Aadhaar card के बढ़ते उपयोग के साथ आधार के दुरुपयोग की शिकायतें भी बढ़ी हैं। इसी को देखते हुए भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) अब आधार कार्ड का एक नया और अधिक सुरक्षित स्वरूप लाने की तैयारी में है।
भारत में आज के समय में Aadhaar card सबसे व्यापक रूप से उपयोग होने वाला पहचान दस्तावेज़ बन चुका है। बैंक, पासपोर्ट, पैन कार्ड, स्कूल एडमिशन, सरकारी योजनाएँ लगभग हर जगह इसकी ज़रूरत पड़ती है। करोड़ों भारतीयों की पहचान, जन्मतिथि और पता इस एक दस्तावेज़ में दर्ज है। लेकिन Aadhaar card के बढ़ते उपयोग के साथ आधार के दुरुपयोग की शिकायतें भी बढ़ी हैं। इसी को देखते हुए भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) अब आधार कार्ड का एक नया और अधिक सुरक्षित स्वरूप लाने की तैयारी में है।
क्या बदलने वाला है नए Aadhaar card में?
UIDAI जल्द ही ऐसा Aadhaar card जारी करने जा रहा है जिसमें न तो व्यक्ति का पता दिखाई देगा, न जन्मतिथि, और न ही 12 अंकों वाला आधार नंबर। इस नए कार्ड में सिर्फ व्यक्ति की फोटो और एक QR कोड मौजूद होगा। यही QR कोड पहचान सत्यापन के लिए इस्तेमाल किया जाएगा।
UIDAI के सीईओ भुवनेश कुमार ने एक ऑनलाइन कॉन्फ्रेंस में बताया कि दिसंबर से नए नियम लागू करने की तैयारी है। इसका उद्देश्य ऑफ़लाइन वेरिफ़िकेशन को कम करना और नागरिकों की गोपनीयता को मजबूत बनाना है।
ऑफ़लाइन वेरिफ़िकेशन क्यों कम किया जाएगा?
कई होटल, इवेंट ऑर्गेनाइज़र और संस्थान आज भी पहचान सत्यापन के लिए Aadhaar card की फोटोकॉपी लेते हैं और उसे अपने पास संग्रहित कर लेते हैं। इससे आधार नंबर और व्यक्तिगत जानकारी रिस्क में पड़ जाती है।
उदाहरण के रूप में, होटल में चेक-इन के समय अक्सर मेहमानों के Aadhaar card की कॉपी ली जाती है। ऐसे मामलों में आधार की संवेदनशील जानकारी पता, जन्मतिथि, आधार नंबर अन्य लोगों के कब्ज़े में आ जाती है, जिससे फ़्रॉड का खतरा बढ़ जाता है।
UIDAI एक्ट में ऑफ़लाइन वेरिफ़िकेशन के दौरान आधार संख्या या बायोमेट्रिक जानकारी को किसी भी रूप में स्टोर करने की मनाही है। इसके बावजूद ऐसी घटनाएँ आम रहती हैं। नया आधार कार्ड इस जोखिम को कम करेगा, क्योंकि कार्ड पर कोई संवेदनशील जानकारी दिखाई ही नहीं देगी।
UIDAI प्रमुख ने क्या कहा?
भुवनेश कुमार की स्पष्ट टिप्पणी थी “हम इस बात पर विचार कर रहे हैं कि Aadhaar card पर क्या जानकारी होनी चाहिए। इसमें केवल एक फोटो और एक QR कोड होना चाहिए।”
उनका कहना है कि जब तक कार्ड पर जानकारी छापी जाती रहेगी, उतने ही अधिक लोग उसी कार्ड को ऑफ़लाइन दस्तावेज़ की तरह इस्तेमाल करते रहेंगे और दुरुपयोग की संभावना बनी रहेगी।
किस बात का प्रमाण है आधार?
यह अक्सर गलतफ़हमी रहती है कि आधार नागरिकता या जन्मतिथि का प्रमाण है, लेकिन ऐसा नहीं है। UIDAI ने बार-बार स्पष्ट किया है की “आधार केवल पहचान का प्रमाण है। यह नागरिकता का प्रमाण नहीं है। यह जन्मतिथि का आधिकारिक प्रमाण भी नहीं है।”
हाल ही में चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि सिर्फ आधार नंबर के आधार पर किसी व्यक्ति का नाम मतदाता सूची में नहीं जोड़ा जा सकता। साथ ही आयोग ने यह भी बताया कि आधार एड्रेस प्रूफ़ नहीं है।
पते के प्रमाण के लिए पासपोर्ट, बिजली बिल, बैंक स्टेटमेंट, रेंटल एग्रीमेंट जैसे दस्तावेज़ मान्य हैं।
नया आधार ऐप और भी आसान व सुरक्षित प्रोसेस
UIDAI ने एक नया आधार ऐप भी लॉन्च किया है, जिसके जरिए नागरिक अपना एड्रेस प्रूफ़ अपडेट कर सकते हैं, परिवार के उन सदस्यों को जोड़ सकते हैं जिनके पास मोबाइल नहीं है, फेस रिकग्निशन के जरिए मोबाइल नंबर अपडेट कर सकते हैं।
आगे चलकर इस ऐप के QR कोड को पहचान सत्यापन के लिए कई जगहों पर भी इस्तेमाल किया जा सकेगा जैसे सिनेमा हॉल, सरकारी तथा निजी कार्यक्रमों में प्रवेश, होटल चेक-इन, स्कूल व कॉलेज सत्यापन, आवासीय सोसायटियों में एंट्री ऐसा होने पर कागज़ी आधार दिखाने और उसकी कॉपी देने की ज़रूरत लगभग खत्म हो जाएगी।
1 दिसंबर को होगी अंतिम समीक्षा
UIDAI द्वारा प्रस्तावित बदलावों की समीक्षा आगामी 1 दिसंबर को की जाएगी। इसके बाद नए Aadhaar card फॉर्मेट और वेरिफ़िकेशन सिस्टम को लागू किया जा सकता है।
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