Central Excise Amendment Bill 2025: सिगरेट और तंबाकू प्रोडक्ट्स कितने महंगे होंगे, सच क्या है?
Central Excise Amendment Bill 2025: जानिए सिगरेट और तंबाकू प्रोडक्ट्स कितने महंगे होंगे, ₹18 की सिगरेट ₹70 होगी या नहीं, और इस फैसले का स्वास्थ्य व अर्थव्यवस्था पर क्या असर पड़ेगा।
अगर आप स्मोकिंग करते हैं या तंबाकू से जुड़े किसी भी प्रोडक्ट का इस्तेमाल करते हैं, तो आने वाले समय में आपकी जेब पर सीधा असर पड़ सकता है। संसद ने हाल ही में Central Excise Amendment Bill 2025 को पास कर दिया है, जिसके बाद सिगरेट, हुक्का, गुटखा और अन्य तंबाकू उत्पादों पर टैक्स बढ़ाने का रास्ता साफ हो गया है।
सोशल मीडिया और कुछ रिपोर्ट्स में यह दावा किया जा रहा है कि अब ₹18 की सिगरेट सीधे ₹70 या उससे ज्यादा की हो जाएगी। लेकिन क्या यह दावा सच है, या फिर हकीकत इससे अलग है? आइए इस पूरे फैसले को आंकड़ों और तथ्यों के आधार पर समझते हैं।
India Tobacco Consumption: सरकार क्यों सख्त हुई
भारत में तंबाकू सिर्फ एक व्यक्तिगत आदत नहीं, बल्कि एक बड़ी Public Health Problem है।
World Health Organization (WHO) के आंकड़ों के अनुसार, भारत में हर साल लगभग 13 लाख लोगों की मौत तंबाकू से जुड़ी बीमारियों के कारण होती है।
देश में:
- 10 करोड़ से ज्यादा लोग किसी न किसी रूप में स्मोकिंग करते हैं
- बड़ी संख्या में युवा कम उम्र में तंबाकू की लत का शिकार हो जाते हैं
सरकार का मानना है कि अगर तंबाकू उत्पाद महंगे होंगे, तो उनकी खपत कम होगी और इससे लंबे समय में स्वास्थ्य पर सकारात्मक असर पड़ेगा।
Central Excise Amendment Bill 2025 क्या है
Central Excise Amendment Bill 2025 के तहत Central Excise Act, 1944 में संशोधन किया गया है।
इसका सीधा मतलब है कि फैक्ट्री में बनने वाले तंबाकू उत्पादों पर लगने वाली Excise Duty को बढ़ा दिया गया है।
यह बदलाव खासतौर पर उन उत्पादों पर लागू होगा जो अभी भी एक्साइज ड्यूटी के दायरे में आते हैं, भले ही GST लागू हो चुका हो।
Cigarette Excise Duty: पहले और अब
बिल से पहले:
- सिगरेट पर एक्साइज ड्यूटी लगभग ₹200 से ₹235 प्रति 1000 स्टिक के बीच थी
नए संशोधन के बाद:
- यह ड्यूटी बढ़कर ₹2700 से ₹11,000 प्रति 1000 सिगरेट तक जा सकती है
यानी टैक्स में बढ़ोतरी काफी बड़ी दिखती है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि खुदरा कीमत उसी अनुपात में तुरंत बढ़ जाएगी।
Other Tobacco Products पर कितना टैक्स बढ़ा
यह संशोधन सिर्फ सिगरेट तक सीमित नहीं है:
- Chewing Tobacco पर टैक्स: 25% से बढ़कर 100% तक
- Hookah Tobacco पर टैक्स: 25% से बढ़कर 40%
- Smoking Mixtures पर टैक्स: 300% से भी अधिक
इसका असर तंबाकू के लगभग सभी प्रोडक्ट्स पर पड़ने वाला है।
₹18 की सिगरेट ₹70 होगी या नहीं?
सबसे बड़ा सवाल यही है।
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि सस्ती सिगरेट की कीमत ₹70–₹75 तक पहुंच सकती है।
लेकिन Economic Experts का कहना है कि यह दावा बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया है।
ग्राउंड लेवल पर:
- 10% से 15% तक की कीमत बढ़ोतरी ज्यादा व्यावहारिक मानी जा रही है
- ₹18 की सिगरेट की कीमत ₹21 से ₹28 के बीच जा सकती है
कीमतों पर असर इस बात पर भी निर्भर करेगा कि कंपनियां टैक्स का बोझ खुद उठाती हैं या पूरी तरह उपभोक्ताओं पर डालती हैं।
Revenue Loss और सरकार की चिंता
इस फैसले के पीछे सिर्फ सेहत नहीं, बल्कि Revenue भी एक बड़ा कारण है।
GST Compensation Cess मार्च 2025 में खत्म हो रहा है, जिससे राज्यों और केंद्र दोनों को टैक्स रेवेन्यू में कमी का डर है।
तंबाकू एक ऐसा सेक्टर है, जिससे सरकार को स्थिर और बड़ा राजस्व मिलता है।
इस नए एक्साइज बिल के जरिए सरकार उसी संभावित नुकसान की भरपाई करना चाहती है।
Youth Smoking पर क्या असर पड़ेगा
सरकार का मानना है कि महंगी सिगरेट से युवा वर्ग में स्मोकिंग की शुरुआत कम होगी।
Global Youth Tobacco Survey के अनुसार:
- करीब 8.5% लोग बहुत कम उम्र में तंबाकू शुरू कर देते हैं
अगर कीमतें बढ़ती हैं, तो पहली बार स्मोकिंग शुरू करने वालों की संख्या कम हो सकती है।
Employment और Tobacco Industry की चिंता
इस फैसले का दूसरा पहलू भी है।
भारत में लगभग 4.5 करोड़ लोग तंबाकू इंडस्ट्री से जुड़े हुए हैं—
किसान, फैक्ट्री वर्कर, ट्रांसपोर्ट, और छोटे दुकानदार।
अगर कीमतें ज्यादा बढ़ीं:
- खपत घट सकती है
- उत्पादन कम हो सकता है
- रोज़गार पर असर पड़ सकता है
Black Market का खतरा
एक और बड़ी चिंता है Illegal Tobacco Trade।
आज भी भारत में करीब 20% तंबाकू प्रोडक्ट्स गैरकानूनी तरीके से बिकते हैं।
अगर कीमतें बहुत ज्यादा बढ़ीं:
- नकली और घटिया प्रोडक्ट्स बढ़ सकते हैं
- ज़हरीले तंबाकू से स्वास्थ्य जोखिम और बढ़ सकता है




