11वीं कक्षा में पढ़ने वाली एक छात्रा ने कथित तौर पर आईफोन न मिलने से नाराज़ होकर अपनी जान दे दी
girl suicide over iPhone: उत्तर प्रदेश के जालौन जिले से एक बेहद दुखद और झकझोर देने वाली घटना सामने आई है, जहां 11वीं कक्षा में पढ़ने वाली एक छात्रा ने कथित तौर पर आईफोन न मिलने से नाराज़ होकर अपनी जान दे दी। छात्रा की मौत के बाद पूरे गांव में शोक का माहौल है और परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है। मृतका की पहचान 18 वर्षीय माया के रूप में हुई है, जो डकोर कोतवाली क्षेत्र के ग्राम कुसमीलिया की रहने वाली थी।
पिता है ऑटोचालक
जानकारी के अनुसार, माया के पिता तुलसीराम राजपूत खेती-किसानी के साथ-साथ ऑटो चलाकर अपने परिवार का भरण-पोषण करते हैं। परिवार की आर्थिक स्थिति सामान्य है। तुलसीराम के परिवार में दो बेटियां और एक बेटा है। बड़ी बेटी की शादी हो चुकी है, जबकि माया दूसरी संतान थी और गांव के राजकीय इंटर कॉलेज में कक्षा 11वीं की छात्रा थी। परिवार का बेटा मानवेंद्र भी पढ़ाई कर रहा है।
परिजनों के मुताबिक, माया पढ़ाई में सामान्य छात्रा थी और गांव में उसकी पहचान एक शांत लेकिन कुछ हद तक जिद्दी स्वभाव की लड़की के रूप में थी।
मोबाइल टूटने के बाद आईफोन की जिद
परिजनों ने बताया कि कुछ समय पहले माया का पुराना मोबाइल फोन टूट गया था। इसके बाद से वह नया मोबाइल फोन दिलाने की जिद करने लगी। शुरुआत में उसने सामान्य स्मार्टफोन की बात की, लेकिन बाद में वह एक पुराना आईफोन मांगने लगी, जिसकी कीमत करीब 40 हजार रुपये बताई जा रही है।
पिता तुलसीराम ने बताया कि परिवार की आर्थिक स्थिति इतनी मजबूत नहीं है कि वह तुरंत इतना महंगा फोन खरीद सकें। उन्होंने बेटी को समझाया कि फिलहाल उनके पास इतने पैसे नहीं हैं, लेकिन 15 दिन बाद हरी मटर की फसल बिकने पर वह उसे फोन दिलाने की कोशिश करेंगे। इसके बावजूद माया अपनी मांग पर अड़ी रही।
पहले भी करती रही थी जिद
पिता के अनुसार, माया का स्वभाव कुछ जिद्दी था। इससे पहले उसने एक घड़ी की मांग की थी, जिसे पूरा कर दिया गया था। इसके बाद उसने सोने के झुमकों की इच्छा जताई थी। हालांकि बाद में उसने झुमकों की मांग छोड़कर पूरी तरह आईफोन पर अड़ गई।
शुक्रवार को माया ने पिता से कहा था कि अगर दो दिन के भीतर उसे आईफोन नहीं मिला तो उसका “अंजाम बुरा होगा।” उस समय पिता को लगा कि वह गुस्से में ऐसा कह रही है और उन्होंने इस बात को गंभीरता से नहीं लिया।
अकेलेपन में उठाया खौफनाक कदम
शनिवार को यह हादसा हुआ। उस समय पिता तुलसीराम ऑटो चलाने गए हुए थे और मां बबली खेत में मटर तोड़ने गई थीं। घर पर माया अकेली थी। इसी दौरान उसने घर में रखी चूहा मारने की दवा खा ली।
जब मां खेत से लौटीं और भाई मानवेंद्र घर पहुंचा, तो माया ने खुद भाई को बताया कि उसने जहर खा लिया है। यह सुनते ही परिवार के लोग घबरा गए और आनन-फानन में माया को उरई मेडिकल कॉलेज ले जाया गया।
इलाज के दौरान मौत
उरई मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों ने माया की हालत को गंभीर देखते हुए उसे झांसी मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया। वहां इलाज के दौरान रविवार को उसकी मौत हो गई। माया की मौत की खबर मिलते ही गांव में मातम पसर गया। घर पर सांत्वना देने वालों का तांता लग गया।
पिता खुद को कोस रहे हैं
बेटी की मौत से टूट चुके पिता तुलसीराम खुद को लगातार कोस रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह एक गरीब किसान हैं, बटाई पर जमीन लेकर खेती करते हैं और ऑटो चलाकर किसी तरह परिवार का खर्च चलाते हैं। आईफोन जैसे महंगे मोबाइल के लिए पैसे न होने के कारण वह बेटी की मांग पूरी नहीं कर सके।
उन्होंने कहा, “अगर मुझे उसकी मन:स्थिति का अंदाजा होता तो शायद मैं उसे और समझाता या किसी तरह इंतजाम कर देता। मेरी बेटी चली गई, अब सब बेकार लग रहा है।”
समाज के लिए चेतावनी
यह घटना न सिर्फ एक परिवार की त्रासदी है, बल्कि समाज के लिए भी एक गंभीर चेतावनी है। विशेषज्ञों का मानना है कि बच्चों में बढ़ती भौतिक इच्छाएं, सोशल मीडिया का दबाव और संवाद की कमी ऐसे दुखद कदमों का कारण बन सकती है। समय रहते बच्चों की मानसिक स्थिति को समझना और उनसे खुलकर संवाद करना आज पहले से कहीं ज्यादा ज़रूरी हो गया है।
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