
अयोध्या के श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी, आचार्य सत्येंद्र दास का 12 फरवरी 2025 को लखनऊ के संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (SGPGI) में निधन हो गया
अयोध्या के श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी, आचार्य सत्येंद्र दास का 12 फरवरी 2025 को लखनऊ के संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (SGPGI) में निधन हो गया । बता दें की 3 फरवरी को ब्रेन स्ट्रोक के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था, इसके बाद 87 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया।
आचार्य सत्येंद्र दास: जानते हैं उनके जीवन के बारे में
चलिए जानते हैं आचार्य सत्येंद्र दास का जन्म 20 मई 1945 को उत्तर प्रदेश के संत कबीरनगर जिले में हुआ था। बचपन से ही वे भक्ति भाव में रुचि रखते थे और अपने पिता के साथ अयोध्या के अभिराम दास जी के आश्रम में आते-जाते थे। अभिराम दास वही संत थे जिन्होंने 22-23 दिसंबर 1949 की रात राम जन्मभूमि के गर्भगृह में राम, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न और सीता जी की मूर्तियों के प्रकट होने का दावा किया था।
वही इन घटनाओं से प्रभावित होकर, सत्येंद्र दास ने 1958 में संन्यास लेने का निर्णय लिया और अभिराम दास के आश्रम में रहकर संस्कृत की पढ़ाई शुरू की। उन्होंने गुरुकुल पद्धति से शिक्षा प्राप्त की और संस्कृत में आचार्य की डिग्री हासिल की।
आचार्य सत्येंद्र दास: कहां से की उन्होंने शिक्षा प्राप्त
1976 में, आचार्य सत्येंद्र दास को अयोध्या के संस्कृत महाविद्यालय में व्याकरण विभाग में सहायक शिक्षक के रूप में नियुक्ति मिली। इस दौरान, वे राम जन्मभूमि परिसर में पूजा-अर्चना भी करते रहे। 1992 में, तत्कालीन रिसीवर ने उन्हें राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी के रूप में नियुक्त किया। तब से, वे निरंतर रामलला की सेवा में समर्पित रहे।
6 दिसंबर 1992 को बाबरी विध्वंस के दौरान, जब विवादित ढांचे को गिराया जा रहा था, आचार्य सत्येंद्र दास ने रामलला की मूर्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित की। उन्होंने रामलला, भरत और शत्रुघ्न भगवान की मूर्तियों को गोद में लेकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। इस घटना के बाद, रामलला को अस्थायी टेंट में स्थापित किया गया, जहां आचार्य सत्येंद्र दास ने उनकी सेवा जारी रखी।
आचार्य सत्येंद्र दास: 34 साल बिताए रामलाल के साथ
वही आचार्य सत्येंद्र दास ने अपने जीवन के 34 से अधिक वर्ष रामलला की सेवा में बिताए। उनकी विद्वत्ता और समर्पण के कारण, वे अयोध्या और उससे परे भी सम्मानित थे। उनकी सरलता और सुलभता के कारण, देशभर के मीडियाकर्मी अयोध्या और राम मंदिर से संबंधित जानकारी के लिए उनसे संपर्क करते थे।
आचार्य सत्येंद्र दास: निधन पर मुख्यमंत्री ने जताया शोक
उनके निधन पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शोक व्यक्त करते हुए कहा, “परम रामभक्त, श्री राम जन्मभूमि मंदिर, श्री अयोध्या धाम के मुख्य पुजारी आचार्य श्री सत्येंद्र कुमार दास जी महाराज का निधन अत्यंत दुःखद एवं आध्यात्मिक जगत की अपूरणीय क्षति है। विनम्र श्रद्धांजलि!”
आचार्य सत्येंद्र दास: आचार्य सत्येंद्र दास के शरीर को लाया गया अयोध्या
आचार्य सत्येंद्र दास का पार्थिव शरीर अयोध्या लाया जाएगा, जहां उनके आश्रम सत्य धाम गोपाल मंदिर में अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। उनकी अंतिम यात्रा में अनेक श्रद्धालु, संत, और गणमान्य व्यक्ति शामिल होंगे। उनका निधन न केवल अयोध्या, बल्कि समस्त आध्यात्मिक जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है।
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