Pinaka Rocket Test: पिनाका की उड़ान ने बढ़ाया भारत का सैन्य आत्मविश्वास, 120 किमी रेंज वाला गाइडेड रॉकेट सफल
Pinaka Rocket Test: भारत की रक्षा क्षमताओं के लिए सोमवार का दिन बेहद खास रहा। ओडिशा के चांदीपुर स्थित इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज से पिनाका लॉन्ग रेंज गाइडेड रॉकेट (LRGR-120) की पहली फ्लाइट टेस्टिंग पूरी तरह सफल रही। इस स्वदेशी रॉकेट ने अपनी पूरी 120 किलोमीटर रेंज तक उड़ान भरते हुए तय लक्ष्य पर सटीक हमला किया। यह उपलब्धि भारत की सैन्य ताकत और आत्मनिर्भर रक्षा तकनीक की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है।
यह परीक्षण रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) द्वारा किया गया। उड़ान के दौरान रॉकेट ने सभी तय इन-फ्लाइट मैन्युवर सफलतापूर्वक पूरे किए। रेंज में मौजूद आधुनिक ट्रैकिंग सिस्टम ने रॉकेट की पूरी उड़ान पर नजर रखी और हर पैरामीटर को सटीक पाया गया।
मंजूरी और परीक्षण—एक ही दिन
इस सफलता को और भी खास बनाता है यह तथ्य कि जिस दिन रॉकेट का पहला टेस्ट हुआ, उसी दिन रक्षा अधिग्रहण परिषद (DAC) ने इसे भारतीय सेना में शामिल करने की मंजूरी भी दे दी। DAC की बैठक में करीब ₹79 हजार करोड़ के सैन्य उपकरणों की खरीद को हरी झंडी दी गई, जिसमें मिसाइलें, रॉकेट और रडार सिस्टम शामिल हैं। इसी के तहत पिनाका सिस्टम के लिए लंबी दूरी के गाइडेड रॉकेट खरीदे जाएंगे।
पुराने लॉन्चर से भी ताकतवर वार
परीक्षण के दौरान LRGR-120 को भारतीय सेना में पहले से इस्तेमाल हो रहे पिनाका लॉन्चर से ही दागा गया। इससे यह साबित हुआ कि एक ही लॉन्चर से अलग-अलग रेंज के पिनाका रॉकेट चलाए जा सकते हैं। यह सेना के लिए लॉजिस्टिक्स और ऑपरेशन दोनों को आसान बनाता है।
क्या है पिनाका रॉकेट सिस्टम?
पिनाका भारत का स्वदेशी मल्टी-बैरल रॉकेट लॉन्चर (MBRL) सिस्टम है। यह एक ट्रक पर लगाया जाता है, जिसमें 12 रॉकेट ट्यूब होती हैं। आसान शब्दों में कहें तो यह ऐसा हथियार है जो बहुत कम समय में कई रॉकेट दागकर दुश्मन पर भारी और सटीक हमला कर सकता है। GPS नेविगेशन से लैस पिनाका तेज़ी और सटीकता के लिए जाना जाता है।
LRGR-120 को आर्मामेंट रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट ने हाई एनर्जी मटीरियल्स रिसर्च लैबोरेटरी के साथ मिलकर डिजाइन किया है। इसके विकास में डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट लैबोरेटरी और रिसर्च सेंटर इमारत का भी अहम योगदान रहा। वहीं, फ्लाइट टेस्ट का संचालन इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज और प्रूफ एंड एक्सपेरिमेंटल एस्टेब्लिशमेंट ने किया।
रक्षा निर्यात में भी भारत की पहचान
पिनाका सिस्टम को स्वदेशी हथियारों में एक सफल मॉडल माना जाता है। रक्षा निर्यात के क्षेत्र में भी इसकी मांग बढ़ी है। आर्मेनिया पहले ही इसे भारत से खरीद चुका है, जबकि फ्रांस समेत कई यूरोपीय देश इसमें रुचि दिखा चुके हैं। यह भारत के लिए रणनीतिक और आर्थिक—दोनों ही दृष्टि से अच्छी खबर है।
नेतृत्व की सराहना
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस उपलब्धि पर DRDO को बधाई दी। उन्होंने कहा कि लंबी दूरी के गाइडेड रॉकेटों का विकास सशस्त्र बलों की क्षमताओं को और मजबूत करेगा। DRDO चेयरमैन समीर वी. कामत ने भी पूरी टीम की सराहना की।
अंतरिक्ष क्षेत्र में भी बड़ी उड़ान
इसी बीच भारत ने अंतरिक्ष क्षेत्र में भी इतिहास रचा। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने आंध्र प्रदेश के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र, श्रीहरिकोटा से LVM3-M6 रॉकेट के जरिए अमेरिकी सैटेलाइट ब्लूबर्ड ब्लॉक-2 को सफलतापूर्वक लॉन्च किया। करीब 6,100 किलोग्राम वजनी यह अब तक भारत से लॉन्च किया गया सबसे भारी सैटेलाइट है।
निष्कर्ष
चाहे रक्षा हो या अंतरिक्ष—पिनाका की सफल उड़ान और भारी सैटेलाइट लॉन्च, दोनों ही घटनाएं यह दिखाती हैं कि भारत तकनीक, आत्मनिर्भरता और वैश्विक भरोसे की नई ऊंचाइयों को छू रहा है। यह सिर्फ एक परीक्षण नहीं, बल्कि भारत की बढ़ती सामरिक शक्ति का स्पष्ट संकेत है।
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