Delhi fake ghee racket: घी, नमक, ईनो और ऑल आउट तक नकली! दिल्ली की फैक्ट्री में चल रहा था बड़ा खेल, पुलिस भी रह गई हैरान
Delhi fake ghee racket: दिल्ली-एनसीआर में नकली ब्रांडेड सामान का कारोबार कोई नई बात नहीं है, लेकिन इस बार जो मामला सामने आया है, उसने पुलिस के साथ-साथ आम लोगों को भी चौंका दिया है। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने कंझावला इलाके में चल रही एक ऐसी फैक्ट्री पर छापा मारा, जहां रोज़मर्रा में इस्तेमाल होने वाले मशहूर ब्रांड्स के नकली घरेलू प्रोडक्ट्स बनाए जा रहे थे।
घी से लेकर नमक, ईनो, ऑल आउट और वीट जैसी चीजें—जो सीधे हमारी सेहत से जुड़ी हैं—इन सबकी नकली पैकिंग कर बाजार में बेची जा रही थी। छापेमारी के दौरान जो नज़ारा सामने आया, उसने जांच टीम को भी हैरान कर दिया।
कंझावला की फैक्ट्री में क्या मिला?
क्राइम ब्रांच की टीम को गुप्त सूचना मिली थी कि कंझावला इलाके में एक फैक्ट्री में नकली ब्रांडेड प्रोडक्ट्स बनाए जा रहे हैं। जब टीम ने छापा मारा, तो वहां भारी मात्रा में नकली सामान बरामद हुआ।
पुलिस ने मौके से:
- 1,131 लीटर नकली घी
- ईनो के 8,640 पाउच
- ऑल आउट के 1,200 पीस
- वीट के 1,152 पैकेट
- टाटा नमक के 3,000 किलो बैग
जब्त किए। ये सभी प्रोडक्ट्स नामी कंपनियों की नकली पैकिंग में तैयार किए गए थे, ताकि आम ग्राहक को शक न हो।
कौन-कौन से ब्रांड बनाए जा रहे थे नकली?
पुलिस के अनुसार, फैक्ट्री में अमूल, पतंजलि और मधुसूदन जैसे मशहूर ब्रांड्स के नाम पर नकली घी तैयार किया जा रहा था। इसके अलावा ईनो, ऑल आउट, वीट और टाटा नमक जैसे घरेलू प्रोडक्ट्स भी नकली बनाए जा रहे थे।
सबसे हैरानी की बात यह रही कि घी बनाने में सस्ते और संदिग्ध केमिकल, तेल और मिलावटी पदार्थ इस्तेमाल किए जा रहे थे, जो सीधे लोगों की सेहत के लिए खतरनाक साबित हो सकते थे।
चार आरोपी गिरफ्तार
इस मामले में पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार किया है:
- नितिन कुमार (38 वर्ष)
- सुरेंद्र गुर्जर (45 वर्ष)
- रजत सिंघल उर्फ चिंटू (38 वर्ष)
- मुजाहिद उर्फ कार्तिक (38 वर्ष)
क्राइम ब्रांच के डीसीपी विक्रम सिंह के मुताबिक, ये आरोपी लंबे समय से इस नकली कारोबार में शामिल थे और दिल्ली-एनसीआर के अलग-अलग इलाकों में यह सामान सप्लाई कर रहे थे।
नए साल से पहले बड़ा खुलासा
पुलिस का मानना है कि आरोपी नए साल के जश्न से पहले बाजार में ज्यादा से ज्यादा नकली सामान खपाने की तैयारी में थे। त्योहारों और साल के अंत में घी, नमक और घरेलू उत्पादों की मांग बढ़ जाती है, इसी का फायदा उठाकर यह गिरोह मोटा मुनाफा कमाना चाहता था।
सेहत और भरोसे—दोनों पर हमला
यह मामला सिर्फ नकली सामान बेचने का नहीं है, बल्कि यह लोगों की सेहत से सीधा खिलवाड़ है। नकली घी और खाने-पीने की चीजें लंबे समय तक इस्तेमाल करने से:
- पेट की गंभीर बीमारियां
- लीवर और हार्ट से जुड़ी समस्याएं
- फूड पॉइज़निंग
- बच्चों और बुजुर्गों में कमजोर इम्यूनिटी
जैसे खतरे बढ़ सकते हैं।
इसके अलावा, इस तरह का नकली कारोबार नामी कंपनियों की साख और अर्थव्यवस्था को भी नुकसान पहुंचाता है।
कैसे बचें नकली प्रोडक्ट्स से?
पुलिस और एक्सपर्ट्स की सलाह है कि:
- हमेशा अधिकृत दुकानों से ही सामान खरीदें
- पैकिंग पर होलोग्राम, बैच नंबर और एक्सपायरी डेट जरूर जांचें
- बहुत सस्ते दाम पर मिलने वाले ब्रांडेड प्रोडक्ट्स से सावधान रहें
- शक होने पर संबंधित कंपनी या कस्टमर केयर से संपर्क करें
जांच अभी जारी
दिल्ली पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है कि इस रैकेट का नेटवर्क कितना बड़ा है और नकली सामान किन-किन इलाकों तक पहुंचाया गया। पुलिस को शक है कि इसमें और भी लोग शामिल हो सकते हैं।
निष्कर्ष
कंझावला की इस फैक्ट्री पर हुई कार्रवाई ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि नकली सामान का खतरा हमारे बिल्कुल करीब है। थोड़ी सी लापरवाही हमारी सेहत पर भारी पड़ सकती है। इसलिए जागरूक रहें, सतर्क रहें और भरोसेमंद जगह से ही सामान खरीदें।
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