पुलिस ने एक हिंदूवादी संगठन से जुड़े कई लोगों के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज की है। पुलिस का कहना है कि शुरुआती जांच में मौके पर किसी भी तरह की आपत्तिजनक गतिविधि या लगाए गए आरोपों की पुष्टि नहीं हुई है। इस घटना को लेकर सोशल मीडिया पर पुलिस की कार्रवाई को लेकर बहस भी छिड़ गई है।
क्या है Bareilly cafe vandalism मामला?
यह घटना 27 दिसंबर की है। प्रेम नगर थाना क्षेत्र स्थित एक कैफ़े में एक नर्सिंग छात्रा अपने जन्मदिन के अवसर पर अपने कुछ करीबी दोस्तों के साथ पार्टी कर रही थी। पार्टी में क़रीब दस छात्र-छात्राएं शामिल थे, जो सभी उसी कॉलेज में पढ़ते हैं।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, इसी दौरान कुछ लोग अचानक भीड़ के साथ कैफ़े में घुस आए और हंगामा शुरू कर दिया। आरोप है कि उन्होंने कैफ़े में मौजूद युवाओं से नाम पूछे, नारे लगाए और कुछ लोगों के साथ मारपीट भी की।
वीडियो वायरल
घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है, हालांकि इसकी स्वतंत्र पुष्टि नहीं हो सकी है। वायरल वीडियो में कुछ लोग कैफ़े में बैठे युवाओं से पूछताछ करते और मारपीट करते दिखाई दे रहे हैं। वीडियो में कुछ लड़कियां रोती-बिलखती नज़र आ रही हैं और पुलिस व हंगामा कर रहे लोगों से उन्हें घर जाने देने की गुहार लगाती दिखती हैं।
कैफ़े मालिक की तहरीर पर मुक़दमा
कैफ़े के मालिक शैलेंद्र गंगवार ने पुलिस को दी गई तहरीर में बताया कि हंगामा करने वाले लोग नारे लगाते हुए कैफ़े में घुसे और ग्राहकों के साथ मारपीट करने लगे। उन्होंने आरोप लगाया कि जब कैफ़े स्टाफ ने उन्हें रोकने की कोशिश की तो उनके साथ भी दुर्व्यवहार और मारपीट की गई।
कैफ़े मालिक के मुताबिक, हंगामा करने वालों ने आरोप लगाया था कि कैफ़े के अंदर ‘लव जिहाद’ चल रहा है।
किन धाराओं में दर्ज हुई एफआईआर
बरेली के सीओ सिटी आशुतोष शिवम ने बताया कि इस मामले में ऋषभ ठाकुर और दीपक पाठक समेत 20 से 25 अज्ञात लोगों के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज की गई है। मुक़दमा प्रेम नगर थाने में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 333 सहित 115(2), 352, 351(3), 324(4), 131 और 191(2) के तहत दर्ज किया गया है।
बीएनएस की धारा 333 के तहत किसी व्यक्ति को चोट पहुंचाने, हमला करने या ग़लत तरीके से रोकने की नीयत से किसी के घर या परिसर में घुसने पर सात साल तक की कैद और जुर्माने का प्रावधान है।
पुलिस जांच में क्या पता चला?
नाम न छापने की शर्त पर एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि हंगामा करने वालों द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच की गई, लेकिन मौके पर कोई भी आपत्तिजनक गतिविधि नहीं पाई गई। पुलिस के अनुसार, नर्सिंग छात्रा ने भी स्पष्ट किया कि कैफ़े में केवल बर्थडे पार्टी चल रही थी।
पुलिस ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रित किया और वहां मौजूद छात्राओं के परिजनों को बुलाकर उन्हें उनके सुपुर्द कर दिया।
आरोपियों का दावा
इस मामले में नामज़द आरोपी ऋषभ ठाकुर का कहना है कि वे अपने धर्म की रक्षा कर रहे थे और उनके ख़िलाफ़ ही मुक़दमा दर्ज कर दिया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि मामले में एकतरफ़ा कार्रवाई की गई है।
पहले दिन शांति भंग में कार्रवाई
प्रेम नगर थाना प्रभारी राज बली सिंह ने बताया कि घटना के पहले दिन दो युवकों, शान और वाक़िफ़, पर शांति भंग करने के आरोप में चालान की कार्रवाई की गई थी। बाद में मामले की विस्तृत जांच के आधार पर अन्य आरोपियों के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज की गई।
सोशल मीडिया पर पुलिस की कार्रवाई पर सवाल
इस घटना को लेकर सोशल मीडिया पर पुलिस की भूमिका को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं। कुछ यूज़र्स का आरोप है कि शुरुआत में हंगामा करने वालों पर सख़्त कार्रवाई नहीं की गई, जबकि दबाव बढ़ने के बाद मुक़दमा दर्ज किया गया।
पुलिस का कहना है कि मामले की जांच जारी है और क़ानून व्यवस्था बिगाड़ने वालों के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई की जाएगी, चाहे वे किसी भी संगठन से जुड़े हों।
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